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    Kisan Rail Roko Andolan: कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर किसानों ने रोकी ट्रेन, हाई अलर्ट पर रेलवे व UP सरकार

    By Dharmendra PandeyEdited By:
    Updated: Thu, 18 Feb 2021 04:18 PM (IST)

    Kisan Rail Roko Andolan Today तीनों कृषि कानून के विरोध में गुरुवार को किसानों ने रेल रोको आंदोलन किया। इसके मद्देनजर मेरठ और आसपास के जिलों में किसान का आक्रोश दिखा। बुलंदशहर के खुर्जा में किसानों ने एक घंटे तक गोमती नगर एक्‍सप्रेस ट्रेन को रोके रखा।

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    भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर किसानों का रेल रोको प्रदर्शन

    लखनऊ, जेएनएन। केंद्र सरकार के कृषि कानून के विरोध में लम्बे समय से प्रदर्शन कर रहे किसानों का गुरुवार को रेल रोको प्रदर्शन को देखते हुए उत्तर प्रदेश में अलर्ट घोषित कर दिया गया है। रेलवे के साथ यूपी पुलिस भी बेहद सतर्क है। भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर चार घंटे के किसानों का रेल रोको प्रदर्शन के दौरान पश्चिम उत्तर प्रदेश के मेरठ और आसपास के जिलों में किसान रेलवे स्‍टेशन पर बैठ गए हैं। इस दौरान भारी पुलिस बल की तैनाती की गई। एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि प्रदेश में किसान आंदोलन अब तक शांतिपूर्ण है। कहीं से कानून-व्यवस्था बिगड़ने की सूचना नहीं है। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि किसानों की आड़ में कोई असामाजिक तत्व शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन को बर्बाद न करें। पुलिस को ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।

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    तीनों कृषि कानून के विरोध में गुरुवार को किसानों ने रेल रोको आंदोलन किया। इसके मद्देनजर मेरठ और आसपास के जिलों में किसान का आक्रोश दिखा। बुलंदशहर के खुर्जा में किसानों ने एक घंटे तक गोमती नगर एक्‍सप्रेस ट्रेन को रोके रखा। इसी बीच में ड्राइवर के उपर किसानों ने फूलों की वर्षा की गई। वहीं, मेरठ में किसानों के ट्रैक पर बैठने के कारण पहले ही ट्रेन रोक ली गई थी। मेरठ में करीब तीन बजे किसानों ने अपना धरना समाप्‍त कर दिया। कई जिलों में यह आंदोलन 3.30 तक चला। बिजनौर के नजीबाबाद में भी किसानों के ट्रैक पर बैठने के कारण एक ट्रेने पहले ही रोक ली गई। इस आंदोलन के कारण सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और बागपत में भी कई ट्रेनों के संचालन में बाधा आई। यात्री परेशान नजर आए।

    प्रदेश में मेरठ, आगरा, मुजफ्फरनगर, मथुरा, बुलंदशहर के साथ लखनऊ में भी रेल प्रशासन ने इससे निपटने के इंतजाम कर रखे हैं। लखनऊ में लखनऊ जंक्शन के साथ लखनऊ रेलवे स्टेशन पर जीआरपी व आरपीएफ के साथ आरपीएसएफ की टीमें भी मुस्तैद हैं। प्रदेश भर में आज आरपीएसएफ की 20 कंपनियां तैनात की गई हैं। गाजियाबाद में दिल्ली बॉर्डर पर लम्बे समय से प्रदर्शन कर रहे किसानों की बड़ी संख्या को देखते हुए स्टेशन के साथ ही यार्ड तथा रेल के सभी परिसर में सुरक्षाबल को तैनात कर दिया गया है।

    मेरठ में कैंट रेलवे स्टेशन पर ट्रेन रोकने की घोषणा की गई है। भाकियू के जिलाध्यक्ष मनोज त्यागी ने बताया कि 18 फरवरी को दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक रेल रोको आंदोलन है। कैंट रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन किया जाएगा। किसानों से 11 बजे रेलवे फाटक पर पहुंचने की अपील की गई है। कैंट स्टेशन के रेलवे ट्रैक के बीच में किसान धरना देंगे। किसानों के इस अल्टीमेटम पर रेलवे प्रशासन और स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा इंतजाम किए हैं। स्टेशन अधीक्षक आरपी सिंह ने बताया कि किसानों ने प्रदर्शन की सूचना दी है। उच्च अधिकारियों को किसानों की घोषणा से अवगत करा दिया गया है। आरपीएफ और जीआरपी पुलिस फोर्स सुबह से ही स्टेशन और फाटक पर तैनात रहेगी। प्रशासन और सदर थाने को भी सुरक्षा दायित्व सौंपा गया है। इंस्पेक्टर जीआरपी मेरठ चतुर सिंह ने बताया कि स्टेशन पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

    आगरा में आज किसानों की सभा भी होनी है। यहां पर बड़ी संख्या में एकत्र किसानों की आगरा कैंट रेलवे स्टेनशन पर जाकर रेल रोकने का कार्यक्रम है। इसको देखते हुए ताजनगरी के सभी रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा बढ़ाई गई है। यहां पर कैंट, आगरा फोर्ट व राजामंडी स्टेशन पर अलर्ट है। यहां प्लेटफॉर्म पर पुलिस,जीआरपी तथा आरपीएफ लगातार गश्त करने के साथ स्टेशन पर आने जाने वालो की चेकिंग कर रही है। भाकियू के रेल रोको अभियान को लेकर पुलिस अलर्ट है। आगरा में भाकियू जिलाध्यक्ष धीरज लाटियान के नेतृत्व में रेल रोको अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान रेलवे स्टेशन पर चप्पे-चप्पे पर अलर्ट है। आगरा के शमशाबाद क्षेत्र में आज किसानों की महापंचायत है। किसान यहां पर कृषि कानून के विरोध में पंचायत करेंगे। इसके बाद शमसाबाद रेलवे स्टेशन कूच करेंगे। यहां पर किसान नेता राजवीर लवानिया के नेतृत्व में पंचायत के बाद 12 बजे से किसानों का रेल रोको आह्वान है।