Indian Railways : जीआरपी लखनऊ का सराहनीय कार्य, तीन सौ से अधिक यात्रियों की लौटी मुस्कान
Lucknow GRP Good Work जीआरपी में मामला दर्ज कराया। जीआरपी लखनऊ की सर्विलांस सेल ने राजस्थान दिल्ली मुंबई बिहार झारखंड पश्चिम बंगाल तमिलनाडु मध्य प्र ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, लखनऊ । झारखंड में धनबाद के मृत्युंजय झा दिसंबर 2024 में जनता एक्सप्रेस से अमेठी से देहरादून की यात्रा जनरल बोगी में कर रहे थे। ट्रेन के लखनऊ पहुंचने तक उनका मोबाइल फोन चोरी हो गया। देहरादून पहुंचकर यात्री मृत्युंजय ने जीआरपी में मामला दर्ज कराया।
मामला लखनऊ पहुंचा और जीआरपी की सर्विलांस टीम ने उन्नाव में सक्रिय उनके मोबाइल फोन को बरामद कर लिया। सोमवार को सीओ जीआरपी हृषिकेश यादव और अमित सिंह ने उनको लखनऊ बुलाकर जब चोरी हुआ मोबाइल फोन सौंपा तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
मृत्युंजय झा की तरह ही गुजरात के बड़ौदा के रहने वाले तुकेश्वर का मोबाइल फोन अयोध्या धाम यात्रा के दौरान साबरमती एक्सप्रेस से चाेरी हो गया था। उनका मोबाइल फोन का पता लगाकर जीआरपी ने सोमवार को उनको सौंप दिया। देश के अलग-अलग हिस्सों के यात्रियों के ट्रेनों में सफर के दौरान मोबाइल फोन चोरी होने के यह चंद उदाहरण हैं।
जीआरपी लखनऊ की सर्विलांस सेल ने राजस्थान , दिल्ली, मुंबई, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश व पंजाब सहित कई राज्यों से करीब 45 लाख रुपये की कीमत के चोरी हुए 310 मोबाइल फोन बरामद कर उनको रेल यात्रियों को सौंप दिया।

खास बात यह है कि पिछले दो साल के दौरान चोरी हुए इन मोबाइल फोन की बरामदगी जीआरपी ने डेढ़ महीने के भीतर कर दी। इसके लिए जीआरपी जवान कई राज्यों में गए। वहां स्थानीय पुलिस की मदद ली।
पश्चिम बंगाल के वर्धमान के सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में तो चोरी का मोबाइल फोन इस्तेमाल कर रहे व्यक्ति को लखनऊ जीआरपी के आने की भनक लग गई। वह घर से भाग गया। जीआरपी की टीम वहां तीन दिन डेरा डाले रही और सर्विलांस की मदद से उस व्यक्ति तक पहुंचकर मोबाइल फोन बरामद कर ही वापस आयी।

ऐसे सक्रिय रहती है सर्विलांस टीम
चोरी और खोए हुए मोबाइल फोन की बरामदगी के लिए जीआरपी की सर्विलांस टीम एसपी की निगरानी में काम करती है। लखनऊ क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले 14 जिलों में रेल यात्रा के दौरान मोबाइल फोन चोरी होने की घटना की एफआइआर यात्री देश के किसी भी हिस्से में आनलाइन या आफलाइन दर्ज करा सकते हैं।
मुकदमा लखनऊ आने के बाद सर्विलांस टीम में तैनात सात सिपाही और प्रभारी आइएमईआइ नंबर की मदद से माेबाइल फोन के सक्रिय हेाते ही उसका पता लगाते हैं। सारी जानकारी जुटाने के बाद जीआरपी थानों पर तैनात सिपाहियों को मोबाइल फोन बरामदगी के लिए देश के हर हिस्से में भेजा जाता है। सिपाही मोबाइल फोन बरामद कर उसे लखनऊ लाते हैं। यहां से दूर और आने में अक्षम लोगों तक जीआरपी स्वयं मोबाइल फोन पहुंचाकर आती है।
इन जीआरपी थानाक्षेत्रों के इतने मोबाइल फोन हुए बरामद
थाना क्षेत्र - बरामद मोबाइल फोन की संख्या
चारबाग - 139
अयोध्या- 24
सुलतानपुर- 14
रायबरेली- 13
प्रतापगढ़- 24
बाराबंकी- 20
अकबरपुर- 7
शाहजहांपुर - 7
हरदोई - 36
उन्नाव- 14
लखीमपुर - 5
पीलीभीत - 1
सीतापुर- 6

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