Lok Sabha Election 2024: लोकगीतों के जरिये भाजपा सरकार की नाकामियां गिनाएगी सपा
विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए में शामिल समाजवादी पार्टी व कांग्रेस की सीटों के बंटवारे को लेकर बुधवार को नई दिल्ली में बैठक होने जा रही है। पहले यह बैठक 12 जनवरी को होनी थी किंतु कांग्रेस की प्रदेश इकाई की ओर से तैयारी न होने के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था। सपा ने पिछले दिनों सीटों के बंटवारे के फार्मूले पर चर्चा के लिए पांच सदस्यीय पैनल बनाया था।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। 'महंगाई बनकर डायन ने सबकी चूल्हे हिला दिया...छोटे उद्योग-धंधों को मिट्टी में मिला दिया...।' 'जनता जान गई भाजपा की होशियारी रे... अब तो हमरी बारी रे...।' कुछ इस तरह के लोकगीत सपा ने भाजपा सरकार को घेरने के लिए बनवाए हैं। इनका प्रयोग गांव-गांव में चौपाल लगाकर किया जाएगा। लोकगीतों के जरिये समाजवादी पार्टी भाजपा सरकार की नाकामियां जनता के सामने रखेगी।
सपा ने यह जिम्मा समाजवादी सांस्कृतिक प्रकोष्ठ को सौंपा है। इस माह के अंत तक सपा का अभियान शुरू हो जाएगा। समाजवादी सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के स्थानीय कलाकार चौपाल लगाकर लोकगीतों के जरिये भाजपा सरकार को घेरेंगे। इस दौरान कलाकार भाजपा सरकार की नाकामियां गिनाने वाले गीत गाएंगे, सपा नेता समाजवादी सरकार के दौरान की उपलब्धियां बताएंगे।
सपा ने मुख्य रूप से महंगाई, बेरोजगारी, कानून-व्यवस्था, आरक्षण पर संकट, निराश्रित पशुओं व किसानों की समस्याओं आदि के मुद्दे पर लोकगीत तैयार किए गए हैं। समाजवादी कैसे होते हैं उसे बताने के लिए भी पार्टी ने कुछ गीत तैयार करवाएं हैं। उनके बोल कुछ इस तरह हैं...'खाटी समाजवादी दिलदार होले हो...वादा का पक्का दिलबहार होले हो...।'
सपा के चुनाव निशान साइकिल व अखिलेश यादव के लिए भी कुछ लोकगीत बनाए गए हैं। समाजवादी सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष धर्मेंद्र सोलंकी ने बताया कि इस माह के अंत तक गांव-गांव चौपाल लगाने का कार्यक्रम शुरू हो जाएगा। इसमें भाजपा सरकार के वादे जनता को याद दिलाए जाएंगे।
यह बताया जाएगा कि चुनाव के समय जनता से जो वादे किए गए थे उसे आज तक पूरा नहीं किया गया। मुख्य मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए ही भाजपा इवेंट पर इवेंट का आयोजन करती रहती है। इन सब मुद्दों पर लोकगीत तैयार करवाए गए हैं।
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