Kidney Transplant: किडनी ट्रांसप्लांट के बाद भी दौड़ती है जिंदगी, बाराबंकी के बलवीर बने प्रेरणास्रोत
Kidney Transplant किडनी ट्रांसप्लांट के बाद फिट रहने के लिए नियमित व्यायाम और दवा बेहद जरूरी है। अंगदाता का आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि अगर अंगदान न होता तो शायद यह जिंदगी और यह उपलब्धियां कभी संभव न होतीं। उन्होंने लोगों से अपील की कि अंगदान के लिए आगे आएं खासकर ब्रेन डेड व्यक्ति के परिजन साहस दिखाकर अंगदान का निर्णय लें।

जागरण संवाददाता, लखनऊ : किडनी ट्रांसप्लांट के बाद जिंदगी थमती नहीं है। अगर हिम्मत और हौसला हो तो इंसान हर मुश्किल को मात दे सकता है। बाराबंकी के बलबीर सिंह इसका जीवंत उदाहरण हैं। 2011 में उनका किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था।
इसके बाद वह आर्गन ट्रांसप्लांट ओलिंपिक (बैडमिंटन) में चार पदक जीतकर न सिर्फ देश का मान बढ़ा चुके हैं, बल्कि उन तमाम मरीजों को राह दिखा रहे हैं, जो ट्रांसप्लांट के बाद खुद को कमजोर समझते हैं। बलबीर नियमित रूप से संजय गांधी परास्नातक आयुर्विज्ञान संस्थान में परामर्श लेने आते हैं। नेफ्रोलाजी विभागाध्यक्ष प्रो. नरायन प्रसाद की सलाह से दवाएं समय पर लेते हैं। वह बताते हैं कि अनुशासन और मेहनत से वह पूरी तरह फिट हैं।
गत 21 अगस्त को जर्मनी में आयोजित आर्गन ट्रांसप्लांट ओलिंपिक में बैडमिंटन में कांस्य पदक जीत चुके हैं। उन्होंने हंगरी और ब्रिटेन के खिलाड़ियों को हराकर यह उपलब्धि हासिल की। इससे पहले वह अर्जेंटीना, स्पेन और ब्रिटेन में आयोजित प्रतियोगिताओं में गोल्ड और सिल्वर मेडल जीत चुके हैं। बलबीर अभ्यास के लिए रोजाना दो घंटे पसीना बहाते हैं।
उनका कहना है कि किडनी ट्रांसप्लांट के बाद फिट रहने के लिए नियमित व्यायाम और दवा बेहद जरूरी है। अंगदाता का आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि अगर अंगदान न होता तो शायद यह जिंदगी और यह उपलब्धियां कभी संभव न होतीं। उन्होंने लोगों से अपील की कि अंगदान के लिए आगे आएं, खासकर ब्रेन डेड व्यक्ति के परिजन साहस दिखाकर अंगदान का निर्णय लें। यही कदम किसी और की जिंदगी को नई दिशा दे सकता है।
मरीज अनुशासन से दवाएं लें
एसजीपीजीआइएमएस में नेफ्रोलाजी विभाग के अध्यक्ष प्रो. नारायण प्रसाद ने बताया कि बलबीर जैसे मरीज हमारी प्रेरणा हैं। किडनी ट्रांसप्लांट के बाद अगर मरीज अनुशासन से दवाएं लें, नियमित जांच कराएं और जीवनशैली पर नियंत्रण रखें तो वह सामान्य व्यक्ति की तरह जीवन जी सकते हैं। बलबीर का प्रदर्शन यह संदेश देता है कि ट्रांसप्लांट कोई बाधा नहीं बल्कि नई जिंदगी की शुरुआत है।
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