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    योगी सरकार द्वारा यूपी में कानून व्यवस्था को मजबूत बनाए रखने के लिए उठाए गए कदम सराहनीय

    By Sanjay PokhriyalEdited By:
    Updated: Wed, 29 Dec 2021 02:02 PM (IST)

    कानून व्यवस्था से तात्पर्य ऐसी सामाजिक व्यवस्था से है जो कानून द्वारा नियंत्रित हो। विभिन्न थानों का औचक निरीक्षण और अपराधियों के विरुद्ध विशेष अभियान चलाते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में कानून का राज स्थापित किया है।

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    UP के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निश्चित ही अभूतपूर्व दूरदृष्टि, इच्छाशक्ति, दृढ़निश्चय और प्रतिबद्धता का परिचय दिया है। फाइल फोटो

    सिद्धार्थ मिश्र। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में मेरठ-प्रयागराज गंगा एक्सप्रेसवे का शिलान्यास करते हुए कहा कि योगी उत्तर प्रदेश के लिए हैं उपयोगी। तदोपरांत एक महिला सशक्तीकरण कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में गुंडों की हनक थी जिनको योगी ने सही जगह पहुंचाया है। प्रधानमंत्री के इन कथनों का उत्तर प्रदेश के संदर्भ में निष्पक्ष आकलन किया जाए तो कानून व्यवस्था के लिहाज से ये कथन शत-प्रतिशत सत्य प्रतीत होते हैं।

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    योगी सरकार को उत्तर प्रदेश में आए पांच वर्ष होने जा रहे हैं और इस दौरान सरकार ने निसंदेह अनेक क्षेत्रो में असंख्य उत्कृष्ट कार्य किए हैं। परंतु अन्य कार्यो के अतिरिक्त योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को सुधारने व कानून का राज स्थापित करने का एक अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य किया है जो नागरिकों के कल्याण की दृष्टि से बेहद उपयोगी है।

    इसमें कोई संदेह नहीं कि आजादी के बाद से ही उत्तर प्रदेश की गिनती व पहचान एक असुरक्षित और बीमारू राज्य के रूप में होती रही है। यह छवि आधारहीन नहीं थी, बल्कि इसके अनेक कारण मौजूद रहे हैं। उत्तर प्रदेश में अपराधियों का बोलबाला था और असंख्य अपराधी यहां सक्रिय थे। निरंकुश अपराध के कारण निश्चित ही आम आदमी, खासकर व्यापारियों व महिलाओं में निरंतर भय और असुरक्षा व्याप्त थी। दुर्भाग्यवश निरंकुश अपराधों के कारण पिछले कुछ वर्षो में असंख्य लोग यहां से पलायन कर गए, जबकि बहुत सारे लोग पलायन के बारे में सोच रहे थे। योगी सरकार के आने से इस राज्य से पलायन पर काफी हद तक रोक लगी है। यहां तक कि पलायन कर गए काफी संख्या में लोग उत्तर प्रदेश वापस भी आए हैं। कैराना क्षेत्र इसका सर्वाधिक उपयुक्त उदहारण है। इस छवि का अन्य अनेक हानियों के अलावा मुख्य नुकसान यह हुआ कि पूर्व में यूपी में कोई विशेष निवेश नहीं हुआ, उद्योग-धंधे वांछित रूप से पनप नहीं पाए और विकास की दौड़ में यह राज्य अपेक्षाकृत पिछड़ेपन का शिकार रहा। सौभाग्यवश शपथ लेने के तुरंत बाद ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपराध के प्रति जीरो टोलरेंस नीति अपनाने की अपनी मंशा स्पष्ट कर अपराधियों के विरुद्ध व्यापक अभियान छेड़ दिया। अपराध रोकने के लिए योगी सरकार ने असंख्य कदम उठाए व अनेक योजनाएं बनाकर उन्हें क्रियान्वित किया है।

    उत्तम प्रशासन, निवेश और रोजगार बढ़ाने के वादे पर भाजपा यूपी में चुनाव जीत कर आई थी। इन लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अथक प्रयास किए हैं। इनमें महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों पर अंकुश समेत अन्य अधिकांश प्रकार के अपराधों पर नियंत्रण, पुलिस व्यवस्था में सुधार, भू व खनन माफिया, अवैध बूचड़खानों पर नियंत्रण, भ्रष्टाचार पर रोक, मंत्रियों व विधायकों को संपत्ति घोषित करने के निर्देश देने सहित अन्य लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए अनेक कार्य शामिल हैं। पुलिस व्यवस्था को मजबूत करने और पुलिस की छवि में सुधार के 40 से अधिक नए पुलिस थाने, एक दर्जन से ज्यादा नई पुलिस चौकियां और लगभग डेढ़ लाख नई पुलिस भर्तियों की प्रक्रिया पूरी की गई है। योगी सरकार के आने से पहले उत्तर प्रदेश में महिला सुरक्षा एक गंभीर समस्या थी। योगी सरकार ने महिला अपराध रोकने के लिए रात्रि सुरक्षा कवच योजना, महिला सहायता डेस्क, गुलाबी बूथ समेत गुलाबी बस सेवा आरंभ की। इन सभी प्रयासों का सकारात्मक परिणाम राज्य में दिखाई भी देने लगा है।

    इस राज्य में सांप्रदायिक दंगों का पुराना इतिहास रहा है और पूर्व में समय समय पर राज्य दंगों की आग में झुलसता था जिससे जान-माल की असीमित हानि होती थी। योगी सरकार ने अपने कार्यकाल में दंगा मुक्त प्रदेश बनाने में प्रबल इच्छा शक्ति दर्शाई है और पिछले पांच वर्षो में यूपी में दंगे न होना निश्चित ही योगी सरकार की एक बड़ी उपलब्धि है। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार पिछले कुछ वर्षो में उत्तर प्रदेश में अपराध तेजी से घटे हैं। दुष्कर्म के मामलों में उत्तर प्रदेश में 45 प्रतिशत की कमी आई है जो वर्ष 2016 में 3419 से घट कर वर्ष 2020 में 2317 हो गए। पुलिस और आम नागरिकों से हुई बातचीत के आधार पर ज्ञात हुआ कि उत्तर प्रदेश में पुलिस के मसलों में राजनीतिक हस्तक्षेप कम होने से पुलिस की हनक काफी हद तक वापस आई है और अपराधियों में पुलिस का डर पैदा हुआ है। आम आदमी के प्रति पुलिस का व्यवहार भी आज बदला नजर आता है, जिस कारण आम आदमी में सुरक्षा व पुलिस के प्रति विश्वास वापस आया है।

    निश्चित ही राज्य में प्रभावी कानून व्यवस्था अत्यंत आवश्यक है। कानून व्यवस्था से तात्पर्य ऐसी सामाजिक व्यवस्था से है जो कानून द्वारा नियंत्रित हो। यदि हम समस्त विश्व को गौर से देखें तो पाएंगे कि प्रत्येक जगह एक व्यवस्था मौजूद है। व्यवस्था समाज के हित में है और अराजकता समाज के विरुद्ध। समाज में भी लगभग हर जगह कोई न कोई व्यवस्था है और व्यवस्थित समाज ही सुखी, संपन्न और प्रगतिशील समाज होता है। कानून व्यवस्था सुधारने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निश्चित ही अभूतपूर्व दूरदृष्टि, इच्छाशक्ति, दृढ़निश्चय और प्रतिबद्धता का परिचय दिया है।

    [प्रोफेसर, विधि संकाय, दिल्ली विश्वविद्यालय]