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    Lakhimpur Kheri Case: आशीष की जमानत पर सुनवाई में नया मोड़, हाई कोर्ट के जज ने खुद को केस से किया अलग

    By Umesh TiwariEdited By:
    Updated: Wed, 27 Apr 2022 09:36 PM (IST)

    Lakhimpur Kheri Case सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आशीष मिश्रा ने 24 अप्रैल को सरेंडर कर दिया था। आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर बुधवार को हाई कोर्ट मे ...और पढ़ें

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    हाई कोर्ट में आशीष मिश्रा की जमानत पर सुनवाई टली।

    लखनऊ, जेएनएन। लखीमपुर खीरी हिंसा केस में बुधवार को नया मोड़ आ गया। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में बुधवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र 'टेनी' के बेटे आशीष मिश्र 'मोनू' की जमानत याचिका पर सुनवाई से जस्टिस राजीव सिंह ने खुद को अलग कर लिया। उन्होंने कार्यालय को निर्देश दिया कि मामले में नए जज के नामांकन के लिए पत्रावली को मुख्य न्यायाधीश के सामने रखा जाए। अब याचिका पर सुनवाई नए जज के नामांकन के बाद होगी।

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    हाई कोर्ट ने 10 फरवरी को आशीष मिश्र की जमानत याचिका मंजूर करते हुए उसे रिहा करने का आदेश दिया था। जिसे वादी पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने 18 अप्रैल को हाई कोर्ट के 10 फरवरी के आदेश को निरस्त कर दिया था, साथ ही हाई कोर्ट को वादी पक्ष को सुनवाई का पर्याप्त अवसर देते हुए आशीष की जमानत अर्जी पर नए सिरे से सुनवाई करने का आदेश दिया था।

    बुधवार को आशीष की जमानत अर्जी हाई कोर्ट में लगी थी, लेकिन पूर्व में आशीष की जमानत मंजूर करने वाले जस्टिस सिंह ने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया। गौरतलब है कि इसी मामले में अभियुक्त बनाए गए अंकित दास, लवकुश, सुमित जायसवाल व शिशुपाल की ओर से भी हाई कोर्ट में जमानत याचिकाएं दाखिल की गई थीं, जिन पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है।

    लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आशीष मिश्र मुख्य आरोपी बनाए गए हैं। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने उनको जमानत दिए जाने पर कड़ी टिप्पणी की थी और जमानत को खारिज कर दिया गया था। उन्हें एक सप्ताह के भीतर सरेंडर करने आदेश दिया गया था। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट से कहा था कि जमानत देने के फैसले पर फिर से और ठीक से सुनकर करें।

    सुप्रीम कोर्ट ने 18 अप्रैल को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आरोपित आशीष मिश्र की जमानत रद करते हुए एक सप्ताह के भीतर समर्पण करने का आदेश दिया था। इसके साथ ही मामला इलाहाबाद हाई कोर्ट को वापस भेजते हुए आशीष की जमानत पर नए सिरे से विचार करने को कहा था।

    सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आशीष मिश्र ने लखीमपुर जेल पहुंच कर 24 अप्रैल को सरेंडर कर दिया था। इसके बाद उन्होंने दोबारा इस मामले में जमानत याचिका दायर की। आशीष मिश्र की जमानत याचिका पर बुधवार को सुनवाई होनी थी, लेकिन जस्टिस राजीव सिंह ने अपने को सुनवाई से अलग कर लिया।

    केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र का पुत्र आशीष लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में मुख्य आरोपित है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 10 फरवरी को आशीष को जमानत दे दी थी। जिसके खिलाफ पीड़ित परिजन सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और हाई कोर्ट का जमानत आदेश रद करने की मांग की। चीफ जस्टिस एनवी रमणा, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने आशीष को जमानत देने का आदेश रद करते हुए कहा था कि हाई कोर्ट ने जमानत देने में जल्दबाजी की। जमानत देते समय पीड़ितों का पक्ष नहीं सुना।

    बता दें कि लखीमपुर खीरी में पिछले वर्ष तीन अक्टूबर को किसानों के विरोध प्रदर्शन के समय हिंसा हुई थी जिसमें आठ लोग मारे गए थे। चार गाड़ी से कुचल कर मरे और बाकी बाद में हुई हिंसा में मरे। इस मामले में प्रदेश सरकार ने जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल नहीं की थी। हालांकि एसआइटी ने राज्य सरकार से एसएलपी दाखिल करने को कहा था।