नेचर वेल-बिल्ड वेल कंपनियों के दस्तावेज खंगालेगा आयकर, वित्तीय लेन-देन में अनियमितताओं की आशंका
आयकर विभाग नेचर वेल-बिल्ड वेल कंपनियों के दस्तावेजों की जांच करेगा। विभाग को इन कंपनियों के वित्तीय लेन-देन में अनियमितताओं की आशंका है। जांच में निवेश और आय के स्रोतों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। आयकर विभाग यह सुनिश्चित करना चाहता है कि कंपनियों ने सभी कर नियमों का पालन किया है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। राज्य कर अधिकारियों की काली कमाई रियल एस्टेट कारोबार में खपाए जाने के मामले में आयकर विभाग ने अपनी जांच तेज की है। आयकर विभाग ने रियल एस्टेट कारोबार से जुड़ी कंपनी नेचर वेल व बिल्ड वेल कंपनियों के संचालक अंशु उपाध्याय, अभिषेक मिश्रा, अविरल गुप्ता व अक्षयवृत शुक्ला को नोटिस देकर पूछताछ के लिए तलब किया था।
कंपनी संचालक आयकर विभाग के अधिकारियों का सामना करने से बच रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि संचालकों ने सामने आने के लिए और वक्त मांगा है। आयकर विभाग उन्हें जल्द फिर नोटिस जारी कर सकता है।
राज्य कर विभाग के अधिकारियों ने इन्हीं दोनों कंपनियों के संचालकों के माध्यम से लखनऊ में कई कीमती जमीनी खरीदी हैं। अधिकारियों ने यह संपत्तियां अपनी पत्नियों व अन्य स्वजन के नाम खरीदी थीं।
अगली कड़ी में कंपनी संचालकों से पूछताछ के साथ ही जमीनों की खरीद-फरोख्त की मनी ट्रेल को खंगाला जाएगा। यह देखा जाएगा कि लखनऊ में सुलतानपुर रोड पर बेशकमीती जमीनें खरीदने में कंपनी संचालकों ने रकम कहां से जुटाई।
कंपनी संचालकों में एक राज्य कर विभाग के एक पूर्व अधिकारी का रिश्तेदार है। जबकि एक संचालक राज्य कर विभाग में तैनात एक अन्य अधिकारी का रिश्तेदार है। इनके माध्यम से ही अन्य अधिकारियों द्वारा बड़ी रकम निवेश करने की बात सामने आई है।
मामले में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने भी अपनी जांच शुरू की है। कंपनी संचालकों समेत कई अधिकारियों की मोबाइल काल डिटेल भी खंगाली जा रही है। यह भी देखा जा रहा है कि किन अधिकारियों का रियल एस्टेट कारोबारियों से अधिक मेलजोल रहा है।
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