अलर्ट : टीबी का लक्षण दिखे तो कराएं कैंसर की भी जांच
टीबी और फेफड़े के कैंसर के दिखते हैं समान लक्षण, 2018 में देश में फेफड़े के कैंसर के 67795 नए मामले आए। ...और पढ़ें

लखनऊ, जेएनएन। देश में फेफड़े के कैंसर से सबसे ज्यादा लोगों की मौत होती है। लगभग 90 फीसद लोग कैंसर की एडवांस स्टेज पर इलाज के लिए आते हैं। दरअसल, जानकारी के अभाव में अधिकतर मामलों में फेफड़े के कैंसर में मरीजों का टीबी का इलाज शुरू हो जाता है। जिसकी वजह से कैंसर एडवांस स्टेज तक पहुंच जाता है।
लोहिया संस्थान के अंकोलॉजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. गौरव गुप्ता ने गुरुवार को बताया कि वर्ष 2018 में देशभर में फेफड़े के कैंसर के 67795 नए मामले आए हैं। फेफड़े के कैंसर के खांसी, बलगम, सीने में दर्द, भूख कम लगना, फीवर होना, सिर दर्द, नींद न आना, कमजोरी आना, इंफेक्शन होना आदि लक्षण हैं। एडवांस स्टेज में बलगम में खून आना, हड्डियों में दर्द आदि लक्षण दिखाई देते हैं। ये सभी लक्षण टीबी में भी दिखाई देते हैं, इसलिए जरूरी है कि टीबी के साथ कैंसर की भी जांच कराएं। खासकर जब टीबी की दवा चलने के बाद फायदा न हो तो कैंसर की जांच अवश्य करानी चाहिए।
धूम्रपान है सबसे बड़ा कारण
लंग (फेफड़े) के कैंसर का सबसे बड़ा कारण धूम्रपान है। रेडॉन एक्सपोजर, प्रदूषण भी इसके कारण हैं। लंग कैंसर की जांच में बायोप्सी (नीडल ब्रॉन्कोस्कोपी, थोरोस्कॉपिक और ओपन बॉयोप्सी आदि) होती है। लंग कैंसर के महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में अधिक होता है। इसके इलाज में टारगेटेड थेरेपी ज्यादा कारगर नहीं है, लेकिन इससे कैंसर रोगियों के जीवन में सुधार आया है। पहले जो कैंसर रोगी आठ से नौ माह तक जीवित रहते थे वह अब पांच साल तक जीवित रहते हैं।

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