लखीमपुर खीरी हिंसा में सुप्रीम कोर्ट का लखनऊ SP को गवाह से मिलने का निर्देश, धमकी मिलने की शिकायत की पुष्टि करने को कहा
सुप्रीम कोर्ट ने लखनऊ के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को 2021 के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में एक गवाह से मिलने का निर्देश दिया ताकि वह पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा के पुत्र अशीष मिश्रा के खिलाफ गवाही देने के लिए कथित रूप से धमकी मिलने की उसकी शिकायत की पुष्टि कर सकें।

नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने लखनऊ के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को 2021 के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में एक गवाह से मिलने का निर्देश दिया, ताकि वह पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा के पुत्र अशीष मिश्रा के खिलाफ गवाही देने के लिए कथित रूप से धमकी मिलने की उसकी शिकायत की पुष्टि कर सकें।
जस्टिस सूर्यकांत, उज्जल भुइयां और एन. कोटिस्वर सिंह की खंडपीठ ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश पुलिस से सवाल किया कि गवाह बलजिंदर सिंह की 20 जून को की गई शिकायत के बाद उन्होंने उस गवाह से मिलने का प्रयास क्यों नहीं किया। उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त महाधिवक्ता गरिमा प्रसाद ने कहा कि गवाह अनिच्छुक था और उसे बुलाने के बावजूद वह पुलिस के पास अपनी शिकायत की पुष्टि करने या अपना बयान दर्ज कराने नहीं आया।
पीठ ने कहा, ''यह पुलिस की ओर से संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं हो सकता। यदि शिकायतकर्ता अपनी शिकायत के समर्थन में आगे आने में अनिच्छुक है, तो किसी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को शिकायतकर्ता से मिलने भेजा जा सकता है/यह सत्यापित करने के लिए कि क्या उसकी ओर से कोई शिकायत की गई है। यदि ऐसे तथ्य स्वीकार किए जाते हैं, तो पुलिस के लिए जांच करना अनिवार्य है। आवश्यक परिणामों का पालन होना चाहिए।'' सुप्रीम कोर्ट ने फिर पुलिस को जांच की ताजा स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया और गवाह से मिलने के बाद रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा।
पीठ ने कहा, ''हम लखनऊ के वरिष्ठ एसपी को शिकायत की सत्यापन के बाद ऐसा हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देते हैं।'' यह रिकॉर्ड पर आया कि 8 मई से अभियोजन पक्ष ने 20 गवाहों का परीक्षण किया और 208 गवाहों की सूची से 20 गवाहों को हटा दिया। पीठ ने ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया कि वह तेजी से ट्रायल करें और संभव हो तो महीने में दो बार गवाहों का परीक्षण करें।
बता दें कि 3 अक्टूबर, 2021 को लखीमपुर खीरी जिले के टिकुनिया में किसानों के एक समूह पर एसयूवी चढ़ाने के दौरान चार किसानों सहित आठ लोग मारे गए थे। ट्रायल कोर्ट ने दिसंबर 2023 में मिश्रा और 12 अन्य के खिलाफ हत्या, आपराधिक साजिश और अन्य दंडात्मक कानूनों के तहत आरोप तय किए।

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