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    यूपी में गन्ना किसानों के लिए बढ़ी समिति सदस्यता की समय सीमा, अधिक उपज पर बढ़ोतरी का मौका

    Updated: Sat, 04 Oct 2025 12:45 AM (IST)

    गन्ना पेराई सत्र 2025-26 के लिए गन्ना समिति की सदस्यता की अंतिम तिथि 10 अक्टूबर तक बढ़ा दी गई है। पहली बार गन्ना उगाने वाले किसानों को समिति सदस्य बनकर सरकारी दर पर गन्ना बेचने का मौका मिलेगा। अधिक उपज वाले किसान उपज बढ़ोतरी के लिए आवेदन कर सकते हैं। गन्ना आयुक्त ने बताया कि इससे गन्ने की उपलब्धता बढ़ेगी इसलिए समय सीमा का लाभ उठायें।

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    गन्ना किसानों के लिए 10 दिन बढ़ी समिति सदस्यता की समय सीमा

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। गन्ना पेराई सत्र 2025-26 के लिए समिति सदस्यता की अंतिम तिथि को 10 अक्टूबर तक बढ़ा दिया गया है। पूर्व में 30 सितंबर तक सदस्य बनने का समय दिया गया था। अब वंचित रह गए किसानों को सदस्य बनने का अतिरिक्त अवसर प्रदान किया गया है।

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    वहीं जिले की औसत उपज के मुकाबले अधिक उपज होने पर बढ़ोतरी के लिए आवेदन की तिथि भी 10 अक्टूबर की गई है। पूर्व में निर्धारित समय सीमा तक सभी किसानों के सदस्य न बन पाने के मामले सामने आए थे।

    जिला गन्ना अधिकारियों ने इस संबंध में गन्ना आयुक्त मिनिस्ती एस. को इस संबंध में अवगत कराया था। जिसके बाद समय सीमा को आगे बढ़ाया गया है। आयुक्त ने कहा है कि ऐसे किसान, जिन्होंने पहली बार गन्ने की खेती की है, व समिति सदस्य बनकर राज्य सरकार द्वारा घोषित गन्ना मूल्य दर पर गन्ना आपूर्ति कर लाभ प्राप्त करें।

    गन्ना किसानों के अधिक से अधिक समिति के नये सदस्य बनने से गन्ने की उपलब्धता भी बढ़ेगी। वहीं जिन किसानों के गन्ने की उपज, जिले के औसत उपज से अधिक है, वे उपज बढ़ोतरी के लिए अपने आवेदन जल्द जमा कराएं। निर्धारित तिथि के बाद किसानों को उपज बढ़ोतरी का लाभ नहीं मिल सकेगा।

    राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में 20 से कौशल प्रशिक्षण

    युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में विद्यालय स्तर पर कोशिश हो रही है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के अंतर्गत प्रोजेक्ट प्रवीण के तहत प्रदेश के सभी राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में 20 अक्टूबर से कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।

    इस संबंध में उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन ने प्रशिक्षण प्रदाताओं को लक्ष्य आवंटित कर दिए हैं। व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल ने निर्देश दिए हैं कि प्रशिक्षण केंद्र निर्धारित नियमों के अनुसार स्थापित किए जाएं और जिला कार्यक्रम प्रबंधन इकाई की अनुमति के बाद अनिवार्य रूप से प्रशिक्षण बैच शुरू हो।

    कार्यक्रम के दौरान पंजीकृत प्रशिक्षणार्थियों को निश्शुल्क पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी। वितरण प्रक्रिया जिला कार्यक्रम प्रबंधन इकाई के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में होगी।

    विभाग का मानना है कि पारंपरिक शिक्षा के साथ-साथ रोजगारोन्मुख कौशल प्रशिक्षण युवाओं को भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करेगा। प्रोजेक्ट प्रवीण के तहत न केवल छात्र-छात्राओं को कौशल विकास का अवसर मिलेगा, बल्कि उन्हें आवश्यक अध्ययन सामग्री भी पूरी तरह निश्शुल्क उपलब्ध होगी।