बहुत कम लोग जानते हैं- किडनी को स्वस्थ रखने में ये भोजन अधिक लाभकारी, क्या कम पानी पीना भी है सॉल्यूशन?
किडनी हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग है, जो खून को शुद्ध करता है। युवाओं में किडनी की बीमारी बढ़ रही है, जिसके मुख्य कारण खराब जीवनशैली और गलत खानपान हैं। शाकाहारी भोजन किडनी के लिए अधिक लाभकारी है। डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को नियमित जांच करानी चाहिए। किडनी खराब होने के लक्षणों में पेशाब में बदलाव और थकान शामिल हैं।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। हमारे शरीर में किडनी यानी गुर्दा सबसे महत्वपूर्ण अंग है। यह खून को शुद्ध करने, शरीर से अतिरिक्त पानी और विषैले पदार्थों को बाहर निकालने, ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने और रेड ब्लड सेल्स के उत्पादन में मददगार है। यदि किडनी ठीक से काम नहीं करतीनतो शरीर में विषाक्त पदार्थ जमा होने लगते हैं, जिससे कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
पिछले करीब एक दशक में युवाओं में क्रोनिक किडनी डिजीज (सीकेडी) के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है। इसके मुख्य कारण खराब जीवनशैली, अत्यधिक दर्द निवारक दवाएं, अनियमित आहार, मधुमेह और उच्च रक्तचाप हैं। इसके अलावा हाई प्रोटीन भी गुर्दा को नुकसान पहुंचाता है।
यह बात कई शोध में सामने आ चुकी है कि किडनी को स्वस्थ रखने में मांसाहारी की जगह शाकाहारी भोजन अधिक लाभकारी माना जाता है। लिहाजा, अपने आहार में मौसमी फल, हरी सब्जियां और साबुत अनाज शामिल करें। फास्ट-फूड, नमकीन, मीठे और तले हुए भोजन का सेवन कम करें। सीकेडी के शुरुआती चरणों में कोई लक्षण नहीं दिखते।
ऐसे में डायबिटीज एवं हाई ब्लड प्रेशर के रोगियों को सीकेडी से बचाव के लिए अनुशासित दिनचर्या, रोजाना 30-45 मिनट एक्सरसाइज और नियमित जांच पर ध्यान देना चाहिए।
40 साल से अधिक उम्र के सामान्य व्यक्ति भी प्रत्येक छह माह में एचबीएवनसी, यूरीन-आरएम एवं केएफटी की जांच जरूर कराएं, जिससे समय रहते बीमारी की पहचान होगी और इलाज भी संभव हो सकेगा। ये जानकारी गुरुवार को दैनिक जागरण के हेलो डाक्टर कार्यक्रम में लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में नेफ्रोलाजी विभाग के अध्यक्ष प्रो. अभिलाष चंद्रा ने दी। उन्होंने कई पाठकों के सवालों के जवाब दिए।
सवाल- मुझे सात साल से डायबिटीज के साथ ब्लड प्रेशर की बीमारी है। क्या एहतियात बरतें? -रजनीश सिंह, सुल्तानपुर, 45 वर्ष
-डायबिटीज के साथ ब्लड प्रेशर किडनी रोग की संभावना को तीन-चार गुणा तक बढ़ाता है। ऐसे में डाक्टर की सलाह से डायबिटीज और बीपी की नियमित दवा लें। प्रत्येक छह माह में खून और पेशाब की जांच कराएं। रोजाना 40-45 मिनट एक्सरसाइज करें। जैसे- पैदल चलना, साइकिल चलाना। भोजन में नमक की मात्रा सीमित रखें। कोल्डड्रिंक्स और फास्ट-फूड का सेवन बेहद कम हो। कम मीठे मौसमी फल एवं हरी सब्जियां खूब खाएं। गेहूं की जगह मिक्स आटा की रोटी खाएं। धूमपान और शराप से दूरी बनाएं।
सवाल- मुझे प्रत्येक 30 मिनट पर पेशाब होती है। बीपी की भी परेशानी है। -सुशील अग्रवाल, बहराइच, 66 वर्ष
-इसके कई कारण हो सकते हैं। पेशाब में संक्रमण, हार्मोनल बदलाव और प्रोस्टेट बढ़ने से भी अधिक पेशाब होती है। इसलिए आप एक बार लोहिया संस्थान में यूरोलाजी विभाग में दिखवा लें। कुछ जांच होने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। खुद से मेडिकल स्टोर से कोई दवा न खाएं।
सवाल- मेरे परिवार में किडनी रोग का इतिहास है। किडनी को स्वस्थ रखने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? -ईश्वर पांडेय, लखनऊ, 28
-यदि परिवार में किडनी रोग डिजीज का इतिहास है तो आपको अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत है। किडनी को स्वस्थ रखने के लिए प्रत्येक छह माह में खून एवं पेशाब की जांच करवाएं, स्वस्थ आहार (कम नमक, प्रोसेस्ड फूड से बचें) लें, रक्तचाप और मधुमेह को नियंत्रित रखें, नियमित व्यायाम करें, धूमपान से दूरी बनाएं और बिना डाक्टर की सलाह दर्द निवारक दवाएं कतई न लें।
सवाल- मेरा किएटिनिन चार पहुंच गया है। कुछ दिन से पैर में सूजन है। क्या करना चाहिए? -अमित, लखीमपुर खीरी, 45 वर्ष
-आपका क्रिएटिनिन का स्तर चार होना और पैरों में सूजन होना किडनी की बीमारी का संकेत हो सकता है। इसलिए तुरंत विशेषज्ञ डाक्टर से सलाह लें। तब तक नमक और प्रोटीन का सेवन सीमित करें। जब तक डाक्टर मना न करें दिन में पर्याप्त पानी पीएं, ताकि किडनी अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकाल सके।
सवाल- मेरी पत्नी की मौत किडनी खराब होने से हुई थी। मुझे क्या एहतियात बरतना चाहिए? -विशाल मिश्र, अयोध्या, 49
-किडनी को स्वस्थ रखने के लिए संतुलित आहार लें, खूब पानी पीएं। नियमित व्यायाम करें और धूमपान तथा अत्यधिक शराब के सेवन से बचें। रक्तचाप और मधुमेह से पीड़ित हैं तो दवा लें, जिससे बीमारी नियंत्रित रहे। नमक का सेवन कम करें और बिना डाक्टर की सलाह के कोई भी दर्द निवारक एवं विटामिन की दवाएं न खाएं। प्रत्येक छह माह में स्क्रीनिंग अनिवार्य है। फूल गोभी व पत्ता गोभी किडनी के लिए लाभदायक मानी जाती है।
इसमें पोटेशियम, सोडियम और फास्फोरस की मात्रा कम होती है, जो इसे किडनी के अनुकूल होती है। फूल गोभी में विटामिन सी, विटामिन के और फोलेट जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसके अलावा प्याज सिर्फ खाने का स्वाद ही नहीं बढ़ाता, बल्कि यह किडनी के स्वास्थ रखने में भी अहम भूमिका निभाता है। प्याज में फ्लेवोनोइड्स और क्वेरसेटिन जैसे शक्तिशाली एंटीआक्सीडेंट होते हैं, जो हृदय और किडनी दोनों के लिए फायदेमंद होते हैं। प्याज में पोटेशियम की मात्रा भी कम होती है।
सवाल- मुझे डायबिटीज है। हाल ही में किडनी की जांच कराया तो क्रिएटिनिन दो पहुंच गया। - विनय मिश्र, लखनऊ, 45 वर्ष
-यह क्रोनिक किडनी डिजीज का लक्षण है। सबसे पहले किसी गुर्दा रोग विशेषज्ञ को दिखाएं। कुछ जरूरी जांच के बाद ही इलाज शुरू होगा। अपनी दिनचर्या भी ठीक करें। ऐसा डायबिटीज बढ़ने से हो सकता है।
सवाल- क्या किडनी रोगी को कम पानी पीना चाहिए?- राजेश सिंह, अमेठी, 42 वर्ष
-नहीं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि किडनी की बीमारी किस चरण में है? शुरुआती चरणों में किडनी को ठीक से काम करने के लिए पर्याप्त पानी की आवश्यकता होती है, लेकिन बाद के चरणों में जब किडनी शरीर में तरल पदार्थ को नियंत्रित करने के लिए संघर्ष करती है, तो डाक्टर कम पानी पीने की सलाह दे सकते हैं। खासकर, एडवांस सीकेडी के रोगियों को कम पानी पीने के लिए कहा जाता है।
किडनी खराब होने के प्रमुख लक्षण
किडनी खराब होने के लक्षणों में पेशाब में बदलाव (जैसे अधिक या कम पेशाब आना, झागदार या खून आना), पेशाब के दौरान दर्द या जलन होना, थकान, भूख में कमी, मतली और उल्टी, पैरों और टखनों में सूजन और पीठ के निचले हिस्से में दर्द शामिल हैं। अन्य संकेतों में त्वचा में लगातार खुजली, सांस लेने में तकलीफ, आंखों के नीचे सूजन और उच्च रक्तचाप भी हैं।
किन लोगों को किडनी रोग का खतरा अधिक
मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और मोटापा से ग्रस्त लोगों में किडनी रोग का खतरा अधिक होता है। इसके अलावा 60 साल से अधिक उम्र के लोग, गुर्दे की बीमारी का पारिवारिक इतिहास रखने वाले में भी उच्च जोखिम में है।

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