एक बार गिरी आसमानी बिजली से एक साल तक रोशन होंगे गांव-शहर, मगर कैसे?
असमान से गिरने वाली बिजली अब जन हानि के बजाय घरों को रोशन करने के काम आएगी। यह जानकर आप हैरान तो नहीं हाे रहे हैं, लेकिन यह सच है। इंटर के विद्यार्थिय ...और पढ़ें

जितेंद्र उपाध्याय, लखनऊ। असमान से गिरने वाली बिजली अब जन हानि के बजाय घरों को रोशन करने के काम आएगी। यह जानकर आप हैरान तो नहीं हाे रहे हैं, लेकिन यह सच है। इंटर के विद्यार्थियों ने मिलकर विज्ञान का ऐसा माडल तैयार किया है। बाल विज्ञानियों का दावा है कि सरकार इसे बड़े पैमाने पर लगाने का कार्य करें तो देश का कोई गांव अंधेरे में नहीं रहेगा और बिजली बनाने में खर्च होने वाले करोड़ों रुपये की बचत भी होगी।
जिला और मंडल स्तर पर विजेता रहे आदित्य कुमार ने बताया कि इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में शामिल हुए हैं। बलरामपुर मार्डन इंटर कालेज के साथी विद्यार्थियों मानसी, प्रियांशी और फरिहा सफी के साथ माडल तैयार किया है जो आसमानी बिजली को आम लोगों के काम के लायक बनाएगी।
ऐसे करेगा काम
टीम की मानसी ने बताया कि बिजली गिरने का मुख्य कारण बादलों के अंदर और जमीन के बीच विद्युत आवेश असंतुलन है। बादलों में पानी की बूंदों और बर्फ के कणों के आपस में टकराने से पाजिटिव और नेगेटिव चार्ज बनते हैं और जब यह असंतुलन बहुत ज्यादा हो जाता है, तो इस अंतर को पाटने के लिए बिजली जमीन की ओर आती है।
इसे कापर के तारों के माध्यम पहले त्रिपल फाइव आइसी (बिजली की तीव्रता को कम करेगा) के माध्यम से इलेक्ट्रिकल डबल लेयर कैपेसिटर में ले जाते हैं। यह उपकरण ऊर्जा को स्टोर करता है। स्टोर बिजली को सीधा ग्रिड में भेजा जा सकता है, जिसका प्रयोग सामान्य बिजली की तरह गांव-शहर में किया जा सकता है।
प्रियांशी ने बताया कि आसमान से गिरने वाली बिजली कम से कम 50,000 वोल्ट व 10,000 एंपियर की हो सकती है, यानी कि 500 मेगावाट, जो भाखड़ा बांध जल विद्युत परियोजना की एक पावर हाउस मेंं उत्पन्न होने वाली बिजली की बराबर है। एक बार में बिजली गिरने से उतनी बिजली बनेगी जिसका प्रयोग एक से डेढ़ साल तक किया जा सकता है।
इसके अलावा जौनपुर की वैष्णवी और गार्गी ने पेट्रोल की चोरी रोकने और घर के अंदर की हवा को शुद्ध करने का उपकरण बनाया है। गोरखपुर के राजन पटेल ने कार चलाने से पहले उसके नीचे बैठे जानवरो को भगाने का माडल तैयार कर लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा। ऐसे 27 माडलों का प्रदर्शन किया गया।
तीन दिवसीय युवा उत्सव का आज होगा समापन
युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल विभाग के उप निदेशक अजात शत्रु शाही ने बताया कि तीन दिवसीय विज्ञान और सांस्कृतिक उत्सव का बुधवार को समापन होगा। यहां के विजेता प्रतिभागी दिल्ली में आठ से 12 जनवरी तक होने वाले राष्ट्रीय युवा उत्सव में प्रतिभाग करेंगे।
मंगलवार को लोक गीत, लोक नृत्य समेत कई प्रतियोगिताएं हुईं। लोक गीत विधा में मिर्जापुर से कजरी तो आगरा से रसिया, अलीगढ़ के बृज, सहारनपुर से नकटा का प्रदर्शन कर युवाओं को निर्णायकों का ध्यान अपनी ओर खींचा। विजेताओं को बुधवार को पुरस्कृत किया जाएगा।

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