इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन के लिए यूपी में 10 साल के पट्टे पर मिलेगी भूमि, नगर निगमों को मिली जिम्मेदारी
UP News यूपी के शहरों में इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए सरकारी संस्थाओं की भूमि 10 साल के लिए पहले पट्टे पर दी जाएगी। किराया पट्टा अवधि राजस्व बंटवारा दर व अन्य शर्तें निर्धारित मानकों के माध्यम से समय-समय पर तय की जाएंगी।
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ शहरों में लोगों को जरूरत के आधार पर इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन की सुविधा देने जा रही है। इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन की स्थापना के लिए शहरों में 10 साल के पट्टे पर भूमि दी जाएगी। इसके लिए प्रदेश के 17 नगर निगमों को जमीन चिह्नित करने का आदेश दे दिया गया है। यूपी सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दे रही है। इसी के लिए पिछले दिनों इलेक्ट्रिक वाहन नीति को मंजूरी दी गई थी। अब उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर ग्राहकों को भारी सब्सिडी मिलेगी।
विशेष सचिव नगर विकास डा. राजेंद्र पैंसिया ने इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन के संबंध में शासनादेश जारी करते हुए जरूरी दिशा-निर्देश दे दिए हैं। इसमें कहा गया है कि सार्वजनिक स्थानों, पार्किंग स्थलों, मेट्रो स्टेशनों, बस डिपो व टर्मिनल, पेट्रोल पंपों, सरकारी भवनों, कार्पोरेट भवनों, शैक्षिक संस्थानों, स्वास्थ्य संस्थानों, शापिंग माल के साथ ही वाणिज्यिक स्थानों, ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी आदि में इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग व स्वैपिंग सुविधा दी जाएगी। चार्जिंग सुविधाओं की स्थापना के लिए सेवा प्रदाताओं को भूमि उपलब्ध कराई जाएगी।
इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए सरकारी संस्थाओं की भूमि 10 साल के लिए पहले पट्टे पर दी जाएगी। किराया, पट्टा अवधि, राजस्व बंटवारा दर व अन्य शर्तें निर्धारित मानकों के माध्यम से समय-समय पर तय की जाएंगी। राज्य सरकार की मंशा है कि वर्ष 2030 तक प्रदेश की सड़कों पर इलेक्ट्रिक वाहन ही चलें। इसके साथ ही पूरी तरह से ई-बसों को चलाने की भी योजना है।
बता दें कि पिछले दिनों सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यूपी की नई इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण और गतिशीलता नीति 2022 को मंजूरी दी गई थी। इसके तहत इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर प्रदेश सरकार द्वारा भारी सब्सिडी दी जाएगी। सरकार ने इसके तहत प्रदेश में 30 हजार करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य रखा है जिससे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर करीब 10 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।