UP News: मियावकी वन पार्क को डेढ़ करोड़ रुपये खर्च कर सकेंगी नगर पालिकाएं, नगर विकास विभाग ने बढ़ाई व्यय की सीमा
नगर विकास विभाग ने उपवन योजना के दिशा-निर्देशों में संशोधन किया है जिससे मियावाकी वन पार्क विकसित करने के लिए नगर निगमों और नगर पालिकाओं को अधिक धन मिलेगा। नगर निगमों के लिए न्यूनतम खर्च सीमा 26 लाख और नगर पालिका परिषदों के लिए अधिकतम सीमा 1.5 करोड़ रुपये कर दी गई है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मियावाकी वन पार्क विकसित करने के लिए नगर निगम और नगर पालिका परिषद अब और अधिक धन खर्च कर सकेंगी। नगर विकास विभाग ने उपवन योजना के दिशा-निर्देशों में संशोधन कर व्यय की सीमा का बढ़ा दिया है।
नगर निगमों के लिए खर्च की न्यूनतम सीमा को छह लाख रुपये की बढ़ोतरी कर 26 लाख कर दिया गया है। वहीं नगर पालिका परिषदों के लिए न्यूनतम सीमा में छह लाख और अधिकतम सीमा में 75 लाख रुपये की बढ़ोतरी की गई है।
शहरी हरित क्षेत्र के विस्तार और पर्यावरणीय गुणवत्ता में सुधार के लिए सरकार द्वारा उपवन योजना चलाई जा रही है। इसमें मियावाकी तकनीक से देशी प्रजातियों का उपयोग करके घने और तेजी से बढ़ने वाले छोटे वन बनाए जाते हैं।
यह पारंपरिक वनों की तुलना में 10 गुना तेजी से बढ़ता है और 30 गुना अधिक घना होता है। कम जगह में भी इन वनों को उगाया जा सकता है। नगर निगम और नगर पालिका में इन वनों को न्यूनतम दो हजार वर्गमीटर क्षेत्रफल में विकसित किया जाता है।
वित्तीय वर्ष 2024-25 मे शुरू की गई इस योजना के तहत चालू वित्तीय वर्ष में 70 करेाड़ रुपये खर्च किए जाने है। 20 मई को सरकार ने याेजना के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे।
इनके तहत नगर निगमों को इसके लिए 20 लाख रुपये से पांच करोड़ रुपये तक और नगर पालिकाओं को 20 लाख से 75 लाख रुपये तक धन आवंटन की सीमा तय गई थी। अब अपर प्रधान वन संरक्षक योजना एवं कृषि वानिकी द्वारा छह जून को जारी पुनरीक्षित दर सूची (एसओआर) और लोक निर्माण विभाग के एसओआर के आधार पर धन आवंटन की सीमा बढ़ाई गई है।
इसके अनुसार, मियावाकी वन पार्क विकसित करने के लिए नगर निगम 26 लाख रुपये से पांच करोड़ रुपये तक और नगर पालिका परिषद 26 लाख रुपये से डेढ़ करोड़ रुपये तक खर्च कर सकती हैं।
वहीं, नगर पंचायतों के लिए दिशा-निर्देश समान रखे गए हैं। नगर पंचायतों को अपने स्रोतों व विभाग की अन्य संचालित योजनाओं और वन विभाग के सहयोग से रिक्त स्थानों पर प्राथमिकता पर पौधारोपण कराने काे कहा गया है।
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