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लखनऊ में हिंदी पत्रकारिता पर आनलाइन परिचर्चा में बोले विशेषज्ञ, सामाजिक कुरीतियों को खत्म करने में अखबारों की अहम भूमिका

लखनऊ में आजादी का अमृत महोत्सव के तहत राष्ट्रीय सेवा योजना की ओर से स्वतंत्रता संग्राम की शानदार विरासत को आत्मसात करने के लिए पांच दिवसीय विशेष आनलाइन आयोजन शुरू हुआ। प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा सुभाष चंद्र शर्मा सहित कई लोगों ने अपने विचार रखे।

By Vikas MishraEdited By: Published: Fri, 10 Sep 2021 12:01 PM (IST)Updated: Fri, 10 Sep 2021 02:45 PM (IST)
लखनऊ में हिंदी पत्रकारिता पर आनलाइन परिचर्चा में बोले विशेषज्ञ, सामाजिक कुरीतियों को खत्म करने में अखबारों की अहम भूमिका
हिंदी पत्रकारिता की जुबानी विषय पर कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा सुभाष चंद्र शर्मा रहे।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। आजादी का अमृत महोत्सव के तहत राष्ट्रीय सेवा योजना की ओर से स्वतंत्रता संग्राम की शानदार विरासत को आत्मसात करने के लिए पांच दिवसीय विशेष आनलाइन आयोजन शुरू हुआ। आजादी की कहानी, हिंदी पत्रकारिता की जुबानी विषय पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा सुभाष चंद्र शर्मा ने कहा कि आजादी समाचार पत्रों द्वारा लोगों में राष्ट्रप्रेम की भावना को बढ़ाने का और सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ अलख जगाने का कार्य किया गया। उस समय पत्रकार अपनी बातों को बड़ी बेबाकी से रखते थे।

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कानपुर के निकट बिठूर स्थित संग्रहालय में संग्रहित गणेश शंकर विद्यार्थी के प्रतिष्ठित समाचार पत्र प्रताप के पुराने अंको में स्वयं सेवकों को आजादी के संघर्ष की गाथा देखने को मिलेगी। भगतसिंह के क्रांतिकारी जीवन की शुरुआत प्रताप से हुई थी। आज का दौर सोशल मीडिया का है। हम सभी को सोशल मीडिया का सकारात्मक उपयोग करना चाहिए। हमें अपने संविधान प्रदत्त अधिकारों के साथ कर्तव्यों का भी ध्यान रखना चाहिए और अपनी आजादी का सम्मान करना सीखना चाहिए।एनएसएस के राज्य संपर्क अधिकारी डा.अंशुमाली शर्मा के संचालन में आयोजित कार्यक्रम में एनएसएस के उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के क्षेत्रीय निदेशक डा.अशोक श्रोती ने भारत की आजादी के 75 वर्ष के अवसर पर अमृत उत्सव के पर्व पर संकल्प लेने का आह्वान किया और भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रम "फ्रीडम रन फार फिट इंडिया " को सफल बनाने को प्रेरित किया।

नई दिल्ली के भारतीय जनसंचार संस्थान के निदेशक प्रोफेसर संजय द्विवेदी ने राम मोहन राय व भारतेंदु हरिश्चंद्र से लेकर गणेश शंकर विद्यार्थी, माधव प्रेस के साथ साथ राष्ट्रीय नायकों महात्मा गांधी, लोकमान्य तिलक आदि का उल्लेख करते हुए स्वतंत्रता आंदोलन में इनके योगदान पर अपना व्यक्तव्य रखा। उन्होंने कहा कि अमृत महोत्सव का यह क्षण बहुत ऐतिहासिक है। राष्ट्रीय सेवा योजना और पत्रकारिता के उद्देश्य में काफी समानता है। दोनों का उद्देश्य समाज की सेवा करना, चेतना जगाना व मार्गदर्शन करना है। अब हम सभी को आजाद भारत के 75 साल के बाद आगे आने वाले वर्षों को स्वर्णिम बनाना है। प्रश्नोत्तर सत्र में मुस्कान, सनोवर खान व दिग्विजय कुमार ने वर्तमान समय में पत्रकारिता की प्रासंगिकता, प्रिंट मीडिया बनाम सोशल मीडिया ,आजादी से पहले पत्रकारिता की स्थिति पर कई सवाल पूछे जिसका विशेषज्ञों उत्तर दिए।


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