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    उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को काशी कॉरिडोर से मिली मजबूती, 1.25 लाख करोड़ का उछाल, आए 25.28 करोड़ पर्यटक

    Updated: Thu, 09 Oct 2025 01:20 AM (IST)

    काशी विश्वनाथ कॉरिडोर ने उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती दी है। 2021 से सितंबर 2025 तक 25.28 करोड़ पर्यटक काशी आए और औसतन चार से पांच हजार रुपये प्रति व्यक्ति खर्च किए, जिससे राज्य को 1.25 लाख करोड़ रुपये का फायदा हुआ। कॉरिडोर से स्थानीय लोगों को रोजगार मिला और प्रदेश में आर्थिक गतिविधियां बढ़ीं।

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    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। काशी विश्वनाथ कारीडोर न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती दे रहा है। कारीडोर के निर्माण के बाद 2021 से लेकर 30 सितंबर 2025 तक कुल 25.28 करोड़ पर्यटक काशी दर्शन के लिए आए हैं। इन पर्यटकों ने औसतन प्रति व्यक्ति चार से पांच हजार रुपये खर्च किए। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को करीब 1.25 लाख करोड़ रुपये का फायदा हुआ है।

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    काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्र ने बताया कि कारीडोर ने काशी की तस्वीर ही बदल दी है और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बहुत मदद मिली है। पर्यटकों के लगातार आने से दुकानदार, नाविक, पुजारी, होटल मालिक और ठेले वाले सभी को रोजगार के अवसर बढ़े हैं।

    संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के अर्थशास्त्री प्रो. राजनाथ का कहना है कि हर पर्यटक औसतन चार से पांच हजार रुपये खर्च करता है। काशी में आने वाले श्रद्धालुओं में 70 प्रतिशत दक्षिण भारत से और लगभग 15 प्रतिशत अन्य राज्यों से होते हैं। काशी दर्शन के बाद ये लोग अक्सर विंध्यवासिनी धाम, प्रयाग, अयोध्या, मथुरा, चित्रकूट, नैमिषारण्य जैसे तीर्थों पर भी जाते हैं, जिससे पूरे प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है।

    रेशम कीट पालन से जुड़ेंगे महिला स्वयं सहायता समूह

    राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं की आय बढ़ाने के लिए उनको रेशम उत्पादन से जोड़ा जा रहा है। 100 से अधिक समूहों को पहले चरण में चुना गया है। योजना के तहत रेशम सखियों का चयन कर उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा और वे रेशम विभाग से जुड़कर रेशम कीट पालन करेंगीं।

    चालू वित्तीय वर्ष की कार्ययोजना में रेशम विकास योजना में महिला समूहों को शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है। पिछले दिनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अधिकारियों को इसमें तेजी लाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद शहतूत रेशम कीट पालन पर समझ विकसित करने 14 सदस्यीय दल को तीन दिन की विजिट पर केंद्रीय रेशम अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान मैसूर भेजा गया था।

    वहीं तसर रेशम कीट पालन की जानकारी के लिए सोनभद्र से 17 सदस्यीय दल को तसर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान रांची का भ्रमण कराया गया है। आजीविका मिशन की निदेशक दीपा रंजन ने बताया कि समूह की महिलाओं को मुख्यमंत्री रेशम विकास योजना से जोड़ने के लिए रेशम विभाग द्वारा मिशन स्टाफ का उन्मुखीकरण किया गया है। प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है।