यूपी में आरोग्य मंदिरों की सफाई पर संकट! नहीं मिल रहा बजट; अधिकारी अपने वेतन से करा रहे स्वच्छ
लखनऊ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को आयुष्मान आरोग्य मंदिर की सफाई के लिए बजट नहीं मिल रहा है जिससे 17 हजार मंदिरों की सफाई व्यवस्था खतरे में है। सीएचओ जन आरोग्य समिति या अपने वेतन से सफाई करा रहे हैं पर बजट की कमी है। कर्मचारी संघ ने वेतन जारी करने की मांग की है अन्यथा विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) से तैनात सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ) को आयुष्मान आरोग्य मंदिर की सफाई का बजट नहीं मिल रहा है। कहीं छह माह तो कहीं एक वर्ष से सफाई का बजट रुका हुआ है।
समय पर भुगतान न होने के कारण लगभग 17 हजार आरोग्य मंदिरों की सफाई व्यवस्था ठप होने वाली है। अभी सीएचओ जन आरोग्य समिति के खाते या फिर अपने वेतन से सेंटर की सफाई करा रहे हैं लेकिन दोनों ही जगह बजट का संकट हो गया है। स्थिति यह है कि इन आरोग्य मंदिरों पर सफाई कर्मचारी की तैनाती भी नहीं की गई है।
प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 17 हजार सीएचओ आयुष्मान आरोग्य मंदिर में तैनात हैं। इनके साथ एएनएम (आक्जिलरी नर्स मिडवाइफ) और आशा (एक्रिडिटेड सोशल हेल्थ एक्टिविस्ट) की तैनाती भी की गई है। लेकिन सफाई के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है।
सिर्फ छह हजार रुपये वर्ष में एक बार इस मद में दिए जाने की व्यवस्था है। वह भी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) समय पर नहीं दे रहा है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश के कार्यकारी सदस्य सीएचओ संदीप तिवारी ने बताया कि निदेशक एनएचएम को सीएचओ की सफाई के बजट सहित अन्य समस्याओं के लिए पत्र लिखा गया है। इसमें गाइड लाइन के अनुसार कार्य लेने का भी अनुरोध किया गया है।
सीएचओ यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह का कहना है कि हमसे आनलाइन पोर्टल और ग्रामीण स्तर पर अनेक काम करवा रहे हैं। वेतन कम है, सुरक्षा की कोई जिम्मेदारी नहीं है, कई जिलों में महीनों से वेतन रुका हुआ है।
इसके बावजूद सीएचओ अपने कार्य कर रहे हैं लेकिन हमारी समस्या को समझकर दूर करने की जगह पीलीभीत में आनलाइन लोकेशन मांगने का नया आदेश थोपा जा रहा है। सीएचओ यूनियन इस आदेश को वापस लेने की मांग कर रही है।
वेतन नहीं मिला तो 24 सितंबर को विरोध प्रदर्शन
संयुक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश ने उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को पत्र लिखकर अगस्त का लंबित वेतन तत्काल जारी कराने की मांग की है। जिससे लगभग डेढ़ लाख संविदा कर्मचारियों को राहत मिल सके। प्रदेश महामंत्री योगेश कुमार उपाध्याय ने बताया कि
23 सितंबर तक भुगतान न हुआ तो 24 सितंबर को प्रदेश भर के एनएचएम संविदा कर्मचारी मंडलायुक्त/अपर निदेशक ज्ञापर देकर विरोध दर्ज कराएंगे। उन्होंने कहा कि संविदा कार्मिकों का जीवन-यापन पूरी तरह से मासिक वेतन पर निर्भर है।
समय पर वेतन न मिलने से परिवार भरण-पोषण, बच्चों की शिक्षा, मकान किराया, बिजली बिल और दैनिक आवश्यकताएं पूरा करने में दिक्कतें आ रही हैं। त्योहार के समय में वेतन न मिलने से कर्मचारियों को और अधिक दिक्कत हो रही है।
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