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    Lucknow News: एचआइवी नहीं हापो से हुई जवान की मौत, सेना दे स्पेशल फेमिली पेंशन, लखनऊ पीठ ने दिया आदेश

    By Jagran NewsEdited By: Prabhapunj Mishra
    Updated: Thu, 06 Apr 2023 04:07 PM (IST)

    Lucknow News प्रचलित बीमारी हाई अल्टीट्यूड पल्मोनरी ओडेमा (हापो) से जवान की मौत के मामले में सशस्त्र बल अधिकरण की लखनऊ पीठ ने सेना को स्पेशल फेमिली पेंशन देने का आदेश द‍िया है। बता दें क‍ि पहले एचआइवी से जवान की मौत बताई गई थी।

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    Lucknow News: लखनऊ पीठ ने सेना को स्पेशल फेमिली पेंशन देने का आदेश द‍िया

    लखनऊ, जागरण संवाददाता। ग्लेशियर के विषम हालात और दुश्मन से मोर्चा लेते हुए जिस जवान की मौत का कारण सेना ने एचआइवी बताया था, वह मेडिकल इमरजेंसी के नाम से प्रचलित बीमारी हाई अल्टीट्यूड पल्मोनरी ओडेमा (हापो) थी। सशस्त्र बल अधिकरण ने मेडिकल रिसर्च के आधार पर सेना को दिवंगत जवान की पत्नी को स्पेशल फेमिली पेंशन जारी करने के आदेश दिए हैं। नेपाल निवासी अम बहादुर गुरुंग 18 दिसंबर 1995 को गोरखा ट्रेनिंग सेंटर शिलांग में राइफलमैन के रूप में भर्ती हुए थे।

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    सियाचिन ग्लेशियर में तैनाती के समय 30 जुलाई, 2000 में उनकी मृत्यु हो गई थी। ग्लेशियर को सेना रणभूमि के रूप में मानती है। सेना ने पति के अंतिम दर्शन कराए बगैर पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार कर दिया। उनकी पत्नी माया गुरुंग को मौत की वजह भी नहीं बतायी गई। माया गुरुंग ने 27 दिसंबर 2021 को गोरखा ट्रेनिंग सेंटर शिलांग से पति की मृत्यु का कारण पूछते हुए स्पेशल फेमिली पेंशन की मांग की।

    सेना की ओर से जवाब न मिलने पर माया गुरुंग ने अधिवक्ता विजय कुमार पांडेय के माध्यम से सशस्त्र बल अधिकरण लखनऊ पीठ में अगस्त 2022 में वाद दायर किया। भारत सरकार के अधिवक्ता ने 22 वर्ष बाद मामले की सुनवाई लिमिटेशन एक्ट के विपरीत होने की बात कहते हुए विरोध दर्ज किया। अधिकरण के न्यायिक सदस्य सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति उमेश चंद्र श्रीवास्तव एवं अभय रघुनाथ कर्वे की खंडपीठ ने सरकार से चार सप्ताह के अंदर जवाब तलब कर लिया।

    ऐसे बदला केस

    सेना ने 26 दिसंबर, 2022 को अधिकरण में हलफनामा दाखिल करते हुए नवगठित खंडपीठ को बताया कि वादिनी के पति की मौत संक्रमित बीमारी एचआइवी से हुई। अधिवक्ता विजय कुमार पांडेय और टीके शुक्ल ने दलील दी कि सैनिक की मौत संक्रामक बीमारी एचआइवी से नहीं हुई। दिवंगत जवान हापो का शिकार हो गया था। इस कारण सैनिक ‘सेप्टीसीमिया’ की चपेट में आ गया, जिसमें कुछ घंटों के अंदर ही फेफड़ा, किडनी और गुर्दा इत्यादि सभी अंग काम करना बंद कर देते है और मरीज की मौत हो जाती है।

    वादिनी के पति 29 जुलाई, 2000 को बीमार हुए और 30 जुलाई को उनकी मौत हो गई, जबकि एचआइवी संक्रमण में ऐसा नहीं होता। उन्होंने रिसर्च का हवाला देते हुए कहा हापो बीमारी 2740 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों और ग्लेशियर में जाने वाले लोगों और पर्वतारोहियों में होती है। इस बीमारी से सन 1962 के भारत-चीन युद्ध में पश्चिमी और पूर्वी हिमालय क्षेत्र चीन के खिलाफ मोर्चा लेने वाले भारतीय सैनिकों की मौत हुई थी। दलील सुनने के बाद प्रशासनिक सदस्य सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति अनिल कुमार एवं प्रशासनिक सदस्य मेजर जनरल संजय सिंह (सेवानिवृत्त) की खंडपीठ ने वादिनी की मृत्यु का कारण हापो बीमारी मानते हुए स्पेशल फेमिली पेंशन दिए जाने का फैसला सुनाया है।