सभी हिंदुओं को मुस्लिम बनने में लगेंगे दो हजार साल, सपा के पूर्व सांसद डाॅ. एसटी हसन ने दिया बयान
सपा के पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन ने अमरोहा के सपा विधायक महबूब अली के बयान का बचाव किया कहा कि यह मजाक में कहा गया होगा अगर मान लिया जाए ऐसा हो भी रहा है तो सभी हिंदुओं को मुस्लिम बनने में दो हजार साल लगेंगे। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार के गाय को राज्य माता घोषित करने को राजनीतिक शिगूफा बताया।
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। अमरोहा के सपा विधायक महबूब अली के मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ने पर भाजपा का राज खत्म को लेकर दिए गए बयान का बचाव करते हुए सपा के पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन बोले कि उन्होंने यह मजाक में कहा होगा।
डॉ. हसन ने कहा, अगर मान लिया जाए ऐसा हो भी रहा है तो सभी हिंदुओं को मुस्लिम बनने में दो हजार साल लगेंगे, तब तक दुनिया बचेगी क्या…? इतना ही नहीं महाराष्ट्र सरकार के गाय को राज्य माता घोषित किए जाने के निर्णय को राजनीतिक शिगूफा बताया।
माहौल को संवेदनशील बताते हुए मुस्लिम युवकों से हिंदू लड़कियों को बहन की तरह देखने की हिदायत दी है, ताकि उनका भविष्य सुरक्षित रहे।
मुरादाबाद के पूर्व सांसद पत्रकारों से वार्ता में बोले, महाराष्ट्र सरकार ने चुनाव नजदीक आते देख गाय को राज्य माता घोषित किया है। यह सब वोटों के ध्रुवीकरण के लिए किया गया है। हिंदुओं के लिए गाय पूजनीय है। लेकिन, दक्षिण भारत और पूर्वोत्तर राज्यों में गाय का मीट खाया जाता है।
आगे कहा, महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार को मालूम होना चाहिए कि महाराष्ट्र और नजदीक राज्य गोवा में भी गाय का मीट प्रयोग किया जाता है। हम देखेंगे कि सरकार का यह फैसला केवल चुनाव तक है या फिर इसके बाद भी जारी रहेगा।
हिंदू-मुस्लिम के बीच खाई खोदी जा रही
पूर्व सांसद बोले, समय बेहद संवेदनशील है। गरबा में गैर हिंदुओं के जाने पर रोक और वहां जाने वालों पर गोमूत्र के छिड़काव की बात कही जा रही है। हिंदू-मुस्लिम के बीच खाई खोदी जा रही है। इसलिए मुस्लिम युवकों को बेहद सावधान रहने की जरूरत है।
तंज कसते हुए कहा कि गरबा और अन्य सार्वजनिक धार्मिक कार्यक्रमों में न जाएं। मुस्लिम युवकों को अपना भविष्य सुरक्षित रखने के लिए हिंदू लड़कियों को बहन की तरह देखना चाहिए। पता नहीं इसे लोग किस रूप लें और उन्हें जेल जाना पड़े। अभी मतांतरण के मामले में आजीवन कारावास की सजा हुई।
हिंदू युवती मुस्लिम युवकों से शादी कर लेती हैं
समाज में पहले से ही हिंदू लड़कियां और मुस्लिम युवकों की शादी होती है आई हैं। यह प्यार मुहब्बत की बात है। यदि किसी को प्यार होता है और वह शादी कर लेते हैं तो गलत क्या है? क्या हिंदू लड़कों की शादी मुस्लिम लड़कियों से नहीं हुई।
प्यार में हिंदू युवती मुस्लिम युवकों से शादी कर लेती हैं, बाद में परिवार, समाज और भगवा ब्रिगेड के दबाव में कह देती हैं कि उसे नहीं मालूम था कि युवक मुस्लिम है। उन्होंने प्रश्न उठाया कि दो विपरीत समुदायों की शादी को कैसे रोका जा सकता है।
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