Lucknow: 'अवैध रूप से बन रहे थे पटाखे, इसलिए...', मृतक आलम समेत पांच पर गैर-इरादतन हत्या की FIR
लखनऊ के कुर्सी रोड स्थित बेहटा गांव में विस्फोट के बाद पुलिस ने मृतक आलम समेत पांच लोगों पर गैर-इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। जांच में पता चला कि वे अवैध रूप से पटाखों का निर्माण कर रहे थे। पुलिस अन्य आरोपियों और मामले में शामिल पुलिसकर्मियों की भूमिका की भी जांच कर रही है। आरोपियों पर विस्फोटक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। कुर्सी रोड स्थित बेहटा गांव में एक दिन के अंदर दो विस्फोट के बाद गुडंबा पुलिस सक्रिय हुई और मृतक आलम समेत पांच लोगों पर गैर-इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया। यह मुकदमा निलंबित चौकी इंचार्ज दारोगा संतोष कुमार पटेल की तहरीर पर दर्ज किया गया है।
एसीपी गाजीपुर अनिद्य विक्रम सिंह ने बताया कि मुकदमे में तीन नामजद आलम व उसके परिवारजन हैं। वहीं, दो लोग गांव में अवैध फैक्ट्री का संचालन कर रहे हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।
दारोगा संतोष कुमार पटेल की तहरीर के मुताबिक, विस्फोट में सात लोग घायल हुए थे, जिन्हें अस्पताल भेजा गया था। जहां डाक्टरों ने आलम और उनकी पत्नी मुन्नी को मृत घोषित कर दिया था। जबकि इरशाद, नदीम, जैद, इरम और नूरजहां गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिनका इलाज चल रहा है।
विस्फोट के बाद पुलिस ने जांच और इलाके के लोगों से पूछताछ की तो सामने आया कि आलम और उसके भाई मुन्ना के परिवार के लोग अवैध रूप से पटाखों का निर्माण और भंडारण कर रहे थे, जिसके लिए उनके पास लाइसेंस नहीं था।
विस्फोटक अधिनियम की शर्तों के खिलाफ निर्माण और भंडारण किया जा रहा था, जिसके कारण घटना हुई और दो लोगों ने अपनी जान गंवा दी। घटना के बाद आलम के भतीजे शेरू और शोएब के साथ-साथ गांव के टीनू उर्फ अली अहमद और अली को भी नामजद किया गया है।
पुलिस ने बताया कि ग्रामीणों ने बताया कि आलम के अलावा बड़े स्तर पर टीनू और अली भी गांव में पटाखों का निर्माण करते हैं। उनकी तलाश में टीम ने दबिश दी, लेकिन वे फरार हो चुके थे। एसीपी ने बताया कि मामले की जांच दारोगा त्रिविक्रम सिंह को सौंपी गई है और आगे की कार्रवाई की जाएगी।
अन्य पुलिसकर्मियों की भूमिका की जांच
घटना के बाद पुलिस उपायुक्त पूर्वी शशांक सिंह ने चौकी इंचार्ज संतोष कुमार पटेल और बीट सिपाही धर्मेश चहर को निलंबित कर दिया था। इसके साथ ही अन्य पुलिसकर्मियों की भूमिका की जांच के आदेश दिए थे। ऐसे में इतने बड़े स्तर पर किसकी शह पर फैक्ट्री चल रही थी। इसका पता लगाया जा रहा है। नाम सामने आने पर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
इन धाराओं में दर्ज हुआ मुकदमा
- बीएनएस 105: गैर-इरादतन हत्या है। इसमें पांच से दस वर्ष की सजा है।
- बीएनएस 110: गैर-इरादतन हत्या के प्रयास से संबंधित है।
- बीएनएस 3(5): कई लोग मिलकर अपराध करते हैं, तो वे सभी उस अपराध के लिए वैसे ही जिम्मेदार माने जाएंगे।
- विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 1908(3): कोई गैरकानूनी और दुर्भावनापूर्ण तरीके से किसी विस्फोटक पदार्थ का विस्फोट करता है।
- विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 1908(4): विस्फोटक पदार्थ को बनाने या रखने के इरादे से संबंधित है।
- विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 1908(5): किसी व्यक्ति द्वारा विस्फोटक पदार्थ को ऐसी परिस्थितियों में बनाने, कब्जे में रखना जो अपराध से संबंधित है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।