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    Lucknow University: अफगानी छात्रों को सता रही अपनों की चिंता, इंटरनेशनल स्टूडेंट एडवाइजर ने काउंसि‍लिंग कर दिया सुरक्षा का आश्‍वासन

    एलयू में पढ़ रहे अफगानी छात्रों ने अफगानिस्तान में रहने वाले अपने परिवार से लगातार फोन पर बातचीत कर वहां का हाल जाना। इस दौरान विश्वविद्यालय के प्रो. आरपी सिंह भी छात्रावास पहुंचे और छात्रों की काउंसिलिंग कर परिसर में सुरक्षा का भरोसा दिया।

    By Rafiya NazEdited By: Updated: Tue, 17 Aug 2021 06:46 PM (IST)
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    लखनऊ विश्वविद्यालय ने की अफगानिस्तान के छात्रों की काउंसिलिंग।

    लखनऊ, जागरण संवाददाता। तालिबान की तरह से अफगानिस्तान पर कब्जा करने की घटना से लखनऊ विश्वविद्यालय के आचार्य नरेंद्र छात्रावास में रहने वाले अफगानी छात्र अपनों को लेकर टेंशन में हैं। मंगलवार को अफगानी छात्रों ने अफगानिस्तान में रहने वाले अपने परिवार से लगातार फोन पर बातचीत कर वहां का हाल जाना। इस दौरान विश्वविद्यालय के प्रो. आरपी सिंह भी छात्रावास पहुंचे और छात्रों की काउंसिलिंग कर परिसर में सुरक्षा का भरोसा दिया।

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    छात्रों का कहना है कि अफगानिस्तान में परिवार रहता है। जिस तरीके से वहां के हालात बिगड़े हैं, उससे बहुत बड़ी समस्या पैदा हो गई है। हमें अपनों की चिंता है। इसलिए लगातार फोन से संपर्क करके हाल ले रहे हैं। मन में अलग सी बेचैनी है। इंटरनेशनल स्टूडेंट एडवाइजर के निदेशक प्रो. आरपी सिंह ने मंगलवार को अफगानी छात्रों से मिलकर उनकी काउंसिलिंग की। बताया कि विश्वविद्यालय में वह पूरी तरह से सुरक्षित हैं। उन्हें हर तरह की सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं। हर एक छात्र से बातचीत की जा रही है। छात्रों ने अपने परिवार से भी संपर्क बनाए रखा है।

    पत्नी और बच्चों को यहां लाने की इच्छा: विश्वविद्यालय के मास्टर आफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन के अफगानी छात्र ने बताया कि उसका परिवार अफगानिस्तान में है। वहां पत्नी, एक बेटा और एक बेटी है। उन सभी को हालात सुधरने तक यहां लाने की इच्छा है। लेकिन पत्नी का पासपोर्ट न होने की वजह से दिककत है। परिवार से संपर्क बना हुआ है। मास्टर आफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन कोर्स के छात्र मसीउल्लाह इल्हाम के माता, पिता और बहन काबुल में रहते हैं। वह बताते हैं कि तालिबान के हमले से अफगानिस्तान में काफी दिक्कतें पैदा हो गई हैं। वहां का भविष्य नहीं समझ में आ रहा है। परिवार के पास सिर्फ आधार कार्ड है। वीजा न होने की वजह से यहां आने में परेशानी हो रही है। उनसे लगातार बातचीत कर रहा हूं।