Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Indo-Japan Business Pact : जापानी प्रतिनिधिमंडल ने किया ग्रेटर नोएडा की लोहुम क्लीनटेक का दौरा

    Updated: Thu, 10 Jul 2025 12:25 PM (IST)

    Industrial and Infra Development in India जापान के प्रतिनिधिमंडल ने प्रौद्योगिकी हस्तांतरण ई-कचरे से सामग्री निकालने हरित व सुरक्षित आपूर्ति श्रृंखला के निर्माण पर कंपनी के प्रतिनिधियों से बातचीत की। लोहुम के सीईओ रजत वर्मा ने बताया कि भारत-जापान की साझेदारी टिकाऊ हरित और आत्मनिर्भर आपूर्ति श्रृंखलाओं का एक नया माडल होगी।

    Hero Image
    जापानी प्रतिनिधिमंडल ने किया ग्रेटर नोएडा की लोहुम क्लीनटेक का दौरा

    राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : जापान के प्रतिनिधिमंडल ने ग्रेटर नोएडा में लोहुम क्लीनटेक के संयंत्र का दौरा किया। लोहुम भारत की सबसे बड़ी लिथियम-आयन बैटरी रीसाइक्लिंग और प्रसंस्करण कंपनी है।

    ग्रेटर नोएडा में लोहुम क्लीनटेक के संयंत्र के दौरा के अवसर पर भारत-जापान के बीच द्विपक्षीय निवेश व साझेदारी के अवसरों पर चर्चा हुई। कंपनी के जारी एक बयान के अनुसार, इस प्रतिनिधिमंडल में जापान की अर्थव्यवस्था, व्यापार और उद्योग मंत्रालय (एमईटीआइ), जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग बैंक (जेबीआइसी), जापान विदेश व्यापार संगठन (जेईटीआरओ) और वित्त मंत्रालय के अधिकारी शामिल थे। भारत-जापान की साझेदारी चीन के दबदबे वाली वैश्विक बैटरी सप्लाई चेन में अब नया मोड़ देने जा रही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जापानी दूतावास और क्वॉड देशों (भारत, जापान, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया) के 74 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने ग्रेटर नोएडा में लोहम कंपनी का दौरा किया। यह कंपनी भारत की सबसे बड़ी लीथियम-आयन बैटरी रिसाइक्लिंग और क्रिटिकल मटेरियल प्रोसेसिंग यूनिट है। प्रतिनिधिमंडल में जापान के मेटी, बास्क, जेट्रो और वित्त मंत्रालय के अधिकारी शामिल थे। उन्होंने भारत-जापान के बीच साझा निवेश, ई-वेस्ट से रीयूजेबल मटेरियल निकालने, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और ग्रीन सप्लाई चेन पर बातचीत की। इस दौरे को चीन की मिनरल नीति के खिलाफ एक रणनीतिक जवाब के रूप में देखा जा रहा है। लोहम के सीईओ रजत वर्मा ने कहा कि भारत-जापान का सहयोग टिकाऊ, ग्रीन और आत्मनिर्भर सप्लाई चेन का नया मॉडल बनेगा। क्रिटिकल मिनरल्स वो दुर्लभ और महंगे खनिज हैं जो आधुनिक तकनीक, बैटरियों, सेमी-कंडक्टर्स, रिन्यूएबल एनर्जी उपकरणों, रक्षा उपकरणों और स्मार्टफोन जैसी चीजों में जरूरी हैं।

    लिथियम ताे EV बैटरियों में अहम है, ऐसे ही कोबाल्ट एनर्जी डेंसिटी के लिए ज़रूरी है। जापान के प्रतिनिधिमंडल ने प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, ई-कचरे से सामग्री निकालने, हरित व सुरक्षित आपूर्ति श्रृंखला के निर्माण पर कंपनी के प्रतिनिधियों से बातचीत की। लोहुम के सीईओ रजत वर्मा ने बताया कि भारत-जापान की साझेदारी टिकाऊ, हरित और आत्मनिर्भर आपूर्ति श्रृंखलाओं का एक नया माडल होगी।

    उन्होंने बताया कि जापान के प्रतिनिधिमंडल का दौरा न केवल औद्योगिक निरीक्षण के लिए था, बल्कि वैश्विक बैटरी और महत्वपूर्ण खनिज आपूर्ति के परिदृश्य में अत्यंत महत्वपूर्ण होगा। ई-वेस्ट भारत का, तकनीक जापान की भारत के पास ई-कचरे का भंडार (ई-वेस्ट) है, तो जापान के पास परिष्कृत तकनीक और क्लोज्ड-लूप सर्कुलर इकोनॉमी मॉडल है। दोनों देशों के लिए बैटरी और क्रिटिकल मिनरल्स में साझेदारी सिर्फ व्यापार नहीं, बल्कि चीन के एकतरफा नियंत्रण के खिलाफ एक सुरक्षित रणनीति भी है।

    पुरानी बैटरी से नई बैटरी बनाने की तकनीक लोहुम की सबसे बड़ी ताकत है। यह यात्रा केवल एक उद्योगिक दौरा नहीं, बल्कि वैश्विक बैटरी युद्ध में भारत की निर्णायक मौजूदगी का ऐलान है। क्वॉड की नज़र में लोहम अब सिर्फ़ एक फैक्ट्री नहीं, बल्कि दक्षिण एशिया का 'क्रिटिकल मिनरल सेंटर' बन चुका है।

    comedy show banner
    comedy show banner