Jails in UP: उत्तर प्रदेश में जेलों की सुरक्षा होगी मजबूत, छह में लगाए जाएंगे आधुनिक मोबाइल जैमर
Security in Jails of UP प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने वर्ष 2021 में कारागारों के अंदर मोबाइल फोन का प्रयोग करते हुए पकड़े जाने पर बंदियों को तीन से पांच वर्ष तक के अतिरिक्त कारावास की सजा देने और 50 हजार रुपये तक का अर्थदंड लगाने का प्रविधान किया था।

राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊः कारागारों (जेल) में हो रहे मोबाइल फोन के इस्तेमाल को रोकने के लिए राज्य के छह कारागारों में आधुनिक तकनीक वाले मोबाइल जैमर लगाए जाएंगे। राज्य सरकार ने इसके लिए टावर आफ हारमोनियस काल ब्लाकिंग सिस्टम (टी-एचसीबीसी) को लगाने की स्वीकृति प्रदान की है।
इन टावरों को स्थापित करने के लिए 9.14 करोड़ रुपये की राशि भी सरकार ने स्वीकृत कर दी है। यह टावर जिला कारागार लखनऊ, चित्रकूट, कासगंज, आजमगढ़, अंबेडकर नगर और केंद्रीय कारागार बरेली-2 में स्थापित किए जाएंगे।
सरकार ने वर्ष 2021 में कारागारों के अंदर मोबाइल फोन का प्रयोग करते हुए पकड़े जाने पर बंदियों को तीन से पांच वर्ष तक के अतिरिक्त कारावास की सजा देने और 50 हजार रुपये तक का अर्थदंड लगाने का प्रविधान किया था।
इसके लिए प्रिजन एक्ट में बदलाव कर कारागारों में मोबाइल व अन्य इलेक्ट्रानिक उपकरण के उपयोग को संज्ञेय व गैर जमानती अपराधों की श्रेणी में शामिल किया गया था। इसके बाद कारागारों में मोबाइल फोन, टैबलेट, कंप्यूटर, लैपटाप, वाईफाई, ब्लूटूथ, जीपीआरएस, निकट क्षेत्र संचार (एनएफसी), इंटरनेट, ई-मेल, एमएमएस का प्रयोग गैरजमानती अपराध में शामिल किया गया था। वहीं कारागार कर्मी की मिलीभगत पर उसके विरुद्ध भी एफआइआर दर्ज करने का प्रविधान किया गया था।
इसके बाद भी कारागारों में मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर रोक नहीं लगाई जा सकी है। बीती फरवरी माह में गाजीपुर जेल से एक युवक को बंदी द्वारा धमकी भरा फोन किए जाने का मामला सामने आया था।
इसी प्रकार भदोही के जिला कारागार में पिछले वर्ष तीन दिसंबर को हत्या के मामले में बंद मोहम्मद कलीम के बिस्तर से तलाशी के दौरान मोबाइल और दो सिमकार्ड बरामद किए गए थे। कारागारों से इस प्रकार की सूचनाएं अक्सर मिलती रहती हैं।
नतीजतन अब सभी कारागारों में टी-एचसीबीसी स्थापित करने किए जा रहे हैं। यह 2जी से लेकर 5जी नेटवर्क को जाम करने से लेकर हर प्रकार के इलेक्ट्रानिक उपकरणों को जाम कर देता है। अलबत्ता बंदी अगर मोबाइल फोन के जरिए इंटरनेट या विभिन्न प्रकार के एप्लीकेशन पर भी बात करना चाहेंगे तो भी संभव नहीं होगा।
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