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    UP News: प्राइवेट प्रैक्टिस में जीएसवीएम कानपुर के दो चिकित्सा शिक्षक बर्खास्त, यूपी के नौ डॉक्टरों पर गिरी गाज

    By Jagran NewsEdited By: Shivam Yadav
    Updated: Tue, 13 May 2025 07:55 AM (IST)

    कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के दो डॉक्टरों को प्राइवेट प्रैक्टिस के चलते बर्खास्त कर दिया गया है। जेके कैंसर संस्थान के निदेशक पर टेंडर में लापरवाही के आरोप हैं जिसकी जांच जारी है। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। विभिन्न जिलों के नौ अन्य डॉक्टरों के खिलाफ भी जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।

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    प्राइवेट प्रैक्टिस में जीएसवीएम कानपुर के दो चिकित्सा शिक्षक बर्खास्त।

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज (जीएसवीएम) के दो चिकित्सा शिक्षकों को प्राइवेट प्रैक्टिस करने के मामले में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। मंडलायुक्त कानपुर से इसकी जांच कराई गई थी। मंडलायुक्त की रिपोर्ट पर शासन ने यह कार्रवाई की है। 

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    वहीं, कानपुर के जेके कैंसर संस्थान के निदेशक पर टेंडर में लापरवाही के आरोप लगे हैं। इसके अलावा नौ अन्य डॉक्टर भी विभिन्न मामलों में फंसे हैं, इनके खिलाफ भी जल्द कार्रवाई करने की तैयारी है।

    जीएसवीएम कानपुर के न्यूरो सर्जरी विभाग में सह आचार्य डाॅ. राघवेन्द्र गुप्ता तथा पैथोलॉजी विभाग में सहायक आचार्य के पद पर तैनात डाॅ. स्वप्निल गुप्ता को बर्खास्त किया गया है। 

    दोनों चिकित्सा शिक्षक अफसरों को गुमराह करते हुए प्राइवेट प्रैक्टिस नहीं करने का दावा कर रहे थे। इस मामले की जांच कानपुर मंडलायुक्त ने की। जांच में दोनों डॉक्टरों द्वारा कानपुर के न्यूरान हॉस्पिटल में प्राइवेट प्रैक्टिस करने की पुष्टि हुई, जिसके बाद उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के निर्देश पर दोनों को बर्खास्त किया गया है। 

    उप मुख्यमंत्री ने कहा है कि गरीब मरीजों की सेवा के स्थान पर सरकारी डॉक्टरों द्वारा प्राइवेट प्रैक्टिस किसी भी रूप में क्षम्य नहीं है। सरकारी सिस्टम में ऐसे डॉक्टरों की कोई आवश्यकता नहीं है जो गरीब रोगियों की सेवा की जगह उन्हें प्राइवेट नर्सिंग होम भेजकर कमाई का साधन बनाते हैं।

    कानपुर स्थित जेके कैंसर संस्थान के निदेशक पर आउटसोर्स मैनपावर की निविदा में लापरवाही करने के आरोप लगे हैं। उप मुख्यमंत्री ने बिड को निरस्त करते हुए स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव को संस्थान के निदेशक से स्पष्टीकरण लेने का निर्देश दिया है।

    दूसरी तरफ, सीतापुर के महमूदाबाद स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. ऋतु रानी और बागपत जिला संयुक्त चिकित्सालय में एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ. मोनू चौधरी लंबे समय से ड्यूटी से गैरहाजिर हैं। उप मुख्यमंत्री ने बिना सूचना गैरहाजिर रहने वाले चिकित्सकों को एक माह की नोटिस देकर सेवा से बर्खास्त किए जाने के निर्देश दिए हैं।

    इनके अलावा, सात अन्य डॉक्टर भी कार्रवाई की जद में हैं। इन डॉक्टरों को आरोप पत्र देते हुए विभागीय कार्रवाई करने के लिए प्रमुख सचिव को निर्देशित किया गया है। महोबा जिला चिकित्सालय के आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. पवन साहू और झांसी ट्रामा सेंटर मोठ के आर्थो सर्जन डॉ. देव प्रकाश सिंह पर भी प्राइवेट प्रैक्टिस के आरोप हैं। 

    फतेहपुर (बिंदकी) सीएचसी के डेंटल सर्जन डॉ. प्रदीप कुमार बिना किसी सूचना के विदेश यात्रा पर गए हैं। बिजनौर हल्दौर सीएचसी की डॉ. दिव्या गुप्ता भी बिना सूचना के गैरहाजिर चल रही हैं। 

    हाथरस में जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. राकेश कुमार अग्निहोत्री तथा बरेली मानसिक चिकित्सालय की डॉ. अनुराधा सिंह पर चिकित्सकीय कार्यों में रूचि नहीं लिए जाने के आरोप हैं। 

    संयुक्त राजकीय चिकित्सालय सिकंदराबाद से 100 बेड संयुक्त राजकीय चिकित्सालय डिबाई, बुलंदशहर में स्थानांतरण होने के बावजूद नवीन तैनाती स्थल पर ज्वाइन नहीं करने पर हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप कुमार को आरोप पत्र दिया गया है।

    कानपुर व फर्रुखाबाद सीएमओ से जवाब तलब

    कानपुर नगर के जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. हरिदत्त नेमि द्वारा अनियमितताएं करने एवं अन्य कई आरोपों की जानकारी देते हुए शासन को पत्र लिखा है। इस मामले में डॉ. हरिदत्त नेमि से जवाब मांगा गया है। 

    फर्रुखाबाद के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अवनीन्द्र कुमार से भी शासन ने स्पष्टीकरण तलब किया है। इन पर आरोप है कि पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर शासन को गलत एवं दिग्भ्रमित करने की रिपोर्ट दी है। सीएमओ से स्पष्टीकरण मांगे जाने का निर्देश दिया गया है।