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    UPPSC PCS Result: पीसीएस 2022 में लखनऊ की प्रतीक्षा को दूसरा, सल्तनत परवीन को छठां स्थान, फहराया सफलता का परचम

    By Jagran NewsEdited By: Prabhapunj Mishra
    Updated: Sat, 08 Apr 2023 07:29 AM (IST)

    पीसीएस 2022 में लखनऊ की प्रतीक्षा पांडेय ने प्रदेश में दूसरा स्‍थान और सल्तनत परवीन ने छठां स्थान हास‍िल कर प्रदेश में सफलता का परचम फहराया है। मेधावियों ने दूसरे से चौथे प्रयास में निरंतर पढ़ाई कर अपने सपनों को साकार क‍िया है।

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    UPPSC PCS Result: पीसीएस 2022 में लखनऊ की प्रतीक्षा और सल्‍तनत का जलवा

    लखनऊ, जागरण संवाददाता। 'कोशिश करने वालों की हार नहीं होती ...' कविता की इस लाइन को राजधानी के मेधावियों ने फिर सही साबित किया है। सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा (पीसीएस) 2022 में शहर की दो महिलाओं प्रतीक्षा पांडेय ने प्रदेश में दूसरा व सल्तनत परवीन ने छठां स्थान हासिल किया है। मेधावियों ने सिविल सर्विसेज का लक्ष्य तय करके निरंतर पढ़ाई की और दूसरे से चौथे प्रयास में ही सफलता का परचम लहरा दिया। सभी मेधावियों का कहना है कि समाचारपत्र उनकी सफलता का सारथी बना।

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    कंप्यूटर साइंस से बीटेक अब होंगी एसडीएम

    अलीगंज के सेक्टर ओ निवासिनी सल्तनत परवीन ने पीसीएस में छठां स्थान हासिल किया है। न्यू वे सीनियर सेकेंडरी स्कूल से हाईस्कूल व इंटरमीडिएट अच्छे अंकों से उत्तीर्ण करने के बाद लखनऊ की ही इंट्रीग्रल यूनिवर्सिटी से 2016 में बीटेक किया। इसके बाद सिविल परीक्षाओं की तेयारी में जुट गईं और चौथे प्रयास में सफलता पाई। पिता मोहम्मद शमीम खान जनरल स्टोर की दुकान करते हैं और मां आसिया खान गृहिणी हैं। सल्तनत ने जामिया मिलिया से आरसीए को उत्तीर्ण करके तैयारी शुरू की। उनका दावा है कि प्रारंभिक परीक्षा के आब्जेक्टिव सवाल की वजह से चयन में देरी हुई लेकिन, बाद में पूरे मनोयोग से पढ़ाई की। कंप्यूटर की छात्रा ने मुख्य परीक्षा में मानव विज्ञान लेकर अहम इम्तिहान उत्तीर्ण किया। छोटा भाई अल्ताफ बीबीए में अंतिम वर्ष का छात्र है।

    बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर की तैयारी, बनेंगे डिप्टी एसपी

    हरदोई जिले के शाहाबाद तहसील निवासी विशाल गुप्ता ने तीसरे प्रयास में ही डिप्टी एसपी की 49वीं रैंक हासिल की है। आदर्श राष्ट्रीय इंटर कालेज से 12वीं करने के बाद बीएससी किया और फिर शाहजहांपुर में हिंदी साहित्य से एमए किया। 2019 से सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू की। दो बार कुछ अंकों से मेंस में सफलता नहीं मिली, इस बार साक्षात्कार तक में पीछे मुड़कर नहीं देखा। इनके पिता बृजेश कुमार गुप्ता परचून की दुकान करते हैं, माता किरन गुप्ता गृहिणी हैं। चार भाई बहनों में सबसे बड़े विशाल ने परिवार को ध्यान में रखकर बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर अपनी तैयारी की। मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना में इंटरव्यू की तैयारी की। साथ ही आनलाइन पढ़ाई करते रहे। दिल्ली की एक संस्था ने उन्हें मुफ्त में कोचिंग करवाई।

    किसान की बेटी कीर्तिका ने किया कमाल, बनी डिप्टी एसपी

    न्यू हैदराबाद निवासिनी कीर्तिका सिंह ने डिप्टी एसपी में 58वीं रैंक हासिल की है। यूनिवर्सल पब्लिक स्कूल से 12वीं करने के बाद बीबीडी से कंप्यूटर में बीटेक किया। 2016 में एमटेक करने के बाद साफ्टवेयर कंपनी में नौकरी की लेकिन, वहां मन नहीं लगा। पिता रमेश कुमार सिंह किसान हैं और माता मंजुला सिंह गृहिणी। आर्थिक तंगी होने के कारण उन्होंने समाज कल्याण विभाग की आदर्श पूर्व परीक्षा प्रशिक्षण केंद्र अलीगंज की मुफ्त कोचिंग किया। 10 से 12 घंटे नियमित पढ़ाई की। शिक्षिका नीरू सिंह का मार्गदर्शन काम आया।

    तीसरे प्रयास में डिप्टी एसपी बनीं ऋषिका

    उदयगंज हुसैनगंज निवासिनी ऋषिका सिंह डिप्टी एसपी में 80वीं रैंक हासिल की है। सेठ एमआर जयपुरिया कालेज गोमतीनगर से हाईस्कूल व इंटरमीडिएट 75 प्रतिशत से अधिक अंक पाकर उत्तीर्ण किया। 2015 में दौलत राम कालेज नई दिल्ली से बीकाम आनर्स किया और 2018 से सिविल परीक्षाओं की तैयारी शुरू की। निरंतर छह से सात घंटे पढ़ाई करके नोट्स बनाए और तीसरे प्रयास में सफल हुईं। वे एसडीएम बनना चाहती थी। पिता रवींद्र कुमार सिंह सचिवालय में कार्यरत हैं, माता अमिता सिंह गृहिणी हैं। वे महिला सुरक्षा पर कार्य करेंगी।

    आशुतोष बने सहायक जिला सेवायोजन अधिकारी

    राजाजीपुरम निकट आलमनगर स्टेशन निवासी आशुतोष श्रीवास्तव सहायक जिला सेवायोजन अधिकारी के रूप में चयनित हुए हैं। सेंट जोसेफ इंटर कालेज राजाजीपुरम से 12वीं उत्तीर्ण करने के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय से बीएससी और 2017 में रसायन विज्ञान से एमएससी किया। इनके बड़े भाई अनुराग श्रीवास्तव सिविल इंजीनियर हैं। पिता रमेश श्रीवास्तव वीडीओ पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं और माता इंदिरा श्रीवास्तव गृहिणी हैं। सिविल परीक्षा की तैयारी में लगातार जुटे रहे और तीसरे प्रयास में सफल हो गए।

    रवींद्रनाथ रावत बने नायब तहसीलदार

    बालागंज पुराना तोपखाना निवासी रवींद्रनाथ रावत ने चौथे प्रयास में नायब तहसीलदार बनने में कामयाब हो गए हैं। हाईस्कूल व इंटर की पढ़ाई लखनऊ पब्लिक स्कूल राजाजीपुरम से की और गलगोटिया इंस्टीट्यूट से 2016 में कंप्यूटर साइंस से बीटेक किया। इनकी माता राजवती रावत हैं। पहले रवींद्र ने पुणे में एक निजी कंपनी में नौकरी करने लगे लेकिन, वह रास नहीं आई। कोचिंग की जगह खुद अनवरत पढ़ाई की।

    राजकुमार का हुआ अभ्युदय

    बाराबंकी जिले के कजियापुर गांव निवासी राजकुमार का चयन जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी के रूप में तीसरे प्रयास में हुआ है। पिता तिलकराम शिक्षक हैं व माता श्रीमती देवी गृहिणी। लखनऊ क्रिश्चियन कालेज से बीएससी करने के बाद तैयारी शुरू की। मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के तहत लखनऊ विश्वविद्यालय की कोचिंग में पढ़ाई की। मेंस की तैयारी करने के लिए कुछ दिन निजी कोचिंग संस्थान का भी सहारा लिया।

    शालू राणा बनीं श्रम प्रवर्तन अधिकारी

    मेरठ जिले के मंडोरा गांव निवासी शालू राणा का दूसरे प्रयास में श्रम प्रवर्तन अधिकारी बन गई हैं। पिता सतीश कुमार सेना से सेवानिवृत्त हैं और माता धर्मवती देवी गृहिणी। स्नातक तक की पढ़ाई करने के बाद शालू ने समाज कल्याण विभाग की आदर्श पूर्व परीक्षा प्रशिक्षण केंद्र अलीगंज की परीक्षा उत्तीर्ण की। इसी के माध्यम से उन्होंने सिविल की तैयारी की। उनका पंजीकरण मुख्यमंत्री अभ्युदय कोचिंग में रहा।