UP News: उत्तर प्रदेश में निवेश बढ़ाने के लिए छह देशों में होगा रोड शो, इन्वेस्ट यूपी ने शुरू की तैयारी
उत्तर प्रदेश में विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए इन्वेस्ट यूपी ने 20 से अधिक देशों को चिह्नित किया है। पहले चरण में फ्रांस जर्मनी सहित छह देशों में रोड शो होंगे। इन्वेस्ट यूपी की टीम स्थानीय कंपनियों के साथ गोल मेज सम्मेलन करेगी। प्रत्येक देश के लिए अलग डेस्क स्थापित की गई है जो औद्योगिक ढांचे का अध्ययन करेगी और कंपनियों से संपर्क करेगी।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। राज्य में विदेशी निवेश बढ़ाने के लिए इन्वेस्ट यूपी ने 20 से ज्यादा देशों को चिह्नित किया है। पहले चरण में इन्वेस्ट यूपी की तरफ से छह देशों में रोड शो निकालकर निवेश को आकर्षित किया जाएगा। इसके बाद अन्य देशों में रोड शो निकाले जाएंगे।
जिन छह देशों में रोड शो की तैयारी की जा रही है उनमें फ्रांस, जर्मनी, दक्षिण कोरिया, ताइवान, संयुक्त अरब अमीरात और सिंगापुर शामिल हैं। इन देशों में वहां की स्थानीय कंपनियों के अलावा निवेश करने वाली अन्य देशों की कंपनियों के साथ इन्वेस्ट यूपी की टीम गोल मेज सम्मेलन भी करेगी।
राज्य में विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए इन्वेस्ट यूपी ने विशेष रणनीति तैयार की है। इसके तहत इन देशों की अलग से डेस्क स्थापित की गई है। इस डेस्क को संबंधित देशों के औद्योगिक ढांचे का अध्ययन कर विभिन्न प्रकार के उत्पाद तैयार करने वाली कंपनियों के साथ संपर्क करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
रोड शो से पहले संबंधित डेस्क की टीम सेमीकंडक्टर, टेक्सटाइल, एआइ, रक्षा, आटोमोबाइल, इलेक्ट्रिक व्हीकल, पर्यटन, रासायन, विमान, इलेक्ट्रानिक्स, फार्मा, इलेक्ट्रिकल, प्रोद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा, विमानन, कंप्यूटर उपकरण, मशीनरी, गैस, जहाज निर्माण व मरम्मत उद्योग के क्षेत्रों से जुड़ी कंपनियों से बातचीत कर राज्य की औद्योगिक नीतियों, भूमि तथा कुशल श्रमिकों की उपलब्धता की जानकारी दे रही है।
साथ ही राज्य सरकार की तरफ से निवेश पर दी जाने वाली अन्य सुविधाओं के बारे में भी कंपनियों को जानकारी दी जा रही है। इससे रोड शो के दौरान संबंधित कंपनियों के साथ निवेश को लेकर अगले चरण की बातचीत की जा सकेगी।
रोड शो को लेकर संबंधित देशों में स्थित भारतीय दूतावास की मदद से बाजार में निर्यात की संभावनाएं भी तलाशी जाएंगी। इसके लिए कुछ निर्यातकों को भी साथ लेने की तैयारी की जा रही है। अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने के बाद निर्यात को बढ़ाने के लिए अमेरिका के अलावा अन्य देशों के विकल्प पर भी काम किया जा रहा है।
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