शासन की आंखों में धूल झोंकने वाले इंजीनियरों के प्रयासों पर फिरेगा पानी, जलशक्ति मंत्री ने बंद नालों का वीडियो बनाकर भेजने के दिए आदेश
अब इंजीनियर शासन की आंखों में धूल नहीं झोंक पाएंगे। जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह ने इसके लिए तकनीक का सहारा लिया है। उन्होंने इंजीनियरों से बंद नालों का वीडियो बनाकर भेजेने के लिए कहा है। जिससे गंगा किनारे वाले टैप (बंद) नालों की वास्तविकता परखी जा सके।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो । कागजी रिपोर्ट बनाकर शासन की आंखों में धूल झोंकने वाले इंजीनियरों के इन प्रयासों पर पानी फेरने की तैयारी जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह ने कर ली है। अर्थ गंगा की अवधारणा को सौ प्रतिशत जमीन पर उतारने की प्रतिबद्धता जताते हुए गंगा किनारे के टैप (बंद) नालों की वास्तविक स्थिति परखने के लिए नई युक्ति अपनाई है। इंजीनियरों से कहा है कि वह मौके पर जाकर सभी नालों का एक-एक मिनट का वीडियो बनाकर भेजें।
जल निगम मुख्यालय में मंगलवार को आयोजित बैठक में स्वतंत्रदेव सिंह ने नमामि गंगे, ग्रामीण जलापूर्ति और भूगर्भ जल विभाग की मासिक बैठक की। उन्होंने कहा कि गंगा के दोनों किनारों पर किए गए काम की समीक्षा की जाए। विभिन्न विभागों के साथ समन्वय बनाकर अब तक गंगा किनारे हुए कार्यों का ब्योरा दें।
उन्होंने कहा कि अर्थ गंगा परियोजना से किसानों, छोटे व्यापारियों और ग्रामीणों के आर्थिक और समावेशी विकास को बढ़ावा मिलेगा। यूपी के विकास में योगदान देने के लिए विभाग को इस काम को तेजी से पूरा करना होगा। जलशक्ति मंत्री ने अफसरों को अपने काम से विभाग की छवि बदलने के लिए कहा।
नदियों को निर्मल बनाने के अभियान के तहत गंगा में गिरने वाले नालों की टैपिंग और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के संचालन व सतत निगरानी के निर्देश दिए। कहा कि इंजीनियर टैप (बंद) किए गए सभी नालों और ट्रीटमेंट प्लांट के एक-एक मिनट के वीडियो मौके पर बनाकर भेजें। साथ ही कहा कि योजनाओं को समय पर पूरा कराने के लिए काम के आधार पर विभागीय इंजीनियरों को ए, बी, सी, डी श्रेणी में बांटा जाएगा।
जिन इंजीनियरों की योजनाएं समय से आगे चल रही हैं, उनको ए श्रेणी में रखा जाए। जिनकी योजनाएं लक्ष्य पर हैं, वह बी श्रेणी में, जो लक्ष्य से नीचे हैं वह सी श्रेणी में और लक्ष्य से बहुत पीछे चल रहे इंजीनियर डी श्रेणी में रखे जाएं। इस अवसर पर विभाग के राज्यमंत्री रामकेश निषाद, नमामि गंगे के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव, जल निगम के प्रबंध निदेशक डा. बलकार सिंह, नामामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के अधिशासी निदेशक अखंड प्रताप सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
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