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    Lohri Celebration Lucknow: लखनऊ में उल्लास की लोहड़ी में रीति-रिवाज के रंग, दिखे ढोल-ताशे पर ऐसे मनोरम दृश्य

    By Divyansh RastogiEdited By:
    Updated: Thu, 14 Jan 2021 12:22 AM (IST)

    Lohri in Lucknow भांगड़ा-गिद्दा के साथ गुरुद्वारों में सजा दरबार। गुरुनानक महिला महाविद्यालय में मनी लोहड़ी। उत्सव के दौरान मक्के का दाने व मूंगफली और ...और पढ़ें

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    Lohri in Lucknow: भांगड़ा-गिद्दा के साथ गुरुद्वारों में सजा दरबार। पारंपरिक गीत पर सिख-पंजाबी समाज के लोगों ने नृत्य किया।

    लखनऊ, जेएनएन। Lohri in Lucknow: उल्लास की लोहड़ी पर बुधवार को जहां परंपरा का रंग नजर आया तो दूसरी ओर गुरुद्वारों में संगतों ने मत्था टेका। बासमंडी चौराहा स्थित गुरुनानक बालिका डिग्री कॉलेज में दिन में लोहड़ी मनाई गई। प्राचार्य सुरभि गर्ग ने बताया कि लोहड़ी जलाने के साथ ही गिद्दा और भांगड़ा किया गया। कोरोना के चलते छोटे स्तर पर आयोजन हुआ। पारंपरिक परिधानों को धारण करके छात्राओं ने माहौल को लोहड़ी के रंगों में रंग दिया। उत्सव के दौरान मक्के का दाने व मूंगफली और काले तिल के लड्डू आग में डाले गए।

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    लोहड़ी का नाम आते ही मन में खुशी और उल्लास का दृश्य आंखों के सामने आ जाता है। ढोल-ताशे पर भांगड़ा और गिद्दा का मनोरम दृश्य का सुखद एहसास पर्व को लेकर आस्था और विश्वास को और प्रगाढ़ करता है। पारंपरिक गीत सुंदरिए मुंदरिए तेरा कौन विचारा हो, दुल्ला भट्टी वाला हो...पर सिख-पंजाबी समाज के लोगों ने नृत्य किया। गीतों के साथ आग में रेवड़ी, मूंगफली, पट्टी व मखाना डालकर खुशियां मनाई।

    लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह बग्गा ने बताया कि लोहड़ी खुशी बांटने का पर्व है। इसे मनाने के पीछे कथा है कि दुल्ला नामक डाकू अमीरों को लूट कर गरीबों का दान करता था। एक दिन उसके साथी एक विवाहिता को लूटकर उसे साथ ले गए और डाकू के सामने पेश किया। डाकू साथियों पर नाराज हुआ और विवाहिता को उसके पिता के घर भेज दिया। पिता ने उसे स्वीकार करने से मना कर दिया। उसने ससुराल पक्ष को भेजा तो उन्होंने ने भी अपनाने से मना कर दिया। डाकू ने उसे अपनी बेटी का दर्जा कर लोहड़ी के दिन ही धूमधाम से शादी की। उसी दिन से लोहड़ी मनाई जाती है। उल्लास के पर्व पर गुरुद्वारा नाका हिंडोला में शाम विशेष दीवान के साथ लोहड़ी जलाई गई। 

    इनकी रही खास लोहड़ी

    • आलमबाग के चंदरनगर निवासी प्रमोद मलिक के घर दो जुड़वा बच्चे निर्भय व निरवैर की पहली लोहड़ी है। बेटे निशांत व बहू नित्या ने रिश्तेदारों के साथ हुसैनगंज के एक होटल में उत्सव मनाया। 
    • आलमबाग के अमरप्रीत सिंह की दिवज्योत कौर के साथ 2019 में शादी हुई थी। 24 अक्टूबर को संतान सुख की प्राप्ति हुई। उन्होंने बेटे अविराज सिंह के साथ आलमबाग गुरुद्वारे में लोहड़ी मनाई। 
    • रामनगर निवासी निवासी यशप्रीत सिंह के भाई चरनप्रीत सिंह व बेटे सर्वजीत की शादी के बाद पहली लोहड़ी है। उन्होंने पहले गुरुद्वारे फिर घर में लोहड़ी मनाई। 
    • यहियागंज में कुलविंदर सिंह ने बेटे सोनिहाल सिंह की शादी की पहली लोहड़ी बहू गुरदीप कौर के साथ मनाई।