यूपी सरकार में मंत्री मोहसिन रजा के खिलाफ 33 साल पुराने मुकदमे में फैसला 15 को, जारी हुआ था गैरजमानती वारंट
उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री मोहसिन रजा के खिलाफ लखनऊ की एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। 33 साल पुराने इस मामले में फैसला 15 मार्च को होगा।

लखनऊ, विधि संवाददाता । 33 वर्ष पहले ट्रक ड्राइवर को मारने-पीटने व जानमाल की धमकी देने के मामले में शनिवार को अंतिम सुनवाई के बाद एमपी-एमएलए की विशेष मजिस्ट्रेट कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है। एसीजेएम अम्बरीष कुमार श्रीवास्तव ने फैसले के लिए 15 मार्च की तारीख मुकर्रर की है। इस मामले में अरशद उर्फ मोहसिन रजा व अकबर उर्फ सज्जू आरोपित हैं। मोहसिन रजा प्रदेश सरकार में मंत्री हैं। चार अगस्त, 1989 को ट्रक ड्राइवर लल्लन ने इस मामले की एफआइआर थाना वजीरगंज में दर्ज कराई थी। चार अगस्त, 1990 को पुलिस ने इस मामले में अकबर उर्फ सज्जू व मोहसिन रजा के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था।
जारी हुआ था गैरजमानती वारंट : बता दें कि 33 वर्ष पुराने एक आपराधिक मामले में सुनवाई के दौरान गैरहाजिर रहने पर एमपी-एमएलए की विशेष मजिस्ट्रेट कोर्ट ने अभियुक्त अरशद उर्फ मोहसिन रजा के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया था। मोहसिन रजा भाजपा सरकार में मंत्री हैं। विशेष एसीजेएम अम्बरीष कुमार श्रीवास्तव ने मोहसिन रजा की हाजिरी माफी की अर्जी खारिज करते हुए उनकी सफाई साक्ष्य का अवसर भी समाप्त कर दिया था।
भ्रष्टाचार के मुकदमों में गवाहों को पेश नहीं करने पर अदालत सख्त : भ्रष्टाचार के मुकदमों में अभियोजन के गवाहों को पेश नहीं करने पर अदालत ने सख्त रुख अपनाया है। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष जज लोकेश वरुण ने इस संदर्भ में अभियोजन के महानिदेशक को पत्र जारी किया है। कहा है कि आप अपने स्तर से झांसी, बांदा, कानपुर देहात, लखीमपुर खीरी, ललितपुर, हमीरपुर, इटावा, हरदोई, चित्रकूट, जालौन, कन्नौज, महोबा, औरैया व फरुखाबाद जिलों के लंबित मुकदमों में संबधित महकमे की ओर से प्रभावी पैरवी सुनिश्चित कराएं। ताकि इन जनपदों के भ्रष्टाचार से संबंधित मुकदमों का निस्तारण शीघ्रता से हो सके।

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