Updated: Sat, 02 Nov 2024 09:42 PM (IST)
लोहिया संस्थान ने मरीजों के लिए एक बड़ी सुविधा शुरू की है। अब संस्थान के सभी विभागों में भर्ती होने वाले गंभीर रोगियों के तीमारदारों को दवा के लिए फार्मेसी काउंटर के सामने घंटों लाइन में नहीं लगना पड़ेगा। दवाएं और सर्जिकल उपकरण सीधे बेड पर मुहैया कराया जाएगा। इस व्यवस्था से रोजाना 1500 से अधिक मरीजों के तीमारदारों को राहत मिलेगी।
विकास मिश्र, लखनऊ। लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती होने वाले मरीजों को बड़ी राहत दी गई है। अब संस्थान के सभी विभागों में भर्ती होने वाले गंभीर रोगियों के तीमारदारों को दवा के लिए फार्मेसी काउंटर के सामने घंटों लाइन में नहीं लगना पड़ेगा। दवाएं और सर्जिकल उपकरण सीधे बेड पर मुहैया कराया जाएगा। निदेशक प्रो. सीएम सीएम सिंह ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है, एक नवंबर से लागू हो गया है।
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इसके साथ ही लोहिया डोजियर सिस्टम लागू करने वाला प्रदेश का दूसरा सरकारी संस्थान बन गया है। वर्तमान में राज्य में सिर्फ एसजीपीजीआइ में ही बेडसाइड डिलीवरी की सुविधा है। लोहिया संस्थान के विभिन्न विभागों में 1253 बेड पर मरीजों की भर्ती होती है। इसके अलावा शहीद पथ के मातृ एवं शिशु अस्पताल में साढ़े तीन सौ बेड पर रोगियों को भर्ती कर इलाज मुहैया कराया जाता है। रोजाना 3000-3500 मरीजों की ओपीडी होती है।
1500 से अधिक गंभीर मरीजों को बड़ी राहत
संस्थान प्रशासन के बेडसाइड डिलीवरी व्यवस्था लागू करने के निर्णय से 1500 से अधिक गंभीर मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी। नई व्यवस्था के तहत सुपर स्पेशलियटी विभाग, मातृ एवं शिशु अस्पताल के सभी विभाग, इमरजेंसी और सभी आइसीयू में भर्ती होने वाले रोगियों को अब सीधे बेड पर दवाएं मिलेंगी। इसका सबसे अधिक फायदा सर्जरी कराने वाले रोगियों को मिलेगा।
कई बार मरीज के आपरेशन थिएटर में जाने के बाद तीमारदार को दवाओं या सर्जिकल उपकरण लाने के लिए पर्चा थमा दिया जाता है, जिसमें घंटों लग जाते हैं और सर्जरी प्रभावित होती है। अभी तक तीमारदारों को फार्मेसी से दवा या सर्जिकल उपकरण लाने में चार-पांच घंटे तक लाइन में इंतजार करना पड़ता था। नई व्यवस्था के तहत मरीज के भर्ती होने के बाद डाक्टर की सलाह पर आनलाइन दवाएं आर्डर की जाएंगी।
नर्सिंग स्टाफ द्वारा मरीज और दवाओं की जानकारी फोन के जरिए फार्मासिस्ट को देगा। जैसे ही बिल बनेगा मरीज के मोबाइल पर मैसेज आएगा। कुछ देर में ही दवाओं का पैकेट संबंधित विभाग में भर्ती मरीज के बेड पर पहुंच जाएगा। इसके अलावा मरीज के अस्पताल से छुट्टी के बाद बची दवाएं नर्सिंग स्टाफ द्वारा वापस होंगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मरीजों को सुलभ और उच्चस्तरीय इलाज मुहैया कराने का प्रयास हो रहा है। इस निर्णय से रोजाना 1500 से अधिक मरीजों के तीमारदार राहत की सांस लेंगे। नई व्यवस्था को एक नवंबर से लागू कर दिया गया है। - प्रो. सीएम सिंह, निदेशक, लोहिया संस्थान
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