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    UP News: बालिकाओं की शिक्षा पर भारी पड़ रही बेसिक शिक्षा अधिकारियों की सुस्ती

    Updated: Thu, 11 Sep 2025 09:15 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में खान एकेडमी कार्यक्रम की शुरुआत छात्राओं के लिए गणित और विज्ञान की शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए की गई थी। लेकिन अप्रैल से अब तक केवल 70442 छात्राओं ने पंजीकरण किया है जिनमें से केवल 51810 छात्राएं ही अकाउंट एक्टिव कर पाई हैं।

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    बालिकाओं की शिक्षा पर भारी पड़ रही बेसिक शिक्षा अधिकारियों की सुस्ती

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए शुरू किया गया खान एकेडमी कार्यक्रम इस शैक्षिक वर्ष में उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पा रहा है। गणित और विज्ञान जैसे अहम विषयों की पढ़ाई के लिए बनाए गए इस ऑनलाइन प्लेटफार्म पर अप्रैल से अब तक सिर्फ 70,442 बालिकाओं का पंजीकरण हुआ है।

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    इनमें से भी केवल 51,810 बालिकाएं ही अपना अकाउंट एक्टिव कर पाई हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) की सुस्ती बालिकाओं की पढ़ाई पर भारी पड़ रही है। आधे से कम छात्राएं ही इस डिजिटल पहल से जुड़ सकी हैं। कई जिलों में तो स्थिति और भी खराब है।

    बलिया, रायबरेली, आगरा, बहराइच, प्रतापगढ़, आजमगढ़, महाराजगंज, मथुरा, गाजीपुर, कुशीनगर, गोंडा, शाहजहांपुर और महोबा जैसे जिलों में तो 60 प्रतिशत से भी कम बालिकाएं इस प्लेटफार्म का उपयोग कर रही हैं।

    पिछले माह के लिए तय किए गए मासिक लक्ष्य को भी विद्यालय पूरे नहीं कर सके। रिपोर्ट के अनुसार, गणित और विज्ञान के चार ग्रेड-स्तरीय कौशल में सिर्फ 27,272 बालिकाएं ही मास्टरी हासिल कर पाईं, जबकि संख्या इससे कहीं ज्यादा होनी चाहिए थी।

    शासन ने इसे गंभीरता से लेते हुए सभी जिलों को निर्देश दिए हैं कि इस हफ्ते के भीतर सभी बालिकाओं का पंजीकरण और अकाउंट एक्टिवेशन हर हाल में पूरा कराया जाए। साथ ही छात्राओं को अधिक से अधिक अभ्यास कराने पर जोर दिया जाए, ताकि वे दोनों विषयों में दक्षता हासिल कर सकें।

    बहराइच, बलरामपुर, बांदा, बाराबंकी, चंदौली, ललितपुर, मेरठ और मुजफ्फरनगर सहित 25 जिलों ने अब तक खान एकेडमी का डाटा डैशबोर्ड भी सक्रिय नहीं किया है।

    इस पर शासन ने नाराजगी जताते हुए जिला समन्वयकों और बीएसए को तुरंत डैशबोर्ड चालू करने और नियमित निगरानी करने के आदेश दिए हैं।