Indian Railways: रेलवे ने तीन गुणा तक बढ़ा दी मालगाड़ियों की रफ्तार
Indian Railways Increased Speed उत्तर रेलवे मुख्यालय की प्रधान मुख्य परिचालन प्रबंधक डा. मोनिका अग्निहोत्री ने मालगाड़ियों को घंटों रोके जाने की समस्या को दूर करने के लिए एक नई पहल की है। मालगाड़ियों की अधिक लेट लतीफी से जहां माल की डिलीवरी में देरी होती है वहीं रेलवे को भी नुकसान होता है।

जागरण संवाददाता, लखनऊ: नियमित सवारी ट्रेनों को रास्ता देने के लिए लूप लाइन पर घंटों मालगाड़ियों को खड़ी रखना अब पुरानी बात हो गई है। उत्तर रेलवे के मंडलों में मालगाड़ियां भी अब तय समय पर अपनी मंजिल तक पहुंचने लगी हैं। इसका असर नवरात्रि पर दिखायी दिया।
इस बार नवरात्रि पर लखनऊ सहित आसपास के जिलों में फैक्ट्रियों से निकली नई कारें पहले की अपेक्षा आसानी से उपलब्ध हो रही हैं। ऐसा कारों को लाने वाली गति वाहन सर्विस के जल्दी लखनऊ के ट्रांसपोर्टनगर स्टेशन पहुंचने के कारण हो रहा है। गति वाहन सर्विस ही नहीं, पंजाब के फिरोजपुर और अंबाला रेल मंडल से गेहूं लेकर आने वाली मालगाड़ियों की औसत गति तीन गुणा तक बढ़ गई है।
उत्तर रेलवे मुख्यालय की प्रधान मुख्य परिचालन प्रबंधक डा. मोनिका अग्निहोत्री ने मालगाड़ियों को घंटों रोके जाने की समस्या को दूर करने के लिए एक नई पहल की है। मालगाड़ियों की अधिक लेट लतीफी से जहां माल की डिलीवरी में देरी होती है, वहीं रेलवे को भी नुकसान होता है।
डा. मोनिका के आदेश पर दिल्ली से बंदरगाहों को जाने वाली निर्यात स्पेशल मालगाड़ियों, पंजाब से राशन लेकर उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखड़, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों की ओर जाने वाली अन्नपूर्णा , हरियाणा के फारूखनगर से लखनऊ के ट्रांसपोर्टनगर तक आटोमोबाइल रैक वाली गतिवाहन सर्विस के गंतव्य तक पहुंचने के घंटे तय कर दिए हैं।
प्रधान मुख्य वाणिज्य प्रबंधक नरसिंह दास भी स्वयं मालगाड़ियों की लोडिंग-अनलोडिंग समय पर कराने के लिए लगातार निगरानी कर रहे हैं। अन्नपूर्णा स्पेशल मालगाड़ी फिरोजपुर,अंबाला, दिल्ली, मुरादाबाद और लखनऊ रेल मंडल में प्राथमिकता से दौड़ रही हैँ। इन मालगाड़ियों की औसत गति पहले 20 से 22 किलोमीटर प्रति घंटा थी, जो अब बढ़कर 58 से 60 किलोमीटर प्रतिघंटा हो गई है।
उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल से प्रतिदिन लगभग दो मालगाड़ियां गुजरती हैं। कारों को उत्पादन इकाईयों से नान पार्सल मैकेनाइज्ड गुड्स (एनएमजी) वैगन से लाने वाले आटोमोबाइल रेक की ट्रांसपोर्टनगर फ्रेट टर्मिनल पर बिना देरी के अनलोडिंग करने और फिर तुरंत वापस के लिए सीनियर डीसीएम फ्रेट गौरव दीक्षित और सीनियर डीओएम रजनीश श्रीवास्तव की टीम लगातार काम कर रही है।
फारूखनगर से ट्रांसपोर्टनगर तक अब 560 किमी. की दूरी तय करने में इस मालगाड़ी को 28 से 30 घंटे लग रहे हैं। पहले यह दूरी तय करने में 60 घंटे तक लग जाते थे। हर महीने 10 से 12 रेक आ रहे हैं। एक रेक में 125 कारें आती हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।