विकसित यूपी के लिए आकांक्षी जिलों में सुधारी जाए शिक्षा की गुणवत्ता, अभियान में अब तक मिले 41 लाख सुझाव
उत्तर प्रदेश सरकार राज्य के आकांक्षी जिलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने पर ध्यान दे रही है। इन क्षेत्रों के छात्रों को बेहतर अवसर प्रदान करने के लिए शिक्षकों के प्रशिक्षण और स्कूलों के बुनियादी ढांचे के विकास जैसे कदम उठाए जा रहे हैं। सरकार का मानना है कि इससे शिक्षा का स्तर बढ़ेगा और छात्रों का भविष्य बेहतर होगा।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। समर्थ उत्तर प्रदेश विकसित उत्तर प्रदेश @2047: समृद्धि का शताब्दी पर्व महाभियान में अब तक 41 लाख सुझाव मिले हैं। जिलों में नोडल अधिकारियों और प्रबुद्धजनों के जनसंवाद में शिक्षा और कृषि क्षेत्र में सबसे अधिक भागीदारी दर्ज की गई है।
अभियान में अब तक 40 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों, 200 से अधिक नगर पालिकाओं, 15 नगर निगमों, 500 से अधिक नगर पंचायतों, 600 से अधिक क्षेत्र पंचायतों और 50 से अधिक जिला पंचायतों में बैठक आयोजित की गई हैं।
फतेहपुर की अंकिता सिंह ने आकांक्षी जिलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने का सुझाव दिया है। इसके अलावा अभ्युदय कोचिंग कार्यक्रम में अधिकारियों की कक्षाओं की व्यवस्था अनिवार्य रूप से करने ओर राजकीय विद्यालयों में महिला अधिकारियों के नियमित संवाद का सुझाव भी उन्होंने दिया है।
बलरामपुर के डा. अमित कुमार गौतम ने हर जिले में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) और मशीन लर्निंग सेंटर आफ एक्सीलेंस की स्थापना की बात कही है, जिससे प्रशासनिक कार्यों में तकनीक का अधिकतम उपयोग हो सके।
बांदा के धीरज कुमार ने पशुधन विकास को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण पशु चिकित्सा केंद्रों की स्थापना, आधुनिक डेयरी प्रबंधन और किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले चारे की उपलब्धता कराने का सुझाव दिया है।
ईओडब्ल्यू के वाराणसी सेक्टर को मिला पुरस्कार
आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (ईओडब्लू) की समीक्षा बैठक में उत्कृष्ट कार्य के लिए वाराणसी सेक्टर को सर्वश्रेष्ठ सेक्टर के रूप में पुरस्कृत किया गया। बुधवार को पुलिस मुख्यालय में हुई समीक्षा बैठक में डीजी नीरा रावत ने वाराणसी को सबसे अच्छा प्रदर्शन करने और मेरठ के निरीक्षक अजय कुमार शर्मा को सर्वश्रेष्ठ विवेचक के रूप में पुरस्कृत किया।
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