Lucknow: दृष्टिबाधित को राह दिखाएगी ये मशीन, AKTU के शोधार्थी राकेश जोशी ने तैयार की ब्लाइंड असिस्टेंट डिवाइस
ब्लाइंड असिस्टेंट डिवाइस को अपने पास रखने से दृष्टिबाधित व्यक्ति अपने रास्ते में आने वाली तमाम चीजों की जानकारी पा सकेंगे। यहीं नहीं रास्ते में अपने अ ...और पढ़ें

लखनऊ, [विवेक राव]। तकनीकी की दुनिया में अब कुछ भी असंभव नहीं रहा है, अभी तक जो दृष्टिबाधित देख नहीं सकते थे। उनके लिए एक ऐसा डिवाइस तैयार किया गया है, जिसके सहारे वह अपनी राह को आसान बना सकते हैं। इस दिशा में डा. एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय (एकेटीयू) के सेंटर फार एडवांस्ड स्टडीज में शोधार्थियों ने एक ब्लाइंड असिस्टेंट डिवाइस तैयार किया है, जिसमें मशीन लर्निंग, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल किया गया है।
यह ब्लाइंड असिस्टेंट डिवाइस को अपने पास रखने से दृष्टिबाधित व्यक्ति अपने रास्ते में आने वाली तमाम चीजों की जानकारी पा सकेंगे। यहीं नहीं रास्ते में अपने अवरोध को जानकर सुरक्षित चल सकेंगे। इस डिवाइस को रखने के साथ उन्हें किसी भी व्यक्ति के सहारे की जरूरत नहीं पड़ेगी। डिवाइस में लगा सेंसर उन्हें हर चीज से सतर्क करेगा। एकेटीयू में अब इस डिवाइस को व्यवसायिक उपयोग के लिए भी तैयार किया जा रहा है। जो बहुत जल्द बाजार में बिक्री के लिए भी उपलब्ध होगा।
डिवाइस में डाली गई है सैकड़ों इमेज : इस डिवाइस में मशीन लर्निंग टेक्नोलाजी का इस्तेमाल करके दैनिक चीजों के इमेज को रखा गया है। पांच से छह हजार रुपये में यह डिवाइस बाजार में उपलब्ध होगा। इस डिवाइस में सेंसर, कैमरा, सिंगल बोर्ड कंप्यूटर है। इसमें ईयर फोन लगाया जा सकता है। इस डिवाइस में अभी 80 तरीके के इमेज को डाला गया है। ये इमेज दैनिक उपयोग की वस्तुएं हैं।
शोधार्थी राकेश जोशी ने बताया कि डिवाइस में जो इमेज डाली गई है, अगर वह इमेज डिवाइस के सामने आती है तो उस डिवाइस में लगा सेंसर उसकी पहचान करने के बाद तुरंत एलर्ट करता है, कि सामने कौन सी चीज रखी गई है। इस डिवाइस को ईयर फोन के सहारे दृष्टिबाधित व्यक्ति लगा सकते हैं। एकेटीयू मे प्रो. एमके दत्ता और शोधार्थी राकेश जोशी ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के सहारे इस डिवाइस को तैयार किया है।

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