यूपी में अब नौकरी की बहार! योगी सरकार का मास्टर प्लान! कहां-कहां बनेंगे 10 नए टेक्सटाइल पार्क?
टेक्सटाइल क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए इन्वेस्ट यूपी ने विशेष डेस्क की स्थापना की है। प्रत्येक प्रस्ताव के लिए एक संपर्क अधिकारी नियुक्त किया जाएगा जो निवेश को वास्तविकता में बदलने में मदद करेगा। सरकार उत्तर प्रदेश को टेक्सटाइल का हब बनाने के लिए प्रयासरत है जिसके लिए दस नए टेक्सटाइल पार्क स्थापित किए जा रहे हैं। इन पार्कों में भारी निवेश और रोजगार की उम्मीद है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। टेक्सटाइल के क्षेत्र में निवेश को बढावा देने के लिए इन्वेस्ट यूपी हर प्रस्ताव को लेकर एक संपर्क अधिकारी की तैनाती करेगा। संपर्क अधिकारी निवेश को धरातल पर उतारने के लिए संबंधित कंपनियों के साथ लगातार तालमेल बनाएंगे।
साथ ही विभिन्न विभागों से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) और निवेश को लेकर प्रोत्साहन दिलाने का कार्य करेंगे। इसके लिए इन्वेस्ट यूपी ने विशेष डेस्क की स्थापना की है।
राज्य सरकार उत्तर प्रदेश को टेक्सटाइल का हब बनाने की कोशिश कर रही है। इसके लिए सरकार ने मुख्यमंत्री वस्त्र परिधान पार्क योजना के तहत प्रदेश में दस नए टेक्सटाइल पार्कों की स्थापना की घोषणा की है।
यह टेक्सटाइल पार्क बाराबंकी, कानपुर, भदोही, हापुड़, मऊ, गोरखपुर, संत कबीर नगर, गाजियाबाद, मेरठ व हरदोई में स्थापित किए जा रहे हैं। इन टेक्सटाइल पार्कों में 8,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश कर छोटी-बड़ी करीब 1,000 इकाईयों की स्थापना की जाएगी।
टेक्सटाइल पार्कों में स्थापित होने वाली इन इकाइयों में 40,000 से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। नीति के अनुसार टेक्सटाइल पार्कों को निजी कंपनियों द्वारा संबंधित जिलों के टेक्सटाइल उद्योगों की मांग के अनुसार विकसित किया जाएगा। साथ ही सरकार ने प्रदेश के 34 जिलों में हथकरघा उद्योग को नए सिरे से बढ़ावा देने की योजना पर भी काम शुरू किया है।
इन्वेस्ट यूपी द्वारा टेक्सटाइल के क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा निवेश के लिए स्थापित की गई डेस्क पावरलूम बाहुल्य मऊ, अंबेडकर नगर, वाराणसी, मेरठ, कानपुर, झांसी, इटावा, संतकबीर नगर जैसे जिलों में भी निवेश की संभावनाओं पर काम करेगी।
डेस्क को वस्त्र एवं परिधान के क्षेत्र को विकसित करने के लिए विभिन्न देशों व राज्यों में किए गए सफल प्रयोगों का अध्ययन करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अलावा डेस्क वैश्चिव बाजार का अध्ययन कर उत्पादों के लिए नए अवसरों की तलाश करेगी।
इसके बाद टेक्सटाइल उद्यमियों को संबंधित देशों में उत्पादों के निर्यात के लिए प्रेरित किया जाएगा। वहीं स्थापित हो चुकी इकाईयों के साथ संपर्क कर उन्हें इकाई के विस्तार के लिए प्रेरित किया जाएगा।
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