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    पशु बीमार है तो कॉल करें, घर पर आएगा मोबाइल अस्पताल, जानें-क्या है यूपी सरकार की योजना

    By Vikas MishraEdited By:
    Updated: Mon, 01 Nov 2021 03:26 PM (IST)

    बीमार मवेशियों के इलाज की सशक्त व्यवस्था करने के लिए पशुपालन विभाग अब मोबाइल अस्पताल की तैयारी कर रहा है। आठ नवंबर को केंद्रीय पशुपालन मंत्री परसोत्तम ...और पढ़ें

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    मोबाइल अस्पताल की शुरुआत से पशुपालकों को मवेशियों के इलाज के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।

    लखनऊ, [जितेंद्र उपाध्याय]। बीमार मवेशियों के इलाज की सशक्त व्यवस्था करने के लिए पशुपालन विभाग अब मोबाइल अस्पताल की तैयारी कर रहा है। आठ नवंबर को केंद्रीय पशुपालन मंत्री परसोत्तम रुपाला और प्रदेश के पशुपालन मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी इस योजना की घोषणा के साथ ही खुरपका मुंहपका से बचाव के टीकाकरण की शुरुआत करेंगे। 

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    2016 में मवेशियों के लिए एंबुलेंस सेवा के बाद अब इस मोबाइल अस्पताल की शुरुआत से पशुपालकों को मवेशियों के इलाज के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। पशुपालक टोल फ्री नंबर 1962 पर फोन करके अपनी लोकेशन बता कर मोबाइल अस्पताल को अपने घर बुला सकता है। उप निदेशक नियोजन डा. वीके सिंह ने बताया कि एक लाख मवेशियों पर एक मोबाइल पशुचिकित्सालय होगा। पशुचिकित्सालय में चिकित्सक के साथ ही अन्य पैरा वेटनरी स्टाफ होगा जो मवेशियों का पशुपालकों के घर पर ही निश्शुल्क इलाज करेगा। 

    सूबे में 5.20 करोड़ मवेशीः पशुपालन निदेशक डा.एके सिंह ने बताया कि प्रदेश में 1.95 गोवंश और 3.25 भैंस हैं। ऐसे में 520 मोबाइल चिकित्सालयों के माध्यम से सभी मवेशियों को इलाज की सुविधा दी जाएगी। वाहनों को खरीदने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अगले महीने से इसकी शुरुआत हो सकती है। पशुपालन विभाग की ओर से सात साल बाद 2019 मेें हुई गणना में देसी गाेवंश में 31.71 लाख की कमी आई है वहीं विदेश नस्ल की गाय के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है। वर्ष 2012 में सूबे में विदेशी नस्ल के गोवंश की संख्या 35.79 लाख थी जो 2019 में बढ़कर 61.23 लाख पहुंच गई है। सूबे में दोनों को मिलाकर गोवंश की संख्या 1.90 करोड़ है।

    सात साल में प्रमुख मवेशियों के बढ़ने-घटने का प्रतिशत 

    • विदेशी गाय की संख्या         71.08 फीसद बढ़ी
    • देसी गाय की संख्या            19.28 फीसद घटी
    • भैंस की संख्या संख्या          7.81 फीसद बढ़ी
    • शूकर की संख्या                 69.34 फीसद घटी
    • कुक्कट की संख्या               32.91 फीसद घटी