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    KGMU Convocation: तनुश्री सिंह को प्रतिष्ठित हीवेट मेडल सहित छह गोल्ड और मयंक सुहाग को चांसलर मेडल

    By Dharmendra PandeyEdited By: Dharmendra Pandey
    Updated: Sat, 20 Dec 2025 12:20 PM (IST)

    KGMU Convocation in Lucknow:मुख्य अतिथि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा व राज्यपाल आनंदीबेन पटेल सभी मेधावियों को मेडल प्रदान किया। दीक्षा समारोह ...और पढ़ें

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    केजीएमयू के 21वें दीक्षा समारोह में (बाएं से) उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा व भाजपा उत्तर प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी। इनसेट में तनुश्री सिंह

    जागरण संवाददाता, लखनऊ : एमबीबीएस छात्रा तनुश्री सिंह को किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के 21वें दीक्षा समारोह में शनिवार को प्रतिष्ठित हीवेट सहित छह गोल्ड मेडल प्रदान किया गया। तनुश्री सिंह को दो सिल्वर और बुक प्राइज भी प्रदान किया गया।

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    मुख्य अतिथि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा व राज्यपाल आनंदीबेन पटेल सभी मेधावियों को मेडल प्रदान किया। दीक्षा समारोह में एमबीबीएस के मेधावी मयंक सुहाग को चांसलर मेडल दिया गया। उन्हें दो और गोल्ड मेडल, बुक प्राइज व सर्टिफिकेट भी प्रदान किया गया।

    केजीएमयू की कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने बताया कि बीडीएस टापर शिवांगी सिंह को प्रतिष्ठित डा. एचडी गुप्ता, डा. एमएन माथुर, केजीएमयू गोल्ड मेडल (डा. अनिल चंद्रा), तीन सिल्वर मेडल व दो सर्टिफिकेट दिया गया। हर्षिता यादव को डा. गोविल गोल्ड मेडल के साथ चार अन्य गोल्ड मेडल व दो सिल्वर और एक सर्टिफिकेट भी दिया गया।

    कुलपति ने बताया कि इस बार भी पदकों के मामले में छात्राओं ने छात्रों को पीछे छोड़ दिया है। इस बार 81 मेधावियों को 90 मेडल प्रदान किए जाएंगे, जिनमें 33 छात्र व 48 छात्राएं हैं। कुल 2,441 छात्र-छात्राओं को डिग्री प्रदान की गई। इनमें 1,224 छात्र व 1,217 छात्राएं हैं। विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार सलाहकार परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर अजय कुमार सूद को मानद उपाधि दी गई।

    परिवार में पहली डाक्टर

    शिवांगी सिंह ने बताया कि मेरे पिता ज्ञानेंद्र सिंह दिल्ली के ताज होटल में कार्यरत हैं, जबकि मां सुनीता सिंह गृहिणी हैं। भाई शिवम सिंह सिविल इंजीनियरिंग के बाद इंडियन आयल में नौकरी कर रहे हैं। मैं गाजियाबाद के संजय नगर की रहने वाली हूं। यहां हास्टल में रहकर पढ़ाई कर रही हूं। परिवार में पहली डाक्टर बन रही हूं। इसमें भाई का विशेष सहयोग मिला। केजीएमयू में डा. सोमेंद्र विक्रम सिंह का भी मार्गदर्शन रहा। आगे आइएएस की तैयारी करने की इच्छा है। 

    परिवार में सबसे अधिक पढ़ने वाली बेटी

    हर्षिता यादव ने बताया कि मेरे पिता उमेश चंद्र इंडियन एयरफोर्स में अधिकारी हैं और मां तुलसी यादव गृहिणी हैं। मैं मूल रूप से यूपी के शिकोहाबाद की रहने वाली हूं।परिवार हैदराबाद में रहता है। भाई दिल्ली आइआइटी से पढ़ाई के बाद बेंगलुरु में कार्यरत हैं। डाक्टर बनने के लिए पिता ने लगातार प्रेरित किया। परिवार में सबसे अधिक पढ़ने वाली बेटी बनने में डा. अंजनी और डा. टंडन का योगदान अहम रहा।

    परिवार का सबसे अधिक सहयोग

    मयंक सुहाग ने बताया कि मेरे पिता जलजीत सिंह व्यवसायी हैं और मां सीमा सरकारी शिक्षिका हैं। बहन हर्षा बीएआरसी में वैज्ञानिक हैं और वर्तमान में आरआरसीएटी, इंदौर में तैनात हैं। दादाजी स्वर्गीय उमेद सिंह कैप्टन रहे। मेरा जन्म रुड़की, उत्तराखंड में हुआ, जबकि अब मूल निवास हरियाणा के झज्जर जिले के बिशन गांव में है। मेरी पूरी यात्रा में परिवार का सबसे अधिक सहयोग रहा।