Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bihar elections 2025: बिहार में यूपी मॉडल दोहराएगी BJP? योगी सरकार के इस मंत्री को सौंपी बड़ी जिम्मेदारी

    Updated: Fri, 26 Sep 2025 07:21 AM (IST)

    भाजपा ने केशव प्रसाद मौर्य को बिहार चुनाव के लिए सह प्रभारी बनाकर पिछड़े समुदायों को साधने की रणनीति बनाई है। केशव ने पहले उत्तर प्रदेश में भाजपा को ऐतिहासिक जीत दिलाई थी। उनका संगठनात्मक कौशल और अनुभव बिहार में यूपी मॉडल दोहराने में मदद कर सकता है। यह कदम मौर्य को राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने और उत्तर प्रदेश चुनाव में फायदा पहुंचाने के लिए भी महत्वपूर्ण है।

    Hero Image
    बिहार के चुनावी कुरुक्षेत्र में जीत का व्यूह रचेंगे यूपी के केशव

    अजय जायसवाल, लखनऊ। बिहार के चुनावी कुरुक्षेत्र में यूपी के केशव, राजग के चुनावी रथ के सारथी बनेंगे। यूपी की तरह वहां भी जीत की व्यूह रचना में अहम भूमिका निभाएंगे।

    राजग गठबंधन के लिए बेहद अहम और महत्वाकांक्षी बिहार विधानसभा चुनाव में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को सोची-समझी रणनीति के तहत सह प्रभारी बनाकर भाजपा ने उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार तक के पिछड़ों को साधने का बड़ा दांव चला है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पिछड़ी जाति का प्रतिनिधित्व करने वाले केशव के प्रदेश अध्यक्ष रहते वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उत्तर प्रदेश में ऐतिहासिक जीत हासिल की थी। संगठनात्मक कौशल से लेकर सरकार का लंबा अनुभव रखने वाले मौर्य को चुनावी दायित्व सौंपकर पार्टी बिहार में भी ‘यूपी माडल’ दोहराना चाहती है।

    उत्तर प्रदेश की तरह पड़ोसी राज्य बिहार की राजनीति भी जातीय संतुलन पर टिकी है। दोनों ही राज्यों के चुनाव में ओबीसी (अन्य पिछड़े वर्ग) जातियों की निर्णायक भूमिका रहती है। संगठनात्मक पकड़ और जमीनी चुनावी रणनीति के माहिर 56 वर्षीय केशव भाजपा के लिए खासतौर से पिछड़े समाज का बड़ा वोट बैंक खड़ा करने में सदैव अहम भूमिका निभाते रहे हैं।

    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक से लेकर विश्व हिन्दू परिषद और पार्टी संगठन में लंबे समय तक कार्य करते हुए जमीनी राजनीति की समझ ने मौर्य को प्रदेश नेतृत्व तक पहुंचाया। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली ऐतिहासिक जीत में केशव के योगदान को अहमियत देते हुए पार्टी ने योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार में उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया।

    सांसद भी रहे मौर्य, उत्तर प्रदेश में तो समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के पीडीए (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) की धार कुंद करते ही रहे हैं, महाराष्ट्र, बंगाल, राजस्थान, महाराष्ट्र सहित दूसरे राज्यों के चुनाव में भी भाजपा मौर्य का खूब इस्तेमाल कर चुकी है।

    वर्ष 2019 के चुनाव में केशव के सह प्रभारी रहते महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना गठबंधन ने बहुमत हासिल किया था। माना जा रहा है कि भाजपा नेतृत्व का मौर्य को सह प्रभारी बनाना केवल बिहार की चुनावी रणनीति तक सीमित नहीं है।

    पार्टी का यह कदम बिहार के जातीय गणित को तो साधेगा ही, मौर्य को राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण संकेत है। बिहार में उत्तर प्रदेश की तरह पार्टी की चुनाव में स्थिति मजबूत होने की दशा में केशव का राष्ट्रीय राजनीतिक में कद बढ़ेगा।

    भाजपा के भीतर मौर्य की स्थिति और अधिक मज़बूत होगी जिसका फायदा उत्तर प्रदेश विधानसभा के वर्ष 2027 में होने वाले चुनाव में भी कहीं ज्यादा होगा।

    बिहार में फिर एक बार, एनडीए सरकार: केशव प्रसाद मौर्य

    बिहार विधान सभा चुनाव का सह प्रभारी बनाए जाने के बाद केशव प्रसाद मौर्य ने एक्स पर पार्टी नेतृत्व का आभार जताया और वहां फिर से एनडीए की सरकार बनने की बात कही।

    उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा मुझे बिहार विधानसभा चुनाव में सह-प्रभारी की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी प्रदान किए जाने पर हृदय से आभार एवं हार्दिक अभिनंदन। संगठन के मार्गदर्शन और देवतुल्य कार्यकर्ताओं के परिश्रम से हम सभी मिलकर बिहार में विकास को समर्पित कमल खिलाएंगे। बिहार में फिर एक बार, एनडीए सरकार।’