यूपी के चार जिलों के लिए वरदान बनेगी केन-बेतवा लिंक परियोजना, 5121 करोड़ रुपये की लागत लगाएगी योगी सरकार
मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश को मिलाकर बनी केन-बेतवा लिंक परियोजना प्रदेश के चार जिलों बांदा महोबा झांसी व ललितपुर के लिए वरदान साबित होगी। इससे 2.51 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में सिंचाई की सुविधा प्राप्त हो सकेगी। इसके जरिए यहां पेयजल भी उपलब्ध हो सकेगा। करीब 44605 करोड़ रुपये की कुल परियोजना के तहत यूपी में लगभग 5121 करोड़ रुपये की पांच परियोजनाओं में काम होगा।

शोभित श्रीवास्तव, लखनऊ। मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश को मिलाकर बनी केन-बेतवा लिंक परियोजना प्रदेश के चार जिलों बांदा, महोबा, झांसी व ललितपुर के लिए वरदान साबित होगी। इससे 2.51 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में सिंचाई की सुविधा प्राप्त हो सकेगी। इसके जरिए यहां पेयजल भी उपलब्ध हो सकेगा। करीब 44,605 करोड़ रुपये की कुल परियोजना के तहत यूपी में लगभग 5,121 करोड़ रुपये की पांच परियोजनाओं में काम होगा।
केन बेतवा लिंक परियोजना में 90 प्रतिशत धनराशि केंद्र व 10 प्रतिशत राज्य को वहन करना है। इसके अंतर्गत मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में दौधन बांध का निर्माण कार्य एवं 221 किलोमीटर लंबी केन बेतवा लिंक चैनल का निर्माण मार्च 2030 तक पूरा होना है।
221 किलोमीटर केन बेतवा लिंक चैनल में से उत्तर प्रदेश में 21 किलोमीटर का निर्माण होगा। साथ ही बांदा में केन नहर प्रणाली का सुधार, महोबा के 15 बांध व तालाबों का जीर्णोद्धार, केन नदी पर दो नए बांध व पारीक्षा एवं बरुआसागर बांध का जीर्णोद्धार भी इसके तहत कराया जाएगा।
इसमें से पहली परियोजना बांदा में केन नहर प्रणाली के सुधार पर काम इस वर्ष के अक्टूबर तक शुरू होने की उम्मीद है। जल्द ही इसके लिए केंद्र सरकार से धनराशि की मांग की जाएगी।
केन बेतवा लिंक परियोजना के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (निर्माण) देवेश शुक्ला ने बताया कि इस परियोजना के तहत केन नदी पर दो नए बैराज बांदा व पैलानी बनाए जाएंगे। इससे पाइपलाइन के जरिए 25,504 हेक्टेयर सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
बांदा में केन नहर प्रणाली का निर्माण 115 वर्ष पहले हुआ था। इसमें 1060 किलोमीटर लंबाई की केन नहर प्रणाली से सिंचाई सुविधा उपलब्ध होती है। यह अब पुरानी होने के कारण जीर्ण-शीर्ण हो गई है। इसका भी जीर्णोद्धार इसी परियोजना से कराया जाएगा।
इससे 1,66,973 हेक्टेयर सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। बरियारपुर पिकअप, पारीक्षा एवं बरुआसागर बांध भी 100 वर्ष से अधिक पुराना हो गया है इनका भी जीर्णोद्धार कराया जाएगा।
इसी प्रकार महोबा के 15 बांध व तालाबों के जीर्णोद्धार एवं लिंक नहर निर्माण से यहां कई क्षेत्रों में सिंचाई की सुविधा बढ़ जाएगी। इसके अलावा महोबा में प्रेशराइज्ड पाइप के जरिए 37,564 हेक्टेयर में लघु सिंचाई व झांसी में 17,488 हेक्टेयर में पंपिंग स्टेशन व लघु सिंचाई प्रणाली विकसित की जाएगी।
किस जिले को कितना मिलेगा पेयजल
जिला-घरेलू जल आपूर्ति (मिलियन क्यूबिक मीटर)
झांसी-14.66
ललितपुर-31.98
महोबा-20.13
किस परियोजना की कितनी है लागत
बांदा में केन नहर प्रणाली का सुधार-1191.51 करोड़
महोबा के 15 बांध/तालाबों का जीर्णोद्धार एवं लिंक नहर-510 करोड़
केन नदी पर बांदा व पैलानी में दो नए बैराज का निर्माण-2000 करोड़
बरियारपुर पिकअप वियर, पारीक्षा वियर एवं बरूआसागर बांध का जीर्णोद्धार-220 करोड़
महोबा व झांसी में लघु सिंचाई प्रणाली विकसित करना-1200 करोड़
राज्यों का जल बंटवारा
उत्तर प्रदेश- 1700 मिलियन क्यूबिक मीटर
नान मानसून- 750 मिलियन क्यूबिक मीटर
मानसून के समय- 950 मिलियन क्यूबिक मीटर
मध्य प्रदेश- 2350 मिलियन क्यूबिक मीटर
केन बेतवा लिंक परियोजना से बुंदेलखंड की सूखी धरती को सिंचाई के लिए और अधिक पानी मिल सकेगा। इससे इस क्षेत्र में सामाजिक आर्थिक विकास आएगा। इस परियोजना से प्रदेश के चार जिलों बांदा, महोबा, झांसी व ललितपुर को सीधा फायदा पहुंचने के साथ ही उरई व हमीरपुर को भी लाभ मिलेगा। यह परियोजना बुंदेलखंड के लिए लाइफ लाइन साबित होगी।
-स्वतंत्र देव सिंह, जल शक्ति मंत्री।
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