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    KGBV: यूपी इन छात्राओं के लिए सरकार की खास योजना, 73 जिलों में केजीबीवी संचालित; परिवहन भत्ता भी मिलेगा

    Updated: Wed, 23 Jul 2025 07:34 PM (IST)

    लखनऊ से मिली खबर के अनुसार कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय गरीब और स्कूल छोड़ चुकी लड़कियों को शिक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। राज्य में 409 केजीबीवी को 12वीं कक्षा तक उच्चीकृत किया गया है और शेष 337 को 2025-26 तक उच्चीकृत किया जाएगा। इन विद्यालयों में एक लाख से अधिक छात्राएं पढ़ रही हैं जिससे गरीब और वंचित लड़कियों को शिक्षा मिल रही है।

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    12वीं तक बालिकाओं की शिक्षा के लिए तैयार हो रहे केजीबीवी

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ।  गरीब और स्कूल छोड़ चुकी बालिकाओं को शिक्षित कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय (केजीबीवी) महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। छठी से आठवीं कक्षा तक संचालित इन आवासीय विद्यालयों को 12वीं तक उच्चीकृत किया जा रहा है।

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    अभी तक राज्य के 409 केजीबीवी को छात्रावास और शैक्षणिक परिसर के तौर पर उच्चीकृत किया जा चुका है, जहां अब छात्राएं इंटरमीडिएट तक पढ़ाई कर रही हैं। शेष 337 विद्यालयों को शैक्षणिक सत्र 2025-26 तक उच्चीकृत कर दिया जाएगा।

    प्रदेश में कुल 746 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय संचालित हैं, जिनमें एक लाख से अधिक छात्राएं पढ़ाई कर रही हैं। ये विद्यालय मुख्य रूप से शैक्षणिक रूप से पिछड़े ब्लाकों में खोले गए हैं, जहां गरीब, वंचित और ड्रापआउट बालिकाओं को फिर से मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया जा रहा है।

    इन विद्यालयों को दो तरह से उच्चीकरण की योजना बनाई गई है। जिन केजीबीवी के तीन किलोमीटर के दायरे में कोई राजकीय या एडेड स्कूल मौजूद है, वहां के छात्रावास को 12वीं तक उच्चीकृत किया जा रहा है।

    इन छात्राओं को पास के इंटर कालेज तक आने-जाने के लिए 450 रुपये प्रति माह का परिवहन भत्ता (ट्रांसपोर्ट एलाउंस) भी दिया जा रहा है। जबकि जिन विद्यालयों के तीन किलोमीटर के दायरे में कोई भी राजकीय या एडेड स्कूल नहीं है, वहां पूरे केजीबीवी को ही 12वीं तक उच्चीकृत किया जा रहा है, ताकि छात्राएं उसी परिसर में इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई कर सकें।

    प्रदेश के लगभग सभी जिलों में केजीबीवी संचालित हैं। सिर्फ कानपुर नगर और औरैया ऐसे जिले हैं जहां ये विद्यालय नहीं हैं। विभागीय अधिकारियों के अनुसार इस वर्ष 63 विद्यालयों में छात्रावास को उच्चीकृत किया जाना है। इसके निर्माण के लिए कार्यदायी संस्था का चयन हो चुका है। कुछ जगह जमीन की उपलब्धता कम होने की वजह से कार्य शुरू नहीं हो पा रहा है।