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    उत्तर प्रदेश में छोटी नदियों के कायाकल्प से बढ़ रही हरियाली, सीएम योगी के निर्देश पर युद्धस्तर पर हो रहा काम

    Updated: Sat, 19 Jul 2025 06:32 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने स्थानीय लोगों के सहयोग से ईशन नदी को पुनर्जीवित किया है। एटा हाथरस मैनपुरी कन्नौज और कानपुर नगर में बहने वाली यह नदी वर्षों से सूखी पड़ी थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य स्वच्छ गंगा मिशन और नमामि गंगे विभाग ने युद्धस्तर पर काम किया। मनरेगा के तहत तालाबों की खुदाई और पौधरोपण से किसानों को लाभ मिला है।

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    योगी सरकार का संकल्प उत्तर प्रदेश में ईशन नदी को मिला नया जीवन

    डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के संकल्प और स्थानीय लोगों के समर्पण से एक और भूली-बिसरी नदी को नया जीवन मिल गया है। वर्षों से सूखी, गाद से भरी और अतिक्रमण की शिकार रही ईशन नदी अब फिर से बहने लगी है। एटा, हाथरस, मैनपुरी, कन्नौज और कानपुर नगर में यह नदी हरियाली और खुशहाली का संदेश लेकर लौटी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट निर्देशों पर राज्य स्वच्छ गंगा मिशन, नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग भी युद्धस्तर पर इस कार्य को अंजाम दे रहे हैं।

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    हरियाली की ओर बढ़ता उत्तर प्रदेश

    प्रदेश में छोटी नदियों के कायाकल्प का अभियान न केवल पारिस्थितिकी को संजीवनी दे रहा है, बल्कि किसानों की खुशहाली का माध्यम भी बन रहा है। एटा के जिलाधिकारी प्रेम रंजन सिंह ने बताया कि एटा जिले में 57 किलोमीटर लंबी ईशन नदी का पुनरुद्धार होने से 44 ग्राम पंचायतों के किसान लाभान्वित हुए हैं। मनरेगा के तहत तालाबों की खुदाई की गई, वहीं वन विभाग तथा संबंधित जिला गंगा समितियों ने नदी के किनारे बड़े पैमाने पर पौधरोपण कर हरियाली को बढ़ावा दिया है।

    जन सहयोग से बदली तस्वीर

    यह परिवर्तन यूं ही नहीं आया है, इसके पीछे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की स्पष्ट सोच और मजबूत इच्छाशक्ति है। उन्होंने राजनीतिक संकल्प, प्रशासनिक तत्परता और जनभागीदारी को एक साथ जोड़कर दिखा दिया कि अगर सब मिलकर प्रयास करें तो कोई भी नदी पुनर्जीवित हो सकती है। ईशन नदी का पुनरुद्धार अब पूरे उत्तर प्रदेश के लिए एक प्रेरणादायी मॉडल बन चुका है।

    ईशन नदी का भूगोल और विस्तार

    ईशन नदी जनपद एटा के विकास खण्ड निधौली कलां के ग्राम नगला गोदी (ग्राम पंचायत मनौरा) से एटा में प्रवेश करती है। सीडीओ डॉ नागेन्द्र नारायण मिश्र के अनुसार यह नदी निधौली कलां के 10, शीतलपुर के 4 और सकीट के 30 ग्राम पंचायतों से गुजरती है। एटा जिले की कुल 44 ग्राम पंचायतों से होते हुए यह नदी मैनपुरी, कन्नौज से गुजरकर कानपुर नगर के बिल्हौर में गंगा नदी में समाहित हो जाती है।

    समन्वय से मिली सफलता

    योगी सरकार की पहल ने ईशन नदी को पुनर्जीवित कर दिया है। यह वही नदी है जो कभी अतिक्रमण से दब चुकी थी, लेकिन अब जीवनदायिनी जलधारा बन गई है। सिंचाई एवं लघु सिंचाई विभाग के तकनीकी सहयोग ने इस काम को आसान बनाया, जबकि प्रमुख नालों की सफाई का कार्य सिंचाई ड्रेनेज खण्ड द्वारा किया गया। जल संकट को देखते हुए नदी को सदानीरा बनाए रखने हेतु यह योजना बनाई गई है। नदी का यह पुनर्जागरण न सिर्फ एक पर्यावरणीय प्रयास है, बल्कि यह एक सामाजिक और आर्थिक बदलाव की कहानी भी है।