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    Jagran Samvadi 2024: अभिव्यक्ति का वार्षिक उत्सव 'जागरण संवादी' कल से, निशुल्क लीजिए बतरस का अनुपम आनंद

    Updated: Fri, 15 Nov 2024 12:20 AM (IST)

    Jagran Samvadi 2024 - अभिव्यक्ति का वार्षिक उत्सव यानी जागरण संवादी 16-17 नवंबर को लखनऊ विश्वविद्यालय के मालवीय सभागार में आयोजित होगा। कार्यक्रम में विभिन्न सत्र आयोजित किए जाएंगे जिनमें साहित्य संगीत राजनीति और अन्य विषयों पर चर्चा होगी। कार्यक्रम में कई प्रसिद्ध व्यक्तियों की उपस्थिति होगी जिनमें राज्यपाल आनंदीबेन पटेल लेखक उदय माहूरकर और फिल्म निर्देशक राहुल रवैल शामिल हैं।

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    संवादी की इस सफल साहित्यिक यात्रा का एक दशक पूर्ण हो चुका है।

    जागरण संवाददाता, लखनऊ। अभिव्यक्ति का वार्षिक उत्सव यानी 'जागरण संवादी'। हिंदी को समृद्ध करने के इस अभियान में 16 नवंबर से विभिन्न कलाओं के प्रसिद्ध हस्ताक्षर शामिल होंगे। वे लखनऊ विश्वविद्यालय के मालवीय सभागार में आयोजित संवाद के सतरंगी में मेले में अपनी बात रखेंगे। फिर उनके साथ उपस्थित लोग संवाद करेंगे। यहां साहित्य, संविधान, संगीत, राजनीति आदि विविध विषयों पर कई सत्र होंगे। बतरस का अनुपम आनंद लेने के लिए अवश्य आइएगा। इसमें प्रवेश निशुल्क है।

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    राज्यपाल आनंदीबेन पटेल 'संवादी' का करेंगी उद्घाटन 

    पहले दिन 16 नवंबर को दोपहर 12:30 बजे से राज्यपाल आनंदीबेन पटेल 'संवादी' का उद्घाटन करेंगी। उनके संबोधन के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक राय से दैनिक जागरण के राज्य संपादक (उत्तर प्रदेश) आशुतोष शुक्ल संवाद करेंगे। 

    दोपहर 1:30 से 2:30 बजे तक प्रथम सत्र में 'नेहरू से मोदी युग का साहित्य' पर आलोचक प्रो. सुधीश पचौरी, लेखक प्रो. उदय प्रताप सिंह व लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रो. पवन अग्रवाल प्रकाश डालेंगे। इनसे अनंत विजय संवाद करेंगे। 

    दोपहर 2.30 से तीन बजे तक द्वितीय सत्र 'जागरण ज्ञानवृत्ति' चलेगा। इसमें लेखिका नाइश हसन से उनकी पुस्तक मुताह पर चर्चा की जाएगी। साथ ही निर्मल पांडेय 'हिंदुत्व का राष्ट्रीयकरण' पर विचार साझा करेंगे। 

    तीसरा सत्र 'जागरण बेस्टसेलर' दोपहर तीन से चार बजे तक चलेगा। इसमें लेखक उदय माहूरकर, लेखक विजय मनोहर तिवारी व लेखिका अमी गणात्रा के साथ नवीन चौधरी विमर्श करेंगे। आजकल वक्फ चर्चा में है। 

    हमारा चौथा सत्र 'वक्फ पर विवाद क्यों' इसी पर केंद्रित है। इसमें शाम चार से पांच बजे तक वक्फ पर जेपीसी के चेयरमैन व सांसद जगदंबिका पाल विषय पर विस्तार से प्रकाश डालेंगे। 

    पांचवें सत्र में शाम पांच से छह बजे तक 'रजवाड़ों की विरासत' पर बातें होंगी। इसमें दरभंगा के राजा युवराज कुमार कपिलेश्वर सिंह, अयोध्या के यतीन्द्र मिश्र, गुजरात के बालानिसोर की आलिया बाबी के साथ प्रशांत कश्यप रोचक बातें करेंगे। 

    छठे सत्र की चर्चा 'राष्ट्र निर्माण के सौ वर्ष' पर केंद्रित होगी। इसमें शाम छह से 6:45 बजे तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख नरेन्द्र ठाकुर के साथ दैनिक जागरण के राज्य संपादक (उत्तर प्रदेश) आशुतोष शुक्ल संवाद करेंगे। 

    पहले दिन के अंतिम सत्र में 'रोमांस का राजा' पर दिलचस्प बातें करने के लिए उपस्थित होंगे राज कपूर, लता और गुलजार के जीवनी लेखक यतीन्द्र मिश्र, संगीत विशेषज्ञ यूनुस खान और गायक पंकज कुमार। यह परिचर्चा शाम 6:45 बजे से शुरू होकर रात आठ बजे तक चलेगी।

    17 को 'एक रहोगे नेक रहोगे' पर विमर्श संग 'भारत की बात'

    • संवादी के दूसरे दिन 17 नवंबर को सुबह 11 बजे से 'खुला मंच' सजेगा। इसमें कई कलाकार अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे।
    • इस दिन पहले सत्र में दोपहर 12 बजे लेखक नवीन चौधरी की पुस्तक का विमोचन किया जाएगा।
    • दूसरा सत्र दोपहर 12:15 बजे से 1:15 बजे तक आयोजित होगा। इसमें 'भारत की बात' करेंगे लेखिका अमी गणात्रा, लेखक अरुण आनंद के साथ वरिष्ठ स्तंभकार हर्ष वर्धन त्रिपाठी।
    • तीसरे सत्र में दोपहर 1:15 से 2:15 बजे तक 'साहित्य में बंटवारा क्यों' पर विमर्श किया जाएगा। इसमें उपन्यासकार प्रो. गरिमा श्रीवास्तव, कवि तजेन्द्र सिंह लूथरा, उपन्यासकार रत्नेश्वर सिंह व कहानीकार सबाहत आफरीन के साथ युवा आलोचक डा. सुनील विपुल परिचर्चा करेंगे।
    • चौथे सत्र में दोपहर 2:15 से 3:15 बजे तक 'एक रहोगे नेक रहोगे' पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, समाजवादी पार्टी से पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप, भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता सिद्धार्थ यादव अपनी-अपनी बातें रखेंगे। 
    • दोपहर 3:15 बजे से पांचवां सत्र शुरू होगा। इसमें फिल्मकार मुजफ्फर अली, लोक गायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी व सूफी कथक नर्तक मंजरी चतुर्वेदी के साथ दूरदर्शन के उपनिदेशक आत्म प्रकाश मिश्र 'लखनऊ सबरंग' पर ज्ञानवर्धक बातें करेंगे।
    • छठे सत्र 'संविधान और आरक्षण' में शाम 4:15 से 5:15 बजे तक संविधान विशेषज्ञ अश्विनी उपाध्याय, दलित चिंतक प्रो. विवेक कुमार और शिक्षक धीरेन्द्र दोहरे बातचीत करेंगे। शाम 5:15 से 6:15 बजे तक सातवां सत्र चलेगा। इसमें फिल्म निर्माता व निर्देशक राहुल रवैल 'फिल्मी दुनिया के अनसुने किस्से' साझा करेंगे।
    • सातवें सत्र में शाम 6:15 बजे से 7:15 बजे तक 'सिनेमा की नई पीढ़ी' पर फिल्म निर्देशक अमित राय, फिल्म निर्देशक मृगदीप लांबा और फिल्म निर्देशक अभिषेक शर्मा संवाद करेंगे।

    आखिरी प्रस्तुति 'प्रायश्चित' 

    दूसरे दिन की आखिरी प्रस्तुति शाम 7:15 से शुरू होगी। नाट्य निर्देशक गोपाल सिन्हा के निर्देशन में रंगकर्मी रूपाली चंद्रा भगवती चरण वर्मा की कहानी 'प्रायश्चित' पर एकल प्रस्तुति देंगी। हास्य से परिपूर्ण इस कहानी का मंचन अत्यंत रोचक होगा। 

    इसकी कहानी एक मध्यम वर्गीय परिवार की है, जिसमें एक बिल्ली ने घर की नई बहू को परेशान कर रखा है। बहू मौका देख बिल्ली को भारी पट्टा दे मारती हैं और बिल्ली वहीं ढेर हो जाती है। फिर इस अपशकुन से बचने के लिए जो कुछ होगा, उसका मंचन हंसा-हंसाकर लोट-पाेट करा देगा।