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    जब बच्चों ने पूछा- मैम! नूडल्स क्यों नहीं खाना चाहिए? मिला ये जवाब

    Updated: Tue, 04 Nov 2025 08:23 PM (IST)

    लखनऊ के एक प्राथमिक विद्यालय में बच्चों ने खाद्य सुरक्षा निरीक्षक से नूडल्स के नुकसान और हरी सब्जियों के फायदे के बारे में सवाल पूछे। निरीक्षक ने बताया कि नूडल्स में सोडियम और फैट की मात्रा अधिक होती है, जबकि हरी सब्जियां पाचन में सहायक और हड्डियों को मजबूत बनाती हैं। खाद्य सुरक्षा विभाग राजधानी के स्कूलों में खाद्य सुरक्षा पाठशाला चला रहा है, जिसमें सचल लैब के माध्यम से बच्चों को जागरूक किया जा रहा है।

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    जितेंद्र उपाध्याय, लखनऊ। मैम! नूडल्स क्यों नहीं खाना चाहिए? हरी सब्जी मम्मी जबरन खिलाती हैं, कहती हैं कि हड्डियां मजबूत होती हैं, ऐसा है क्या मैम? मम्मी पराठा के बजाय रोटी खाने को कहती हैं। नरही के प्राथमिक विद्यालय के बच्चों के ऐसे ही सवालों का खाद्य सुरक्षा निरीक्षक मनीषा सिंह जवाब दे रहीं थीं। मौका था, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की ओर से लगी खाद्य सुरक्षा पाठशाला का।

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    सवालों के जवाब में खाद्य सुरक्षा निरीक्षक ने बताया कि नूडल्स में सोडियम (नमक) की मात्रा बहुत अधिक होती है, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है और हृदय रोग का खतरा हो सकता है। इनमें मौजूद फैट और संतृप्त वसा शरीर में अतिरिक्त चर्बी बढ़ा सकते हैं, जिससे मोटापे की समस्या हो सकती है।

    हरी सब्जियां पेट को साफ रखती हैं और कब्ज, गैस और अपच जैसी पाचन संबंधी समस्याओं से राहत दिलाती हैं। कैल्शियम से हड्डियां मजबूत होती है। रोटी फैट फ्री होती है, इसलिए मम्मी खाने के लिए बोलती हैं। पहली बार स्कूलों में सचल खाद्य सुरक्षा लैब के साथ आई खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने ऐसे ही सवालों के जवाब देकर बच्चे को हेल्दी खाना खाने की सलाह दी।

    चना, मिर्च पाउडर व हल्दी की मिलावट का टेस्ट करके भी बच्चों को दिखाया। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) की ओर से राजधानी के 24 जाेनों में लोगों को खाद्य सुरक्षा को लेकर जागरूक किया जा रहा है। आम लोगों के साथ ही जोन में आने वाले प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों के लिए अलग से पाठशाला चलाई जा रही है। सचल वाहन में लगी एलईडी के माध्यम से चिकित्सक भ्री बच्चों को जागरूक करते हैं।

    जिस खाद्य पदार्थ का हम सेवन करते हैं, वह हमारे शरीर पर क्या प्रभाव डालते हैं? इसकी जानकारी बच्चों को विद्यालय में दी जाती है,लेकिन सचल खाद्य सुरक्षा लैब के माध्यम से बच्चों काे जागरूक करने की पहल सराहनीय है। आवश्यकता पड़ने पर मिड डे मील की भी जांच कराई जाएगी। बच्चों को जंक फूड के नुकसान के बारे में भी विशेषज्ञ बताते हैं। -प्रमेंद्र शुक्ला, खंड शिक्षा अधिकारी जोन-तीन

    बच्चों, शिक्षकों और आम लोगों को खाद्य सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए खाद्य सुरक्षा आन ह्वील के तहत शहर के 24 जोनों में पड़ने वाले प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में खाद्य सुरक्षा की बच्चों को जानकारी दी जा रही है। निरीक्षक भी सचल लैब के साथ जाते हैं। राजधानी के सभी 1610 प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों को हम कवर करने का प्रयास करते हैं। -वीपी सिंह, सहायक आयुक्त, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन