लखनऊ में दोबारा तो नहीं दिखा तेंदुआ, एक दर्जन गांवों में दहशत का माहौल
Leopard in Lucknow: कुछ जगह पर पगमार्क पाए गए हैं, जो तेंदुआ के प्रतीत होते हैं लेकिन यह तो तय है कि कैट फैमिली का ही कोई जीव है, जिसमे फीसिंग कैट भी हो सकती हैं। फिलहाल सतर्कता बढ़ा दी गई है और लोगों से झुंड में निकलने को कहा गया है।
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तेंदुआ की दहशत से सन्नाटा
जागरण टीम, लखनऊ: राजधानी में रहमान खेड़ा में तेंदुआ दोबारा तो नजर नहीं आया, लेकिन उसकी दहशत से सन्नाटा छाया हुआ है। वन विभाग की मान रहा है कि जो पगमार्क मिले हैं, वह तेंदुआ जैसे हैं लेकिन फीशिंग कैट के होने की संभावना है। वन विभाग ने उसे कैद करने के लिए कैमरे भी लगा दिए हैं। एक दर्जन गांव में दहशत है।
डीएफओ अवध सितांशु पांडेय का कहना है कि चार दिन पहले रहमान खेडा पुलिया के पास लोगों ने जंगली जीव को देखा था, जिसे तेंदुआ बताया गया था। कुछ जगह पर पगमार्क पाए गए हैं, जो तेंदुआ के प्रतीत होते हैं लेकिन यह तो तय है कि कैट फैमिली का ही कोई जीव है, जिसमे फीसिंग कैट भी हो सकती हैं। फिलहाल सतर्कता बढ़ा दी गई है और लोगों से झुंड में निकलने को कहा गया है।
खेतों में जाने से डर रहे हैं किसान
रहमान खेड़ा में एक बार फिर से तेंदुआ होने की आशंका से ग्रामीणों में दहशत से बढ़ गई है। ग्रामीण खेतों तरफ जाने में सावधानी बरत रहे है। केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के निदेशक डॉ टी दामोदरन ने बताया कि करीब तीन दिन पूर्व संस्थान के कर्मचारियों ने बेल वाली बाग के पास पुलिया के पास तेंदुआ देखे जाने की बात कही थी जिस पर वन विभाग को सूचित किया गया था लेकिन उस दिन के बाद से उसकी कोई गतिविधि नहीं मिली है।
तेंदुआ की एक दर्जन गांवों में बढ़ी दहशत
मीठे नगर , दुगौली, उलरापुर ,हाफिज खेड़ा ,बुधडिया ,रसूल पुर , कुसमौरा, हलुआपुर , खालिस पुर , साहिलामऊ , मंडौली समेत कई गांवों में दहशत बढ़ गई है। ग्रामीणों ने सुबह व देर शाम खेतों की तरफ जाना बंद कर दिया है। वहीं वन विभाग की टीम भी ग्रामीणों को सतर्क कर रही है।

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