यूपी में नोटबंदी से उपजे नकदी संकट समाधान की इंतिहा हो गई
बैंकों में अवकाश और खाली पड़े एटीएम ने नकदी संकट की दुश्वारियां बढ़ा दी हैं। अधिकांश एटीएम बंद रहने से समस्या विकराल होती जा रही है।
लखनऊ (जेएनएन)। बैंकों में अवकाश और खाली पड़े एटीएम ने नकदी संकट से जूझ रही प्रदेश की जनता की दुश्वारियां और ज्यादा बढ़ा दी हैं। अधिकांश एटीएम बंद रहने से नोटबंदी से पैदा हुई समस्या अब विकराल होती जा रही है। हालत यह है कि छोटे नोटों के अभाव से लोगों को रोजमर्रा की चीजें खरीदने में भी दिक्कत हो रही है। बाजारों से रौनक गायब है तो उद्योग-धंधे ठप होने लगे हैं। अवध क्षेत्र में ज्यादातर एटीएम बंद थे। ग्र्रामीण क्षेत्रों की स्थिति बहुत खराब रही। फैजाबाद समेत कई जिलों में डाकघरों में नकदी का घोर अभाव दिखा। राजधानी लखनऊ में भी अधिकांश एटीएम में कैश नहीं था। रायबरेली के 137 एटीएम में से 18 एटीएम काम कर रहे थे। बाराबंकी में चंद एटीएम ही कार्य कर रहे थे। गोंडा में एक एटीएम ही काम कर रहा था। लखीमपुर में लोगों का दिन एटीएम ही खोजते बीता। कुछ ऐसा ही हाल सुलतानपुर, बहराइच, सीतापुर, बलरामपुर, अंबेडकरनगर का भी रहा। कॉपरेटिव बैंक और ग्रामीण बैंकों में अब तक कैश नहीं पहुंचा है।
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मध्य यूपी में एटीएम शोपीस
बुंदेलखंड व मध्य यूपी के जिलों में काफी कम लोग बिल जमा करने पहुंचे। एटीएम शोपीस बने रहे। बांदा, चित्रकूट, महोबा, हमीरपुर, उरई, उन्नाव, फतेहपुर, कन्नौज, फर्रुखाबाद, औरैया, इटावा तथा हरदोई के किसान चिंतित रहे। बीज, शादी-विवाह व अन्य सामाजिक कार्यों में भी धन का अभाव लोगों की परेशानी का सबब बना हुआ है। कन्नौज के छिबरामऊ में एक्सिस बैंक के एटीएम से ही नकदी निकली। इलाहाबाद में भारतीय स्टेट बैंक के एटीएम छोड़ अन्य बैंकों के अधिकांश एटीएम बंद थे। प्रतापगढ़, कौशांबी में भी अधिकांश एटीएम भी बंद रहे। कौशांबी में टेवां स्थित दो तीन स्थानों पर ही एसबीआइ के एटीएम से कैश मिला।
कुछ एटीएम से पैसे निकले
वाराणसी में कुछ एटीएम से पैसे निकल सके। एजेंसियों से संचालित एटीएम में कैश नहीं डाला जा रहा। गोरखपुर-बस्ती मंडल के 50 फीसद से अधिक एटीएम पैसे के अभाव में बंद चल रहे हैं। जो खुले वहां भी दोपहर दो बजे तक एटीएम में कैश समाप्त हो गया।नब्बे प्रतिशत एटीएम खाली होने के बावजूद मेरठ में सुबह से ही नकदी के चमत्कार की आस में लंबी लाइनें लगी रहीं। मुजफ्फरनगर में एक दो एटीएम को छोड़कर बाकी सब बंद पड़े हैं। बागपत में नब्बे फीसद एटीएम बंद हैं और जो खुले उन पर लंबी लाइनें लगीं। मुरादाबाद में एटीएम में कैश भरने के दावे हवाई साबित हुए। लोगों को स्टेट बैंक, विजया बैंक में सुबह ग्यारह बजे तक ही कैश मिला। आइसीआइसीआइ बैंक के एटीएम में ताले पड़े रहे। अमरोहा में एक भी एटीएम ने नोट नहीं उगला। सम्भल व रामपुर में भी कैश के लिए लोग एटीएम के चक्कर काटते रहे।
एटीएम काम न आ सके
आगरा में लीड बैंक केनरा ने सभी बैंकर्स से बैठक कर फीडबैक लिया तो पता चला कि बैंकों में कैश ही नहीं है। प्रबंधकों का कहना था कि ऐसे में बैंक बंद करना ही एक विकल्प बचा है। एटीएम भी काम न आ सके। मथुरा में 80 फीसद एटीएम बंद रहे। एटा में कोई भी एटीएम नहीं चला। शहर की मोबाइल रिचार्ज शॉप पर दो युवकों को कमीशन लेकर नए नोट देते हुए गिरफ्तार किया गया। मैनपुरी में 90 फीसद एटीएम खाली रहे। अलीगढ़ जिले में एसबीआइ के ही चार एटीएम चले। बरेली में भी अधिकांश बैंकों ने एटीएम में रुपये नहीं भरे। सहारनपुर मंडल में भी ज्यादातर बैंक ग्राहक मायूस रहे। बिजनौर, शामली, बागपत में एटीएम के शटर बंद रहे।
चूड़ी कारोबार ठप
नोटबंदी से फीरोजाबाद में चूड़ी कारोबार ठप हो गया है। 50 फीसद छोटे-बड़े चूड़ी कारखानों में उत्पादन बंद है तो घरों में चलने वाले कुटीर उद्योग पर भी ताले लटक गए हैं। कच्चा माल खरीदने और मजदूरी का भुगतान करने में कारोबारी असमर्थ हैं और बाहर से आने वाला ऑर्डर और भुगतान भी नोटबंदी के कारण अधर में है।
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