यूपी में मरीजों को घर बैठे मिलेगी लैब जांच की रिपोर्ट, सीएचसी से लेकर जिला अस्पतालों में शुरू होगी सुविधा
उत्तर प्रदेश में अब मरीजों को लैब जांच रिपोर्ट के लिए अस्पताल के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। सीएम योगी के निर्देश पर यह सुविधा सीएचसी से लेकर सभी जिला अस्पतालों में शुरू हो रही है। स्वास्थ्य विभाग ने हास्पिटल मैनेजमेंट इंफार्मेशन सिस्टम को लैब इंफार्मेशन सिस्टम से जोड़ा है जिससे रिपोर्ट सीधे मोबाइल पर मिलेगी। इससे मरीजों के समय की बचत होगी और इलाज में भी देरी नहीं होगी।

राज्य ब्यूरो, जागरण। मरीजों को लैब जांच रिपोर्ट के लिए अस्पतालों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। लैब जांच रिपोर्ट उन्हें रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भेजी जाएगी। यह सुविधा सीएचसी से लेकर प्रदेश के सभी बड़े अस्पतालों के मरीजों काे मिलेगी।
अभी तक मोबाइल फोन पर लैब रिपोर्ट राजधानी के बड़े अस्पतालों में ही उपलब्ध थी। सीएम योगी के निर्देश पर इसे प्रदेश के प्रत्येक जिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) पर शुरू किया जा रहा है।
स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग की सचिव रितु माहेश्वरी ने बताया कि प्रदेश के अस्पतालों में संचालित हास्पिटल मैनेजमेंट इंफार्मेशन सिस्टम (एचआइएमएस) को लैब इंफार्मेशन सिस्टम (एलआइएस) से जोड़ा गया है। ये व्यवस्था आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के तहत की गई है।
अब मरीज की जांच रिपोर्ट सीधे उसके पर्सनल हेल्थ रिकार्ड (पीएचआर) पोर्टल या मोबाइल एप पर उपलब्ध होगी। इसे एसएमएस और वाट्सएप के माध्यम से भी भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि पहले मरीज को जांच के बाद रिपोर्ट लेने के लिए अस्पताल दोबारा आना पड़ता था।
इससे समय की बर्बादी के साथ ही इलाज में भी देरी होती थी। रिपोर्ट खो जाने की स्थिति में मरीज को दोबारा जांच करानी पड़ती थी। अब जांच रिपोर्ट तैयार होने के बाद मरीज के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एसएमएस अलर्ट जाएगा और रिपोर्ट का लिंक भेजा जाएगा, जिससे वह रिपोर्ट देखकर कहीं से भी डाउनलोड कर सकेंगे।
स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सचिव ने बताया कि अस्पताल में भर्ती मरीज की रिपोर्ट एचआइएमएस के माध्यम से संबंधित डाक्टर के पास सीधे पहुंचेगी, जिससे इलाज में देरी नहीं होगी। मरीज रिपोर्ट डाउनलोड करके अन्य डाक्टरों या अस्पतालों के साथ साझा कर सकेंगे।
मरीज आभा आइडी के सभी मेडिकल रिकार्ड एक साथ देख सकते हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में कई अस्पतालों में यह व्यवस्था चल रही है। अब इसे प्रदेश भर में शुरू किया जाएगा।
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