GreenField HighWay: मार्च से शुरू हो जाएगा कानपुर से कबरई ग्रीनफील्ड हाईवे का काम
Kanpur-Kabrai GreenField HighWay: कानपुर-कबरई ग्रीन हाईवे का अलाइमेंट स्वीकृति के लिए प्रस्ताव मंत्रालय भेजा गया था, मंत्रालय ने इसकी स्वीकृति देने से पहले एनपीजी (नेशनल प्लानिंग ग्रुप) से अनापत्ति लेने के लिए प्रस्ताव भेज दिया था।

राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ: भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की राजधानी के बीच सड़क मार्ग का सफर आसान करने की तैयारी शुरू कर दी है। लखनऊ व भोपाल को ग्रीनफील्ड हाईवे से जोड़ने के लिए यूपी में कानपुर से कबरई के बीच प्रस्तावित हाइवे का काम मार्च में शुरू हाेगा।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) यूपी इस ग्रीनफील्ड हाईवे का काम कानपुर नगर के गांव रमईपुर से शुरू कर हमीरपुर, महोबा से होते हुए मध्य प्रदेश की सीमा से लगने वाले कबरई तक करेगा। यूपी में कबरई से आगे यह ग्रीनफील्ड हाईवे एमपी के छतरपुर से भोपाल तक बनने वाले इकोनामिक कारीडोर से जुड़ जाएगा। ग्रीन फील्ड हाईवे, नए ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ते हुए बनाया जाता है। इसके लिए नए इलाकों को चिन्हित किया जाएगा। ग्रीन हाईवे बनाने का मकसद घनी आबादी क्षेत्र को छोड़कर ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़कर विकसित करने का होगा।
एनएचएआइ के स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक कानपुर से कबरई तक 118 किमी.ग्रीनफील्ड हाईवे का काम मार्च में अवार्ड हो जाएगा। इस हाइवे के मध्यप्रदेश के हिस्से का काम अवार्ड हो गया है, जिसका काम शुरू होने जा रहा है। ग्रीनफील्ड को एक्सेस कंट्रोल्ड बनाया जाएगा यानी बहुत ही कम स्थानों से इस हाइवे पर आने के रास्ते दिए जाएंगे।
कबरई-कानपुर ग्रीनफील्ड हाईवे लगभग 112 किलोमीटर लंबा होगा। फाेर लेन हाईवे कानपुर, हमीरपुर, और महोबा से होकर गुजरेगा। इस परियोजना की लागत लगभग 3700 करोड़ रुपये है, जिसका उद्देश्य सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं को कम करना और बुंदेलखंड क्षेत्र के औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना है।
इसके बन जाने से यूपी और एमपी के कई जिलों का सफर आसान हो जाएगा। इस हाइवे से यूपी का कानपुर नगर, कानपुर देहात, हमीरपुर और महोबा जिले जुड़ेंगे। मध्य प्रदेश में छतरपुर, सागर, विदिशा होते हुए यह हाइवे भोपाल तक जाएगा। अभी कानपुर से हमीरपुर टू लेन हाईवे पर नौबस्ता से हमीरपुर के ट्रैफिक लोड ज्यादा होने से जाम लगता है। सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं भी इसी सड़क पर होती हैं।
कानपुर-कबरई ग्रीन हाईवे का अलाइमेंट स्वीकृति के लिए प्रस्ताव मंत्रालय भेजा गया था, मंत्रालय ने इसकी स्वीकृति देने से पहले एनपीजी (नेशनल प्लानिंग ग्रुप) से अनापत्ति लेने के लिए प्रस्ताव भेज दिया था। इन दोनों विभागों से स्वीकृति मिलने के बाद एनएचएआइ के अधिकारी अलाइमेंट स्वीकृति के साथ ही भूमि अधिग्रहण के लिए गजट प्रकाशन के लिए भेज दिया है। गजट प्रकाशन की तिथि से 21 दिनों के अंदर आपत्तियों को स्वीकार करते हुए प्रशासन निस्तारण करेगा। इसके बाद भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। ग्रीन फील्ड हाइवे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की तरह ही बनेगा। वर्ष 2021 में केंद्र सरकार ने कानपुर-सागर नेशनल हाइवे के समानांतर महोबा जिले के कबरई तक ग्रीन हाइवे बनाने का निर्णय लिया था, जो अब साकार होने जा रहा है।
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