Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    JEECUP 2021: यूपी पॉलीटेक्निक प्रवेश में बढ़ी कतार, आवेदन डेढ़ लाख के पार

    संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद द्वारा आयोजित परीक्षा के आधार पर राजधानी समेत प्रदेश के सभी सरकारी सहायता प्राप्त व निजी संस्थानों में प्रवेश होता है। कम रैंक वाले मेधावियों को प्राथमिकता के आधार पर संस्थान आवंटन का मौका मिलता है।

    By Rafiya NazEdited By: Updated: Fri, 09 Apr 2021 06:30 AM (IST)
    Hero Image
    यूपी पॉलीटेक्‍निक प्रवेश के लिए 15 अप्रैल तक होगा आनलाइन आवेदन।

    लखनऊ [जितेंद्र उपाध्याय]। पॉलीटेक्निक में प्रवेश को लेकर युवाओं में खासा उत्साह दिख रहा है। आनलाइन आवेदन की प्रक्रिया 15 अप्रैल तक चलेगी। अब तक 1.29 लाख सीटों के सापेक्ष 1.93 लाख आवेदन आ चुके हैं। संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद के प्रभारी सचिव रामरतन ने बताया कि आनलाइन परीक्षा जून में होने की संभावना है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद द्वारा आयोजित परीक्षा के आधार पर राजधानी समेत प्रदेश के सभी सरकारी, सहायता प्राप्त व निजी संस्थानों में प्रवेश होता है। कम रैंक वाले मेधावियों को प्राथमिकता के आधार पर संस्थान आवंटन का मौका मिलता है। काउंसिलिंग के माध्यम से प्रदेश के 1129 निजी, 150 सरकारी, 19 सहायता प्राप्त और पांच विभागों से संचालित होने वाली संस्थाओं में प्रवेश होता है। पहले सरकारी, फिर सहायता प्राप्त के साथ ही अंत में निजी संस्थाओं में छात्र प्रवेश लेते हैं। गृह जनपद में प्रवेश न होने पर छात्र आसपास के जिलों में प्रवेश ले लेते हैं। प्रवेश प्रक्रिया समाप्त होने के साथ ही ऐसे छात्र जो संस्था की अदला-बदली करना चाहते थे वे संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद सचिव को प्रार्थना पत्र देकर बदलाव करा लेते थे। अदला-बदली के नाम पर छात्रों से धनउगाही भी होने लगी थी। इस पर रोक लगाने के लिए प्राविधिक शिक्षा विभाग ने शासन से इस बदलाव को बंद करने का प्रस्ताव बीते महीने भेजा था। शासन के निर्णय के बाद इसे पूरी तरह बंद कर दिया गया। एक बार फिर इस प्रक्रिया को शुरू करने के प्रस्ताव पर प्राविधिक शिक्षा विभाग ने असहमति व्यक्त की है।

    ऐसे में अब छात्र जहां प्रवेश लेंगे, वहीं उन्हें पूरी पढ़ाई करनी होगी। किसी भी सूरत में बदलाव नहीं होगा। निदेशक प्राविधिक शिक्षा जितेंद्र कुमार ने बताया कि मेधावियों का हौसला बना रहे, इस वजह से संस्थान स्थानांतरण पर रोक लगाई गई है।