Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    पंचायतः अब अहीर, जाट, गुर्जर और राजपूतों में वैवाहिक संबंध अंतरजातीय नहीं

    By Nawal MishraEdited By:
    Updated: Sun, 19 Jul 2015 08:41 PM (IST)

    गाजियाबाद के डासना स्थित सिद्धपीठ देवी मंदिर में अहीर, जाट, गुर्जर और राजपूत (अजगर) जातियों की पंचायत में समाज से जुड़ी मूल समस्याओं पर चर्चा की गई। सहमति बनी कि अहीर, जाट, गुर्जर और राजपूत युवक-युवतियों के विवाह को अंतरजातीय नहीं माना जाएगा।

    लखनऊ। गाजियाबाद के डासना स्थित सिद्धपीठ देवी मंदिर में अहीर, जाट, गुर्जर और राजपूत (अजगर) जातियों की पंचायत में समाज से जुड़ी मूल समस्याओं पर चर्चा की गई। सहमति बनी कि अहीर, जाट, गुर्जर और राजपूत युवक-युवतियों के विवाह को अंतरजातीय नहीं माना जाएगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पंचायत में मुख्य रूप से देश, धर्म व समाज की रक्षा के लिए क्षत्रिय एकता और अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए घटती हुई आबादी पर रोक लगाने के उपायों पर चर्चा की गई। पंचायत ने समाज में मौजूद सारी कुरीतियों की मूल जड़ दहेज और दिखावे को गलत मानते हुए इनका परित्याग करने का आह्वान किया। पंचायत में यह भी माना गया कि अहीर, गुर्जर, जाट और राजपूत समाज में हुए विवाह को अंतरजातीय नहीं माना जाएगा और लोगों को इस संबंध में जागरूक भी किया जाएगा।

    इस मौके पर मंदिर के महंत यति नरङ्क्षसहानंद ने कहा कि धर्मगुरुओं और राजनेताओं का समाज से कटना हम सबकी दुर्दशा का मूल कारण है। उन्होंने कहा कि आज समाज में व्यक्तिगत, जातिगत, संस्थागत और दलगत स्वार्थो और अहंकार से ऊपर उठकर एकजुट होना पड़ेगा। इस मौके पर किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत व गुर्जर नेता वीरेंद्र गुर्जर का अभिनंदन किया गया। राकेश टिकैत ने मुजफ्फरनगर दंगों के पीडि़तों के दर्द को बयां करते हुए कहा कि जिस मुजफ्फरनगर कांड ने भारत की सरकार बदल दी, उस कांड में फंसाए गए निर्दोष नवयुवकों को कोई अब तक भी पूछ नहीं रहा है। कार्यक्रम में यादवों, गुर्जरों, ब्राह्मणों व अन्य जाति के लोगों के साथ इकला, गालंद, इनायतुपर, बयाना, कचैड़ा, दुजाना, रघुनाथ पुर गांव के लोगों ने भाग लिया। अध्यक्षता पूर्व विधायक नरेंद्र सिसौदिया ने की।