कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेस-वे बनेगा 'स्टार्टअप कॉरिडोर', दोनों शहरों के बीच StartUP इकोसिस्टम होगा मजबूत
उत्तर प्रदेश में कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेस-वे राज्य के स्टार्टअप इकोसिस्टम का नया इंजन बनने को तैयार है। यह मार्ग नवाचार और उद्यमिता के विकास का प्रमुख कॉ ...और पढ़ें

योगी आदित्यनाथ सरकार की कनेक्टिविटी क्रांति से बदलेगा स्टार्टअप मूवमेंट
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में तेजी से विकसित हो रहा बुनियादी ढांचा अब राज्य के स्टार्टअप इकोसिस्टम का नया इंजन बनने को तैयार है। कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के निर्माण के बाद यह महत्वपूर्ण मार्ग अब महज आवागमन का जरिया नहीं, बल्कि नवाचार और उद्यमिता के विकास का प्रमुख कॉरिडोर बनने जा रहा है। एक्सप्रेस-वे के चालू होते ही लखनऊ उत्तर भारत में नवाचार और उद्यमिता के एक बड़े केंद्र के रूप में स्थापित होगा। बेहतर कनेक्टिविटी और तेज आवागमन से यह पूरा क्षेत्र स्टार्टअप गतिविधियों के लिए एक अभूतपूर्व आकर्षण का केंद्र बनेगा। प्रोग्रेसिव फेडरेशन ऑफ़ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (पीएफटीआई) के चेयरमैन, दीपक मैनी का कहना है कि जिस गति से राज्य में इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास हो रहा है, वह स्टार्टअप और नवाचार को एक नई दिशा देगा।
कनेक्टिविटी में क्रांति: स्टार्टअप्स के लिए सुगम व्यापार
एक्सप्रेस-वे के पूरा होने के बाद कानपुर और लखनऊ के बीच यात्रा समय दो घंटे से घटकर मात्र कुछ मिनटों तक सीमित हो जाएगा। यह गतिशीलता स्टार्टअप्स के लिए एक क्रांति लाएगी, जिससे बिजनेस मीटिंग्स, सप्लाई चेन मैनेजमेंट और लॉजिस्टिक्स पहले से कहीं अधिक सुगम और लागत प्रभावी होंगे। यह मार्ग एक शक्तिशाली आर्थिक कॉरिडोर के रूप में उभरेगा, जो उद्योग, शिक्षा और रोजगार के नए अवसर पैदा करते हुए इस क्षेत्र को एक एकीकृत व्यावसायिक केंद्र में बदल देगा।
आईआईटी कानपुर और लखनऊ के बीच गहरा होगा सहयोग
इस एक्सप्रेस-वे के माध्यम से आईआईटी कानपुर और लखनऊ के प्रमुख शैक्षणिक, अनुसंधान और प्रबंधन संस्थानों के बीच सहयोग और तालमेल बढ़ने की अपार संभावना है। बेहतर कनेक्टिविटी से डीप टेक, IoT और उन्नत तकनीक आधारित स्टार्टअप्स के लिए संयुक्त इन्क्यूबेशन और मेंटरशिप कार्यक्रमों को गति मिलेगी। इससे नए उद्यमियों को मेंटरशिप, पूंजी निवेश और उच्च-स्तरीय तकनीकी संसाधनों तक पहले से कहीं अधिक बेहतर और त्वरित पहुंच मिल सकेगी, जो उत्तर प्रदेश में तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देगी।
एक्सप्रेस-वे कॉरिडोर पर विकसित होंगे नए स्टार्टअप हब
एक्सप्रेस-वे कॉरिडोर के आसपास के क्षेत्रों को मैन्युफैक्चरिंग, लॉजिस्टिक्स और टेक्नोलॉजी-आधारित क्लस्टर्स के रूप में विकसित करने की योजना है। भविष्य में इस क्षेत्र में अत्याधुनिक आईटी पार्क, विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZs) और औद्योगिक नोड्स स्थापित किए जाएंगे। यह विस्तार टेक मैन्युफैक्चरिंग और लॉजिस्टिक्स सेक्टर में काम कर रहे स्टार्टअप्स को तेजी से विस्तार और संचालन का अवसर प्रदान करेगा, जिससे वे राष्ट्रीय और वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे।
योगी सरकार की नीति से मजबूत हुआ निवेशकों का भरोसा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार की इंफ्रास्ट्रक्चर केंद्रित नीतियों ने निवेशकों का भरोसा मजबूत किया है। कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेस-वे का निर्माण इसी मजबूत नीति का परिणाम है। इस परियोजना के साथ ही, लखनऊ को उत्तर भारत के एक प्रमुख स्टार्टअप डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने का विस्तृत रोडमैप तैयार किया जा रहा है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि यह पहल आने वाले वर्षों में बड़ी संख्या में उच्च वेतन वाली नौकरियों और नए स्टार्टअप्स के सृजन को गति देगी, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जाया जा सकेगा।

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